बुरहानपुर: करंट से गर्भवती बाघिन और अजन्मे 3 शावकों की मौत, 3 हिरासत में – जानिए क्या है पूरा मामला
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में करंट से गर्भवती बाघिन की मौत, अजन्मे 3 शावक भी मारे गए। 3 संदिग्ध हिरासत में, जानें क्या है जंगल का दर्दनाक सच।

- गर्भवती बाघिन की करंट से मौत, पेट में थे 3 शावक
- बुरहानपुर में वन्यजीव हत्या, 3 संदिग्ध हिरासत में
- जंगल में मिले बिजली के तार, शिकार की आशंका
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के शाहपुर रेंज के चौंडी वन परिक्षेत्र (कक्ष क्रमांक 428) में मिली गर्भवती बाघिन और अजन्मे 3 शावकों की मौत ने वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अब इस मामले में नया मोड़ आया है। वन विभाग की प्रारंभिक जांच में बाघिन और उसके गर्भ में पल रहे तीन शावकों की मौत करंट लगने से होने की आशंका जताई गई है। इस सिलसिले में खेत मालिक, चौकीदार और एक अन्य व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
बाघिन की मौत से हड़कंप, लेकिन मीडिया को रोका गया
पिछले दिन जंगल में बाघिन का शव मिलने की सूचना ने पूरे वन अमले को सक्रिय कर दिया था। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) और मध्य प्रदेश के मुख्य वन्यजीव संरक्षक के निर्देशों पर मौके पर पहुंची टीम ने तुरंत जांच शुरू की। विशेषज्ञों की टीम द्वारा किए गए पोस्टमार्टम में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि मृत बाघिन गर्भवती थी और उसके पेट में तीन शावक थे। हालांकि, बाघिन के अंग पूरी तरह सुरक्षित पाए गए, जिससे शिकार की आशंका कम हुई।
लेकिन इस गंभीर घटना की कवरेज से स्थानीय मीडिया को दूर रखा गया, जिससे वन विभाग की पारदर्शिता पर सवाल उठे। सूत्रों का दावा है कि मौके पर मीडिया को रोकने की कोशिश की गई और बाघिन की मौत की सूचना को भी सीमित किया गया।
करंट लगाकर सुरक्षा या शिकार?
वन विभाग की प्राथमिक जांच के अनुसार, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बाघिन की मौत खेत में लगाए गए अवैध करंट के कारण हुई है। बताया जा रहा है कि कुछ किसान जंगली जानवरों से अपनी फसल को बचाने के लिए खेतों के चारों ओर करंट दौड़ाते हैं, जो वन्यजीवों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। यही कारण हो सकता है कि बाघिन और उसके तीन अजन्मे शावक करंट की चपेट में आकर मारे गए हों।
हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह घटना लापरवाही का नतीजा है या वन्यजीवों के अवैध शिकार की कोई साजिश। पोस्टमार्टम की विस्तृत रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी।
वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
इस घटना ने बुरहानपुर के जंगलों में वन विभाग की गश्त, निगरानी और संरक्षण व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। अगर खेतों में करंट दौड़ाने की घटनाएं इतनी आम हो गई हैं कि एक गर्भवती बाघिन तक उसकी शिकार हो जाए, तो यह न केवल विभाग की लापरवाही को दर्शाता है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण की नीतियों पर भी पुनर्विचार की जरूरत को उजागर करता है।
मेलघाट टाइगर रिजर्व से संबंध?
बुरहानपुर का जंगल महाराष्ट्र के मेलघाट टाइगर रिजर्व से सटा हुआ है, और यहां बाघों का आना-जाना सामान्य है। अब यह भी जांच का विषय है कि मारी गई बाघिन बुरहानपुर की थी या मेलघाट से आई थी। यदि वह मेलघाट की बाघिन थी, तो यह मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र के सीमावर्ती इलाकों में समन्वय की कमी को भी उजागर करता है।
आगे की राह और सख्त कार्रवाई की जरूरत
वन विभाग ने वन अपराध प्रकरण दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है। यदि करंट से मौत की पुष्टि होती है, तो दोषियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना से यह साफ है कि अब केवल गश्त बढ़ाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और निगरानी दोनों की सख्त ज़रूरत है।
यह घटना हम सभी के लिए एक चेतावनी है कि अगर हम समय रहते नहीं चेते, तो हमारे जंगलों का गौरव – बाघ – धीरे-धीरे हमारी लापरवाही का शिकार होता जाएगा।