जयवर्धन सिंह का मोदी सरकार पर हमला: पेट्रोल, गैस और वक्फ बिल पर उठाए सवाल
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने ग्वालियर में मोदी सरकार पर निशाना साधा। पेट्रोल और गैस की बढ़ती कीमतों के साथ वक्फ बिल को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। पढ़ें पूरा बयान।

मध्य प्रदेश: कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने हाल ही में ग्वालियर पहुंचकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी, गैस सिलेंडर के दामों में इजाफा और वक्फ बिल को लेकर अपनी बात रखी। जयवर्धन सिंह ने कहा कि एक तरफ वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है, वहीं भारत में आम जनता को राहत देने के बजाय सरकार महंगाई का बोझ और बढ़ा रही है। इसके साथ ही उन्होंने वक्फ बिल को लेकर भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और इसे असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश करार दिया।
पेट्रोल और गैस की कीमतों पर सवाल
जयवर्धन सिंह ने अपने बयान में कहा कि हाल ही में अमेरिका ने कई देशों के साथ टैरिफ बढ़ाने की नीति की घोषणा की थी। इसके चलते स्टॉक मार्केट में करीब ढाई हजार पॉइंट्स की गिरावट आई और कच्चे तेल की कीमतों में भी कमी देखी गई। उन्होंने सवाल उठाया कि जब वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें कम हो रही हैं, तो भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम क्यों बढ़ाए जा रहे हैं? इसके अलावा, उन्होंने बताया कि हाल ही में गैस सिलेंडर की कीमतों में भी 50 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, जो पूरे देश में लागू हो चुकी है।
उन्होंने कहा, "यह साफ है कि मोदी सरकार आम जनता पर महंगाई का बोझ डाल रही है। हर परिवार सरकार की नीतियों पर निर्भर करता है ताकि उसे महंगाई से राहत मिले, लेकिन बीजेपी सरकार ऐसा करने में नाकाम रही है। उल्टा, मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों पर दबाव बढ़ रहा है, जिनके पास आर्थिक रूप से इस बोझ को सहने की क्षमता नहीं है। दूसरी ओर, बड़े उद्योगपतियों को राहत दी जा रही है।"
महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान भटकाने की कोशिश?
जयवर्धन सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर ऐसे मुद्दों को हवा दे रही है, जो असल समस्याओं से लोगों का ध्यान हटाने का काम करते हैं। वक्फ बिल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस बिल को लेकर अभी ज्यादातर लोगों को पूरी जानकारी नहीं है। बिल में कुछ संशोधन किए गए हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि पुरानी नीति से कितना अंतर होगा।
उन्होंने कहा, "बीजेपी सरकार का मकसद शुरू से ही यही रहा है कि वक्फ बिल जैसे मुद्दों पर चर्चा हो ताकि असली समस्याओं जैसे बेरोजगारी, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और बढ़ती महंगाई से लोगों का ध्यान हटाया जा सके। मोदी जी और अमित शाह जी चाहते हैं कि देश में ऐसी बहस छिड़े, जो धर्म और समाज के आधार पर विवाद पैदा करे। इससे जनता के हित और देश के विकास की बात पीछे छूट जाती है।"
आम जनता की परेशानी पर जोर
जयवर्धन सिंह ने अपने बयान में आम जनता की परेशानियों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि आज हर परिवार महंगाई की मार झेल रहा है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने से रोजमर्रा की चीजों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी ने गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की कमर तोड़ दी है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर सरकार की प्राथमिकता क्या है? क्या वह आम लोगों की जिंदगी आसान बनाना चाहती है या सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाना उसका लक्ष्य है?
वक्फ बिल: विवाद या सियासत?
वक्फ बिल को लेकर जयवर्धन सिंह ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि यह बिल सिर्फ एक सियासी हथकंडा है। उनका मानना है कि सरकार इस तरह के मुद्दों को जानबूझकर उठाती है ताकि देश में तनाव और विवाद का माहौल बने। उन्होंने कहा, "बीजेपी ऐसी चर्चाओं में समय बर्बाद करना चाहती है, ताकि जनता बेरोजगारी, महंगाई और स्वास्थ्य जैसी मूल समस्याओं पर सवाल न उठाए। यह उनकी पुरानी रणनीति है।"
सियासी हलचल की शुरुआत
जयवर्धन सिंह का यह बयान मध्य प्रदेश में सियासी हलचल बढ़ा सकता है। उनके आरोपों ने एक बार फिर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं। पेट्रोल और गैस की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ वक्फ बिल जैसे मुद्दों पर उनकी टिप्पणी से यह साफ है कि कांग्रेस इस मौके को बीजेपी के खिलाफ जनता के बीच अपनी बात रखने के लिए इस्तेमाल करना चाहती है। आने वाले दिनों में इस बयान का असर राजनीतिक गलियारों में देखने को मिल सकता है।