धूले-सुरत हाईवे पर बस दुर्घटना: 20-25 यात्री गंभीर रूप से घायल, बच्चों की हालत नाजुक
धूले-सुरत हाईवे पर कोंडाबारी घाट में बस पलटने से 20-25 यात्री गंभीर रूप से घायल। बच्चों की हालत नाजुक, प्रशासन की लापरवाही पर सवाल। ताजा अपडेट पढ़ें।

- कोंडाबारी घाट हादसा: धूले-सुरत हाईवे पर बस पलटी, 20-25 यात्री गंभीर घायल, बच्चे भी शामिल
- स्थानीय लोगों की तत्परता: राहगीरों ने घायलों को बचाया, एंबुलेंस से धूले-नंदुरबार अस्पतालों में भेजा
- प्रशासन पर सवाल: बार-बार हादसों के बावजूद कोंडाबारी घाट पर सुरक्षा उपायों की कमी
महाराष्ट्र के धूले-सुरत हाईवे पर एक दर्दनाक बस दुर्घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। यह हादसा उस समय हुआ जब महाराष्ट्र राज्य परिवहन बोर्ड की एक बस, जो धूले से सुरत की ओर जा रही थी, कोंडाबारी घाट के खतरनाक मोड़ पर अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में 43 यात्रियों में से 20 से 25 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। स्थानीय लोगों और प्रशासन की तत्परता से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर कोंडाबारी घाट की खतरनाक सड़कों और प्रशासन की लापरवाही पर सवाल खड़े किए हैं।
हादसे का विवरण: क्या हुआ कोंडाबारी घाट पर?
यह हादसा शाम के समय हुआ, जब बस कोंडाबारी घाट के एक तीखे मोड़ से गुजर रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ड्राइवर ने बस का नियंत्रण खो दिया, जिसके कारण बस सीधे डिवाइडर से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस पलटकर लगभग 15-20 फीट दूर तक लुढ़क गई। बस में सवार यात्रियों में चीख-पुकार मच गई, और आसपास के लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े।
बस में कुल 43 यात्री सवार थे, जिनमें से कई को गंभीर चोटें आईं। घायलों में बच्चे भी शामिल हैं, जिनकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है। सौभाग्य से, इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन घायलों की स्थिति को देखते हुए तत्काल चिकित्सा सहायता की जरूरत थी।
त्वरित बचाव कार्य: स्थानीय लोगों का योगदान
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग और राहगीर घटनास्थल पर पहुंचे। उनकी मदद से घायलों को बस से बाहर निकाला गया। तीन एंबुलेंस की मदद से घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया। कुछ घायलों को विश्वादी के ग्रामीण अस्पताल में भर्ती किया गया, जबकि गंभीर रूप से घायल यात्रियों को नंदुरबार जिला अस्पताल और धूले सरकारी अस्पताल में भेजा गया।
स्थानीय लोगों की त्वरित प्रतिक्रिया और सहयोग ने कई जिंदगियां बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि, इस घटना ने कोंडाबारी घाट की सड़कों की खराब स्थिति और सुरक्षा उपायों की कमी को फिर से उजागर किया है।
कोंडाबारी घाट: दुर्घटनाओं का हॉटस्पॉट
कोंडाबारी घाट धूले-सुरत हाईवे का एक ऐसा हिस्सा है, जहां आए दिन हादसे होते रहते हैं। तीखे मोड़, संकरी सड़कें, और अपर्याप्त सुरक्षा उपाय इस क्षेत्र को वाहन चालकों के लिए खतरनाक बनाते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। हाईवे पुलिस और प्रशासन की ओर से बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
प्रशासन की लापरवाही पर सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। कोंडाबारी घाट पर सड़क सुरक्षा उपायों की कमी और नियमित निगरानी का अभाव इस तरह के हादसों को बढ़ावा दे रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मार्ग पर स्पीड ब्रेकर, चेतावनी बोर्ड, और बेहतर सड़क डिजाइन जैसे कदम उठाए जाने चाहिए। साथ ही, ड्राइवरों के लिए नियमित प्रशिक्षण और बसों की तकनीकी जांच भी जरूरी है।
घायलों की स्थिति और आगे की कार्रवाई
अस्पतालों में भर्ती घायलों का इलाज जारी है। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ यात्रियों की हालत स्थिर है, लेकिन बच्चों और बुजुर्गों की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं, और ड्राइवर के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया जा सकता है।
सुरक्षा के लिए जागरूकता जरूरी
यह हादसा हमें सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक होने की याद दिलाता है। कोंडाबारी घाट जैसे खतरनाक मार्गों पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को तुरंत कदम उठाने चाहिए। साथ ही, ड्राइवरों को सतर्कता और नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। हम सभी की जिम्मेदारी है कि सड़क पर सुरक्षित यात्रा को प्राथमिकता दें।