ग्वालियर में 60 अवैध अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन रद्द, सीएमएचओ की बड़ी कार्रवाई

दमोह की घटना के बाद ग्वालियर में सीएमएचओ ने 60 अवैध अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए। बिना लाइसेंस संचालित इन अस्पतालों की सूची और कार्रवाई की पूरी जानकारी पढ़ें।

ग्वालियर में 60 अवैध अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन रद्द, सीएमएचओ की बड़ी कार्रवाई
60 अवैध अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए

ग्वालियर में स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 60 अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए हैं। यह कार्रवाई दमोह में हुई एक दुखद घटना के बाद की गई, जिसमें अवैध रूप से संचालित अस्पतालों की लापरवाही सामने आई थी। ग्वालियर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने पाया कि ये अस्पताल बिना वैध रजिस्ट्रेशन के चल रहे थे, जिसके बाद तत्काल प्रभाव से इनके लाइसेंस रद्द किए गए। इस कार्रवाई का मकसद मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता लाना है। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।

दमोह की घटना ने खोली अवैध अस्पतालों की पोल

दमोह में हाल ही में एक घटना ने पूरे मध्य प्रदेश को हिलाकर रख दिया। एक अवैध रूप से संचालित अस्पताल में लापरवाही के कारण मरीजों की जान जोखिम में पड़ गई। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर किया। ग्वालियर में भी ऐसी अनियमितताओं को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि शहर के कई अस्पताल बिना किसी वैध अनुमति या रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे थे। इनमें से कुछ अस्पताल तो केवल कागजी तौर पर ही मौजूद थे, जबकि कुछ में बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव था।

किन अस्पतालों पर गिरी गाज?

सीएमएचओ ने जिन 60 अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए, उनकी सूची में कई बड़े नाम शामिल हैं। इनमें से कुछ प्रमुख अस्पताल इस प्रकार हैं:

  1. आदर्श अस्पताल - सहज शिक्षा लोक कल्याण समिति द्वारा संचालित
  2. अंबिका मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल - अवध माधव शिक्षा समिति ग्वालियर
  3. अनमोल अस्पताल
  4. आराध्या मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल
  5. बालाजी मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल - प्रयास शिक्षा प्रसार एवं समाज कल्याण समिति
  6. भारत अस्पताल - स्टार शिक्षा प्रसार समिति
  7. बुंदेलखंड अस्पताल
  8. चंबल अस्पताल और जीवन विज्ञान
  9. चांदक अस्पताल और अनुसंधान संस्थान
  10. चिरंजीवी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल

इसके अलावा, गैलेक्सी हॉस्पिटल, गोविंद हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, लाइफलाइन हॉस्पिटल, महारानी लक्ष्मी बाई अस्पताल, और संजीवनी हॉस्पिटल जैसे कई अन्य नाम भी इस सूची में शामिल हैं। पूरी सूची में 60 अस्पतालों का नाम है, जिनमें से अधिकांश समाज कल्याण समितियों या शिक्षा समितियों के नाम पर चलाए जा रहे थे।

क्यों रद्द हुए रजिस्ट्रेशन?

स्वास्थ्य विभाग की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इन अस्पतालों में से कई:

  • बिना वैध लाइसेंस के संचालित हो रहे थे।
  • इन अस्पतालों ने अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) हासिल नहीं किया था।
  • प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था।
  • बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं, जैसे प्रशिक्षित स्टाफ, उचित उपकरण, और स्वच्छता, नदारद थीं।
  • कुछ अस्पताल तो केवल कागजों में ही मौजूद थे और वास्तव में वहां कोई चिकित्सा सुविधा नहीं थी।

सीएमएचओ ने बताया कि इन अस्पतालों की अनियमितताएं मरीजों की जान के लिए खतरा बन रही थीं। दमोह की घटना ने यह साफ कर दिया कि ऐसी लापरवाही को और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

मरीजों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता

यह कार्रवाई ग्वालियर के नागरिकों के लिए एक राहत की खबर है। अवैध अस्पतालों के खिलाफ सख्ती से यह संदेश गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएमएचओ ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अस्पताल में इलाज कराने से पहले उसका रजिस्ट्रेशन और मान्यता जरूर जांच लें। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में भी ऐसी जांच जारी रहेगी और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आगे क्या होगा?

स्वास्थ्य विभाग ने इन 60 अस्पतालों को नोटिस जारी कर दिया है। अब इनके पास दो विकल्प हैं:

  1. सभी मानकों को पूरा करके दोबारा रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना।
  2. अस्पताल को पूरी तरह बंद करना।

विभाग ने यह भी कहा है कि अगर ये अस्पताल बिना अनुमति के दोबारा संचालित होते पाए गए, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, ग्वालियर में अन्य अस्पतालों की भी जांच तेज कर दी गई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

लोगों की प्रतिक्रिया

ग्वालियर के नागरिकों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। स्थानीय निवासी रमेश शर्मा ने कहा, “यह बहुत जरूरी कदम था। कई बार हम बिना सोचे-समझे किसी अस्पताल में चले जाते हैं, लेकिन अब हमें सतर्क रहना होगा।” वहीं, एक अन्य नागरिक नेहा जैन ने बताया कि वह अब केवल रजिस्टर्ड अस्पतालों में ही इलाज कराएंगी।

स्वास्थ्य विभाग की अपील

सीएमएचओ ने लोगों से कहा है कि अगर उन्हें किसी अस्पताल की वैधता पर शक हो, तो वे तुरंत स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें। इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है, जिस पर शिकायत दर्ज की जा सकती है। साथ ही, विभाग ने सभी अस्पताल संचालकों को चेतावनी दी है कि वे नियमों का पालन करें, वरना भविष्य में और सख्त कार्रवाई होगी।

मरीजों की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम

ग्वालियर में 60 अवैध अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन रद्द होने की यह कार्रवाई स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है। दमोह की घटना ने हमें यह सबक दिया है कि मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अब यह हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम सतर्क रहें और केवल मान्यता प्राप्त अस्पतालों में ही इलाज कराएं