यूनिफाइड पेंशन स्कीम का बुरहानपुर जिले में विरोध, कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की मांग

नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम के नेताओं ने बुरहानपुर में यूनिफाइड पेंशन स्कीम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का कहना है कि यह योजना उनके हित में नहीं है, और वे पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे हैं।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम का बुरहानपुर जिले में विरोध, कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की मांग
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के खिलाफ विरोध

मध्य प्रदेश: नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विजय कुमार बंधु जी, प्रदेश अध्यक्ष श्री परमानंद डेहरिया जी और प्रांतीय संयोजक ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित के नेतृत्व में बुरहानपुर जिले में आज यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। यह विरोध प्रदर्शन केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई नई पेंशन योजना के खिलाफ था, जो कर्मचारियों और अधिकारियों के हित में नहीं मानी जा रही है।

UPS को लेकर कर्मचारियों का आक्रोश

नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम के प्रांतीय संयोजक ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने विरोध प्रदर्शन के दौरान बताया कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम योजना कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए किसी भी तरह से लाभकारी नहीं है। उनके अनुसार, यह योजना कर्मचारियों के साथ एक बड़ा धोखा है। यूपीएस को लेकर प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों में भारी आक्रोश है, और वे लंबे समय से पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की मांग कर रहे हैं।

ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने कहा कि सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को समाप्त नहीं किया, बल्कि कर्मचारियों और अधिकारियों पर नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम को थोप दिया, जो उन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर रही है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश के कर्मचारी इस योजना का विरोध कर रहे हैं और लगातार पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं।

विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल

विरोध प्रदर्शन में मंडी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश मंत्री श्री सदानंद भाई, विजय सुगंधी, धनंजय पाठक, साधना पटेल, अविनाश श्रॉफ, दिनेश सोनी, कमलेश चौधरी, मिलिंद महाजन, संजय महेश्वरी, अशोक पाटिल, मनोज साल्वे, उल्लास पटेल, अनिल पाटिल, शंकर डगर और राजेश समेत कई अन्य कर्मचारी और नेता शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में कहा कि एनपीएस (नई पेंशन स्कीम) एक बड़ा घोटाला है, तो यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) और भी बड़ा घोटाला है।

कर्मचारियों ने यह भी कहा कि एनपीएस और यूपीएस दोनों ही योजनाएं कर्मचारियों के लिए लाभकारी नहीं हैं। इसलिए, उन्होंने सरकार से पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की मांग की है। उनका कहना है कि पुरानी पेंशन स्कीम कर्मचारियों के लिए सबसे बेहतर सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था है।

कर्मचारियों की प्रमुख मांग: पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली

सभी प्रदर्शनकारियों ने एकजुट होकर यह मांग की कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार को पुरानी पेंशन स्कीम को तुरंत बहाल करना चाहिए। उनका कहना है कि पेंशन का मामला सामाजिक सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू है, और पुरानी पेंशन स्कीम इसमें सबसे बेहतर व्यवस्था प्रदान करती है।

कर्मचारी नेताओं ने यह भी कहा कि वरिष्ठता के आधार पर कर्मचारियों की पेंशन की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि किसी भी कर्मचारी को वित्तीय सुरक्षा से वंचित न किया जा सके। उनका मानना है कि कर्मचारियों को उनके प्रथम नियुक्ति दिनांक से पेंशन का लाभ मिलना चाहिए, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रहे।

UPS और NPS में अंतर

नवीनतम पेंशन स्कीम (NPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) दोनों ही योजनाएं एक नई पेंशन व्यवस्था को लेकर आई हैं, लेकिन इन दोनों योजनाओं में कर्मचारियों के लिए कोई खास लाभ नहीं दिखता। इन दोनों योजनाओं में कर्मचारियों को भविष्य के लिए पर्याप्त पेंशन नहीं मिलती, और इसका असर उनके जीवन स्तर पर पड़ता है।

कर्मचारी नेताओं का मानना है कि जब तक पुरानी पेंशन स्कीम लागू नहीं होती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी कर्मचारी संगठनों को एकजुट होकर इस मुद्दे पर सरकार से दबाव बनाना चाहिए।

राज्य और केंद्र सरकार को कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखना चाहिए

कर्मचारी संगठनों द्वारा चलाया जा रहा यह विरोध प्रदर्शन यह दिखाता है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के लिए कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए पेंशन योजनाओं में बदलाव करना कितना महत्वपूर्ण है। कर्मचारियों का यह आंदोलन पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली के लिए है, जो उनकी वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। सरकार को इस आक्रोश और मांग को गंभीरता से लेकर जल्द ही समाधान निकालने की जरूरत है।

कर्मचारी संगठनों का यह संघर्ष जारी रहेगा, और उनकी मांग है कि उनकी मेहनत का सही मूल्य दिया जाए और उनका भविष्य सुरक्षित किया जाए।