उज्जैन के चिंतामन गणेश मंदिर में जुटी भीड़, बच्चे छोड़ रहे मोबाइल की लत – जानिए ये बदलाव कैसे शुरू हुआ?

उज्जैन के चिंतामन गणेश मंदिर में बच्चे मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए ले रहे हैं संकल्प। जानिए कैसे विघ्नहर्ता गणेश के दर्शन और मूषक के कानों में मनोकामना कहने से बच्चे छोड़ रहे हैं मोबाइल की लत।

उज्जैन के चिंतामन गणेश मंदिर में जुटी भीड़, बच्चे छोड़ रहे मोबाइल की लत – जानिए ये बदलाव कैसे शुरू हुआ?
चिंतामन गणेश मंदिर में उमड़ रही भीड़

हाइलाइट्स
  • उज्जैन के चिंतामन गणेश मंदिर में बच्चे गणेश जी के संकल्प से मोबाइल की लत छोड़ रहे हैं
  • छुट्टियों में मंदिर में बच्चों के लिए संकल्प और पूजन हेतु भारी भीड़ उमड़ रही है
  • मनोचिकित्सक ने इस धार्मिक पहल को बच्चों की लत दूर करने का प्रभावी तरीका बताया

उज्जैन: बच्चों की मोबाइल और सोशल मीडिया रील्स की लत आज हर माता-पिता के लिए चिंता का विषय बन चुकी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि धार्मिक आस्था और संकल्प की शक्ति से बच्चों की यह लत छूट सकती है? अगर नहीं, तो उज्जैन के चिंतामन गणेश मंदिर की यह अनोखी पहल आपके लिए प्रेरणादायक हो सकती है। शहर से करीब 6 किलोमीटर दूर लक्ष्मण बावड़ी के पास स्थित विघ्नहर्ता गणेश मंदिर में हर दिन सैकड़ों अभिभावक अपने बच्चों को मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए संकल्प दिलवाने पहुंच रहे हैं। मंदिर के पुजारी का दावा है कि इस संकल्प के बाद कई बच्चे मोबाइल गेम्स और रील्स देखना छोड़ चुके हैं।

विघ्नहर्ता गणेश मंदिर में अनोखी पहल

चिंतामन गणेश मंदिर परिसर में स्थित यह विघ्नहर्ता गणेश मंदिर धार्मिक नगरी उज्जैन का एक प्रमुख आस्था केंद्र है। मंदिर के पुजारी ईश्वर शर्मा बताते हैं कि पिछले कुछ समय से अभिभावक लगातार शिकायत कर रहे थे कि उनके बच्चे मोबाइल की लत के शिकार हो चुके हैं। बच्चे न तो समय पर खाना खाते हैं और न ही पढ़ाई पर ध्यान देते हैं। हर काम के लिए उन्हें मोबाइल थमाना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए पुजारी ने बच्चों को मोबाइल की लत से मुक्त करने के लिए एक अनोखा संकल्प शुरू किया। 

इस संकल्प के तहत बच्चे भगवान गणेश के दर्शन और पूजन के बाद मंदिर में मौजूद मूषक (गणेश जी का वाहन) के कानों में अपनी मनोकामना कहते हैं। वे संकल्प लेते हैं कि वे मोबाइल का उपयोग कम करेंगे और पढ़ाई पर ध्यान देंगे। पुजारी ईश्वर शर्मा के अनुसार, इस संकल्प का असर साफ दिखाई दे रहा है। कई अभिभावकों ने मंदिर आकर या फोन पर बताया कि उनके बच्चे अब मोबाइल पर गेम खेलना और रील्स देखना बंद कर चुके हैं। अब तक सैकड़ों बच्चे इस संकल्प के जरिए मोबाइल की लत से मुक्ति पा चुके हैं।

छुट्टियों में बढ़ रही भीड़

पुजारी ईश्वर शर्मा बताते हैं कि मंदिर में हर दिन अभिभावकों की भीड़ रहती है, लेकिन छुट्टियों के दिन यह संख्या और बढ़ जाती है। खासकर बुधवार को, जो भगवान गणेश का दिन माना जाता है, बड़ी संख्या में माता-पिता अपने बच्चों को लेकर मंदिर पहुंचते हैं। कई अभिभावक अपने बच्चों को लगातार तीन से चार बुधवार तक मंदिर लाते हैं ताकि संकल्प का असर गहरा हो। बच्चे पूजन-अर्चन के बाद मूषक के कानों में अच्छी पढ़ाई और मोबाइल से दूरी की बात कहते हैं। यह अनुष्ठान बच्चों में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद कर रहा है।

मनोचिकित्सकों ने भी सराहा

इस पहल को न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सराहना मिल रही है। उज्जैन के मनोचिकित्सक डॉ. पराग ढोबले का कहना है कि अभिभावक बच्चों की मोबाइल लत को लेकर काफी परेशान हैं। उनके पास ऐसे कई मामले आए हैं, जहां माता-पिता बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए उपाय ढूंढ रहे हैं। डॉ. ढोबले के अनुसार, धार्मिकता के साथ इस तरह की पहल बच्चों में सकारात्मक बदलाव लाने का एक अच्छा प्रयास है। यह बच्चों को मानसिक रूप से प्रेरित करता है और उन्हें अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।

आस्था और संकल्प की शक्ति

उज्जैन का यह विघ्नहर्ता गणेश मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सामाजिक बदलाव का भी एक माध्यम बन रहा है। मोबाइल की लत आज के डिजिटल युग में बच्चों और युवाओं के लिए एक गंभीर समस्या है। ऐसे में यह मंदिर अभिभावकों के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। माता-पिता का मानना है कि भगवान गणेश के आशीर्वाद और संकल्प की शक्ति से उनके बच्चे न केवल मोबाइल की लत छोड़ रहे हैं, बल्कि पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

आस्था से बदलाव की ओर

उज्जैन के चिंतामन गणेश मंदिर में चल रही यह अनोखी पहल न केवल धार्मिक आस्था को दर्शाती है, बल्कि बच्चों में सकारात्मक बदलाव लाने का एक प्रभावी तरीका भी साबित हो रही है। अगर आप भी अपने बच्चों की मोबाइल लत से परेशान हैं, तो इस मंदिर में आकर संकल्प दिलवाने की यह प्रक्रिया आपके लिए मददगार हो सकती है। आस्था, संकल्प और सही दिशा के साथ बच्चों को मोबाइल की लत से मुक्त किया जा सकता है।