शिकार या साजिश? बांधवगढ़ में करंट से दो युवकों की मौत, जीआई तार से रची गई थी मौत की पटकथा!

बांधवगढ़ में करंट से दो युवकों की मौत ने मचाई सनसनी! GI तार से रची गई थी शिकार की साजिश या कुछ और? पढ़ें पूरी घटना की इनसाइड स्टोरी।

शिकार या साजिश? बांधवगढ़ में करंट से दो युवकों की मौत, जीआई तार से रची गई थी मौत की पटकथा!
बांधवगढ़ में करंट से दो युवकों की दर्दनाक मौत

हाइलाइट्स
  • बांधवगढ़ में नाले में करंट, दो युवकों की मौके पर मौत
  • शिकारियों ने GI तार से फैलाया था बिजली का जाल
  • बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

मध्य प्रदेश के उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पास एक रहस्यमयी हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। उमरिया जिले के मानपुर रेंज के ग्राम नरवार में दो युवकों की करंट लगने से मौत हो गई, लेकिन सवाल ये है—क्या यह सिर्फ एक शिकार की नाकाम कोशिश थी या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश छुपी है?

घटना नरवार और गुरुवाही के बीच बह रहे एक नाले के पास हुई, जहां पानी में करंट फैला हुआ था। बताया जा रहा है कि इसी रास्ते के ऊपर से 11 केवी की हाई वोल्टेज लाइन गुजरती है, जिसमें से जीआई तार के जरिए करंट उतारा गया था—जंगली जानवरों को मारने के इरादे से। लेकिन इस 'शिकार जाल' में गांव के दो मासूम युवक—पुष्पेंद्र जायसवाल (35) और विपिन दहिया (28)—अपनी जान गंवा बैठे। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई, जिससे पूरे इलाके में मातम पसर गया है।

पुलिस मौके पर पहुंची, जांच शुरू

घटना की खबर मिलते ही ताला पुलिस चौकी प्रभारी वीरेन्द्र यादव अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में यह साफ हो गया है कि यह करंट जानबूझकर फैलाया गया था और इसके पीछे वन्य जीवों का अवैध शिकार ही मुख्य मकसद था।

परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़

इस हादसे ने दो परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है। पुष्पेंद्र जायसवाल, जो अपने पीछे छोटे-छोटे बच्चों को छोड़ गया है, अब उनके घर में कमाने वाला कोई नहीं रहा। वहीं, विपिन दहिया, जिसकी शादी पिछले साल ही हुई थी, उसकी नवविवाहित पत्नी पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। गांव में मातम पसरा हुआ है और हर कोई सदमे में है।

प्रशासन और टाइगर रिजर्व प्रबंधन पर उठे सवाल

इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के प्रबंधन और रात्रि गश्त व्यवस्था की पोल खोल दी है। सवाल यह है कि यदि इतनी बड़ी हाई वोल्टेज लाइन से जीआई तार जोड़कर करंट फैलाया गया, तो पार्क प्रबंधन को इसकी भनक तक क्यों नहीं लगी? क्या गश्त महज़ कागज़ों में हो रही है?

स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध शिकार के ऐसे प्रयास पहले भी हुए हैं, लेकिन प्रबंधन की उदासीनता के चलते कभी किसी पर बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। अब जबकि दो निर्दोष युवकों की जान गई है, तब प्रशासन की नींद खुलती दिख रही है।

वन्य जीवों की सुरक्षा बनाम इंसानी लापरवाही

यह घटना ना सिर्फ वन्य जीव सुरक्षा व्यवस्था की विफलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि अवैध शिकार के नाम पर इंसानों की जान भी दांव पर लग रही है। अब सवाल यह है कि क्या इस हादसे के बाद टाइगर रिजर्व प्रशासन अपनी कार्यप्रणाली में कोई सुधार करेगा? या फिर यह मामला भी समय के साथ ठंडे बस्ते में चला जाएगा?

स्थानीय लोगों की मांग: हो सख्त कार्रवाई

ग्राम नरवार के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस हादसे की जांच एसआईटी स्तर पर हो और दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा मिले। साथ ही, पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी का लाभ दिया जाए ताकि उनके जीवन की गाड़ी आगे चल सके।

बांधवगढ़ जैसे संवेदनशील वन क्षेत्र में इस तरह की घटना न सिर्फ चौंकाने वाली है बल्कि यह वन्य प्रबंधन की विफलता की भी गवाही देती है। अब देखना होगा कि इस हादसे से कोई सबक लिया जाता है या नहीं।