पहलगाम हमले के बाद ओवैसी का बदला तेवर: पाकिस्तान पर हमलावर, राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर
पहलगाम आतंकी हमले के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने की मांग की। सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर देते हुए उनके बयान सोशल मीडिया पर वायरल। पढ़ें पूरी खबर।

- पाकिस्तान पर प्रहार: ओवैसी ने कहा, "पाकिस्तान आधी सदी पीछे, लश्कर-ए-तैयबा नाजायज औलाद।"
- सुरक्षा की मांग: पाक के खिलाफ नाकेबंदी, FATF ग्रे लिस्ट की वकालत; सरकार को समर्थन।
- धर्म आधारित हत्या की निंदा: आतंकियों के "ISIS जैसे" कृत्य की भर्त्सना, बयान वायरल।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुआ आतंकी हमला देश के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ। इस हमले में 26 लोगों की जान गई, और पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई। इस घटना के बाद से ही ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी का रुख पूरी तरह बदल गया है। हमेशा अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए चर्चा में रहने वाले ओवैसी इस बार पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखा रहे हैं। उनकी बातें न सिर्फ सर्वदलीय बैठक में गूंजीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही हैं।
पाकिस्तान को ओवैसी की दो टूक: "आधी सदी पीछे हो"
पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की बात सामने आने के बाद ओवैसी ने पड़ोसी मुल्क को जमकर लताड़ा। महाराष्ट्र के परभणी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "पाकिस्तान, तुम भारत से सिर्फ आधा घंटा नहीं, बल्कि आधी सदी पीछे हो। तुम्हारा पूरा बजट हमारे सैन्य बजट के बराबर भी नहीं है।" उन्होंने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को पाकिस्तान सरकार की "नाजायज औलाद" करार देते हुए कहा कि भारत के खिलाफ आतंकवादियों को ट्रेनिंग देने की पाकिस्तान की पुरानी आदत अब खत्म होनी चाहिए।
ओवैसी ने पाकिस्तान के परमाणु बम की धमकी को भी खारिज करते हुए कहा, "अगर तुम बेगुनाह लोगों को मारोगे, तो कोई भी देश चुप नहीं बैठेगा।" उनके इस बयान को सोशल मीडिया पर जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। एक यूजर ने लिखा, "ओवैसी ने पाकिस्तान की बोलती बंद कर दी।"
सर्वदलीय बैठक में ओवैसी का रुख
पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में ओवैसी ने मोदी सरकार को बिना शर्त समर्थन देते हुए कहा कि आतंकी समूहों को पनाह देने वाले देश के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून का हवाला देते हुए सुझाव दिया कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ हवाई और नौसैनिक नाकेबंदी कर सकता है और हथियारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा सकता है।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि पहलगाम के बैसरन मैदान में CRPF की तैनाती क्यों नहीं थी, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर भी बहस छिड़ गई। ओवैसी ने कहा, "हमें मरने वालों के परिवारों को न्याय देना होगा। ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए।"
धर्म पूछकर हत्या की कड़ी निंदा
पहलगाम हमले में आतंकियों ने लोगों का धर्म पूछकर गोली मारी, जिसकी ओवैसी ने कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा, "किसी का नाम या धर्म पूछकर उसकी जान लेना सरासर गलत है। ये आतंकी ISIS की तरह व्यवहार कर रहे हैं।" उनके इस बयान ने हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश दिया और पाकिस्तान की उस साजिश को नाकाम किया, जो भारत में सांप्रदायिक विभाजन की कोशिश करती है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे बयान
ओवैसी के बयान सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहे हैं। एक वायरल वीडियो में उन्होंने पाकिस्तानी नेताओं को "कमीने" और "कुत्ते" जैसे शब्दों से संबोधित किया, जिसे कुछ लोग उनके "राष्ट्रवादी अवतार" के रूप में देख रहे हैं। ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा, "ओवैसी का ये रूप देखकर हैरानी हुई, लेकिन देशहित में उनका ये स्टैंड काबिल-ए-तारीफ है।"
राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीरता
हमेशा मुस्लिम केंद्रित राजनीति के लिए जाने जाने वाले ओवैसी ने इस बार राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि कश्मीरी छात्रों के खिलाफ झूठा प्रचार बंद होना चाहिए, क्योंकि इससे आतंकी संगठनों को फायदा होता है। उनके इस बदले तेवर ने उनकी छवि को एक राष्ट्रवादी नेता के रूप में उभारा है।
क्या है पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि?
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को हिलाकर रख दिया। इस हमले में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया और 26 लोगों की जान चली गई। सरकार ने इसके जवाब में इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित कर दिया और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए। पाकिस्तान ने इसे "युद्ध की घोषणा" करार दिया, जिसके बाद तनाव और बढ़ गया।
आगे क्या?
ओवैसी के इस नए रुख ने न सिर्फ उनकी छवि को बदला है, बल्कि देश में एकता का संदेश भी दिया है। उनके बयानों ने पाकिस्तान को बैकफुट पर ला दिया है। अब सवाल ये है कि क्या सरकार सैन्य कार्रवाई की दिशा में कदम उठाएगी, या गैर-सैन्य कदमों से ही पाकिस्तान को सबक सिखाया जाएगा?
इस बीच, ओवैसी का ये अंदाज सोशल मीडिया पर छाया हुआ है, और लोग उनके इस "राष्ट्रवादी जोश" की तारीफ कर रहे हैं।