मध्य प्रदेश हाई कोर्ट: ठाकुर शिवकुमार सिंह हितेषी पैनल की जीत, विरोधियों की याचिका खारिज
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ठाकुर नवलसिंह शक्कर कारखाना चुनाव में विरोधी गुट की पुनरयाचिका खारिज की। ठाकुर शिवकुमार सिंह हितेषी पैनल की जीत बरकरार, किसानों के लिए बड़ी राहत।

बुरहानपुर: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक बार फिर ठाकुर नवलसिंह सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित नवलनगर झिरी, बुरहानपुर के चुनाव से जुड़े विवाद में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 02 अप्रैल 2025 को विरोधी गुट की पुनरयाचिका को खारिज कर दिया, जिससे ठाकुर शिवकुमार सिंह हितेषी पैनल की जीत पर मुहर लग गई। यह फैसला न केवल पैनल के लिए बड़ी राहत लेकर आया, बल्कि क्षेत्र के किसानों के हितों की रक्षा करने में भी अहम साबित हुआ।
चुनाव विवाद का पूरा मामला
यह पूरा मामला 11 मार्च 2025 को शुरू हुआ, जब हाई कोर्ट ने ठाकुर शिवकुमार सिंह हितेषी पैनल की याचिका को स्वीकार करते हुए फैक्ट्री के प्रत्यायुक्तों (डेलिगेट्स) के शेष 75 रिक्त पदों पर चुनाव कराने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कुल 161 प्रत्यायुक्तों का निर्वाचन अनिवार्य करार दिया था। हालांकि, विरोधी गुट ने इस फैसले के खिलाफ पुनरयाचिका दायर की, जिसे अब खारिज कर दिया गया है। कोर्ट के इस निर्णय से साफ हो गया है कि हितेषी पैनल की जीत पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता।
कोर्ट की विरोधियों को फटकार
हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने फैसले में चार अहम बिंदुओं पर जोर दिया और विरोधी गुट को कड़ी फटकार लगाई। पहला, कोर्ट ने कहा कि विरोधी पक्ष एक तरफ कोरम पूरा होने की बात करता है, तो दूसरी तरफ कोरम न होने का दावा करता है। दोनों बातों को एक साथ नहीं रखा जा सकता। दूसरा, न्यायाधीश ने इसे लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करार दिया। तीसरे, कोरम वाले दिन अनुपस्थित रहने वाले प्रत्यायुक्तों को हटाने का प्रावधान तलाशने की बात कही गई। चौथा, जब तक सभी वोट पूरे नहीं हो जाते, तब तक चुनाव न कराने का निर्देश दिया गया। इन बिंदुओं ने विरोधियों के तर्कों को कमजोर कर दिया।
ठाकुर शिवकुमार सिंह का योगदान
ठाकुर नवलसिंह सहकारी शक्कर कारखाना कोई साधारण फैक्ट्री नहीं है। इसे स्वर्गीय ठाकुर शिवकुमार सिंह ने किसानों के हित में शुरू किया था। उनकी मेहनत और दूरदर्शिता से यह फैक्ट्री आज क्षेत्र के 20 हजार से अधिक परिवारों की आजीविका का आधार बनी हुई है। उनके प्रयासों से न केवल किसानों को आर्थिक लाभ मिला, बल्कि इस फैक्ट्री की आय से कई स्कूल और कॉलेज भी स्थापित किए गए, जो आज भी संचालित हो रहे हैं। हालांकि, विरोधी गुट लंबे समय से इस फैक्ट्री और ठाकुर शिवकुमार सिंह के नाम को मिटाने की कोशिश में लगा था, लेकिन हाई कोर्ट के बार-बार फैसले उनके इरादों पर पानी फेर रहे हैं।
किसानों के लिए क्यों अहम है यह फैक्ट्री?
यह शक्कर कारखाना बुरहानपुर जिले के किसानों के लिए जीवन रेखा की तरह है। यह न केवल उनकी फसलों को बाजार तक पहुंचाता है, बल्कि रोजगार और शिक्षा के अवसर भी प्रदान करता है। फैक्ट्री के संचालन से क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता बनी हुई है। हाई कोर्ट का यह फैसला सुनिश्चित करता है कि किसानों के हितों की रक्षा होती रहे और फैक्ट्री का संचालन सुचारू रूप से चलता रहे।
लोगों की प्रतिक्रिया
हितेषी पैनल की जीत और कोर्ट के फैसले से स्थानीय किसानों में खुशी की लहर है। एक किसान ने कहा, "यह फैक्ट्री हमारी पहचान है। ठाकुर शिवकुमार सिंह ने इसे हमारे लिए बनाया था और आज भी यह हमारे बच्चों के भविष्य को संवार रही है। कोर्ट का फैसला हमारे लिए बड़ी जीत है।" वहीं, कुछ जानकारों का मानना है कि विरोधी गुट अब भी हार नहीं मानेगा और भविष्य में नए हथकंडेadopt कर सकता है।
भविष्य की दिशा
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का यह फैसला न सिर्फ ठाकुर शिवकुमार सिंह हितेषी पैनल की जीत का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि न्याय व्यवस्था किसानों और आम लोगों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। विरोधियों को मिली यह फटकार उनके इरादों पर करारा प्रहार है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद किस दिशा में जाता है, लेकिन अभी के लिए किसानों और हितेषी पैनल का पक्ष मजबूत नजर आ रहा है।