उज्जैन में विश्व हिंदू परिषद के पोस्टर ने मचाया बवाल: आखिर क्यों लिखा गया 'अब तो नाम पूछना ही पड़ेगा'?

उज्जैन में वीएचपी और बजरंग दल ने लगाए विवादित होर्डिंग, जिसमें लिखा - "अगर धर्म पूछकर गोली मारी जा सकती है तो धर्म पूछकर व्यापार करना पड़ेगा"। शहरभर में मचा हलचल।

उज्जैन में विश्व हिंदू परिषद के पोस्टर ने मचाया बवाल: आखिर क्यों लिखा गया 'अब तो नाम पूछना ही पड़ेगा'?
उज्जैन में धर्म पूछने वाले पोस्टर से मचा बवाल

हाइलाइट्स
  • उज्जैन में लगे पोस्टर से मचा बवाल – लिखा गया: ‘अब तो नाम पूछना ही पड़ेगा’
  • विश्व हिंदू परिषद ने पहलगाम हमले का ज़िक्र कर धर्म पूछकर व्यापार की अपील की
  • संगठन बोला – धार्मिक पहचान छुपाकर कारोबार कर रहे लोगों से सावधान रहें

मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में इन दिनों कुछ होर्डिंग्स ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इन होर्डिंग्स में लिखा गया है – "अगर धर्म पूछकर गोली मारी जा सकती है तो धर्म पूछकर ही व्यापार करना पड़ेगा। अब तो नाम पूछना ही पड़ेगा अपने बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए।" इन बैनरों के साथ पहलगाम आतंकी हमले की तस्वीर भी लगी है। यह बैनर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा लगाए गए हैं और शहर के करीब 10 प्रमुख स्थानों पर नजर आ रहे हैं।

इन होर्डिंग्स के पीछे की मंशा स्पष्ट करते हुए वीएचपी के जिला मंत्री अंकित चौबे ने कहा कि यह पहल हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में की गई है, जिसमें कथित तौर पर धर्म पूछकर 26 पर्यटकों की हत्या की गई थी। उन्होंने कहा, "जब किसी का धर्म पूछकर गोली मारी जा सकती है, तो व्यापार करने वाले व्यक्ति का धर्म जानने में क्या हर्ज है?"

"धर्म छुपाकर व्यापार करना गलत"

चौबे का आरोप है कि उज्जैन जैसे धार्मिक शहर में कुछ लोग अपना धर्म छुपाकर व्यापार कर रहे हैं, खासकर महाकाल मंदिर के आसपास होटल और अन्य व्यवसाय चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता को जागरूक करने के लिए यह कदम उठाया गया है ताकि वे दुकानदार या व्यापारी का धर्म जानकर ही खरीदारी करें।

पहलगाम हमले की तस्वीर ने बढ़ाया भावनात्मक प्रभाव

बैनरों में केवल संदेश नहीं, बल्कि भावनात्मक असर डालने वाली तस्वीरें भी हैं। पहलगाम की घटना की झलक दिखाते इन बैनरों में सनातनियों से भावनात्मक अपील की गई है कि वे सजग रहें और धर्म के आधार पर व्यापार संबंध तय करें।

“हिंदुस्तान मुर्दाबाद” के नारों से जुड़ी प्रतिक्रिया

संगठन का यह भी कहना है कि उनका विरोध उन लोगों से है जो 'हिंदुस्तान मुर्दाबाद' जैसे नारे लगाते हैं। इनका कहना है कि यह विरोध किसी धर्म विशेष से नहीं बल्कि उन लोगों से है जो देशद्रोही विचारधारा का समर्थन करते हैं।

लोगों में मिलेजुले भाव, कुछ समर्थन में तो कुछ विरोध में

जहां एक ओर कुछ लोग इन बैनरों को ‘जागरूकता की पहल’ बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों ने इसे समाज में नफरत फैलाने वाला करार दिया है। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर चर्चाएं गर्म हैं।

प्रशासन की चुप्पी, लेकिन माहौल पर नजर

फिलहाल प्रशासन की ओर से इन होर्डिंग्स को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन शहर में फैलती चर्चाओं और माहौल को देखते हुए संबंधित एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।

क्या कहता है यह विवाद?

उज्जैन में लगे ये होर्डिंग्स केवल शब्दों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह एक भावनात्मक और सामाजिक बहस की शुरुआत हैं। यह मुद्दा धार्मिक पहचान, व्यापारिक नैतिकता और सामाजिक एकता से जुड़ा है, जिस पर जनता की सोच और प्रतिक्रिया आने वाले समय में कई और सवाल खड़े कर सकती है।