Indore Lokayukt Ki Kaarvayi: रोजगार सहायक 5000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा

Indore Lokayukt Ki Kaarvayi: धार जिले के रोजगार सहायक मदन लाल डामर को 5000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जानें प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार की कोशिश और लोकायुक्त की कार्रवाई का पूरा विवरण।

Indore Lokayukt Ki Kaarvayi: रोजगार सहायक 5000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा
आरोपी सहायक सचिव

Indore Lokayukt Ki Kaarvayi: मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत लोकायुक्त पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। इंदौर लोकायुक्त इकाई ने धार जिले के बदनावर तहसील में एक रोजगार सहायक को 5000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। यह कार्रवाई महानिदेशक लोकायुक्त श्री योगेश देशमुख के भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त निर्देशों के तहत की गई।

क्या है पूरा मामला?

धार जिले के ग्राम दौलतपुरा, ग्राम पंचायत सांगवी निवासी अनिल निनामा (25 वर्ष) ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज की थी। अनिल ने बताया कि उनकी और उनकी मां के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो अलग-अलग कुटीर स्वीकृत हुए थे। प्रत्येक कुटीर की पहली किस्त 25,000 रुपये उनके और उनकी मां के बैंक खाते में जमा होनी थी। लेकिन ग्राम पंचायत सांगवी के रोजगार सहायक मदन लाल डामर (38 वर्ष) ने इस राशि को खाते में जमा करने के लिए 15,000 रुपये की रिश्वत मांगी।

अनिल ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत इंदौर लोकायुक्त कार्यालय के पुलिस अधीक्षक श्री राजेश सहाय से की। शिकायत के सत्यापन के दौरान पाया गया कि मदन लाल डामर ने वास्तव में 15,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। शिकायत सही पाए जाने पर लोकायुक्त ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 17 अप्रैल 2025 को ट्रैप दल का गठन किया।

रंगे हाथों पकड़ा गया आरोपी

ट्रैप दल ने सुनियोजित तरीके से कार्रवाई को अंजाम दिया। अनिल से 5000 रुपये की रिश्वत लेते ही मदन लाल डामर को लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है। बदनावर में इस मामले की आगे की जांच और कार्रवाई जारी है।

लोकायुक्त की सक्रियता से भ्रष्टाचार पर लगाम

यह कार्रवाई मध्य प्रदेश लोकायुक्त की भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम का हिस्सा है। महानिदेशक लोकायुक्त श्री योगेश देशमुख ने बार-बार स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में भी लोकायुक्त की त्वरित कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।

पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय ने कहा, “हमारी टीम भ्रष्टाचार की हर शिकायत को गंभीरता से लेती है। इस मामले में भी आवेदक की शिकायत पर तुरंत सत्यापन किया गया और ट्रैप कार्रवाई को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। हम आम जनता से अपील करते हैं कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं और हमारी मदद करें।”

प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार की कोशिश

प्रधानमंत्री आवास योजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद लोगों को पक्का मकान उपलब्ध कराना है। लेकिन कुछ बेईमान लोग इस योजना का गलत फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। इस मामले में भी रोजगार सहायक ने योजना की पहली किस्त को लाभार्थी के खाते में जमा करने के लिए रिश्वत की मांग की, जो न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि गरीबों के हक पर डाका डालने जैसा है।

आम जनता के लिए प्रेरणा

अनिल निनामा जैसे आम नागरिकों की हिम्मत और जागरूकता इस तरह की कार्रवाइयों को संभव बनाती है। अनिल ने न केवल रिश्वत की मांग की शिकायत की, बल्कि लोकायुक्त के साथ मिलकर इस कार्रवाई को सफल बनाने में भी सहयोग किया। यह घटना अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं और बिना डरे कानूनी कार्रवाई के लिए आगे आएं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में लोकायुक्त की भूमिका

मध्य प्रदेश में लोकायुक्त पुलिस भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार सक्रिय है। छोटे से लेकर बड़े स्तर तक, लोकायुक्त की टीमें भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर नजर रख रही हैं। इस तरह की कार्रवाइयां न केवल भ्रष्टाचारियों में डर पैदा करती हैं, बल्कि आम जनता में भी यह विश्वास जगाती हैं कि कानून उनके साथ है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश

इंदौर लोकायुक्त की इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में कोई समझौता नहीं होगा। रोजगार सहायक मदन लाल डामर की गिरफ्तारी उन लोगों के लिए चेतावनी है जो सरकारी योजनाओं का गलत फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। साथ ही, यह आम जनता के लिए एक संदेश है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं और लोकायुक्त जैसे संस्थानों पर भरोसा करें।