बुरहानपुर की हल्दी: 20 टन एक्सपोर्ट से बनेगी वैश्विक पहचान, जानें कैसे!

बुरहानपुर जिले की हल्दी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हो रही है। रूस में "नमस्ते भारत" प्रदर्शनी में जिले के हल्दी उत्पादों का हुआ प्रदर्शन, साथ ही 20 टन हल्दी का एक्सपोर्ट एमओयू साइन किया गया।

बुरहानपुर की हल्दी: 20 टन एक्सपोर्ट से बनेगी वैश्विक पहचान, जानें कैसे!
20 टन हल्दी का एक्सपोर्ट शुरू, किसानों को होगा आर्थिक लाभ

बुरहानपुर, मध्यप्रदेश का एक प्रमुख जिला, जो अपने ऐतिहासिक स्मारकों और केले के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, अब अपनी हल्दी के कारण भी वैश्विक पहचान बना रहा है। जिले की हल्दी, जो उच्च गुणवत्ता और खास गुणों से भरपूर मानी जाती है, अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी जगह बनाने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी है। हाल ही में रूस के मास्को में आयोजित ‘‘नमस्ते भारत’’ प्रदर्शनी में बुरहानपुर की हल्दी का प्रदर्शन किया गया, जिससे जिले के हल्दी उत्पादों को वैश्विक मंच पर पहचान मिली है। अब, हल्दी के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बुरहानपुर जिले ने 20 टन हल्दी के निर्यात के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे जिले के किसानों को आर्थिक लाभ और समृद्धि की नई राह मिलेगी।

दरअसल बुरहानपुर, जो दक्षिण के द्वार के रूप में जाना जाता है, न केवल अपनी ऐतिहासिक धरोहर और कपड़ा उद्योग के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अब यह अपनी हल्दी के लिए भी विश्व स्तर पर पहचान बना रहा है। मध्यप्रदेश राज्य का यह जिला, जो पहले से ही केले के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, अब हल्दी के उत्पादन में भी एक नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। बुरहानपुर जिले में हल्दी की खेती की खासियत यह है कि यह न केवल घरेलू बाजार में अपनी पहचान बना चुकी है, बल्कि अब यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी दस्तक देने जा रही है।

दुनिया भर में हल्दी की बढ़ती लोकप्रियता

बुरहानपुर जिले की हल्दी का रंग गहरा पीला होता है और इसमें कर्कमिन की मात्रा 3.02 प्रतिशत तक होती है, जो इसे विशेष बनाता है। इस जिले की हल्दी, खासकर सेलम किस्म की हल्दी, न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक उच्च गुणवत्ता वाली मानी जा रही है। इस जिले में हल्दी की खेती करने वाले लगभग 1680 किसान जुड़े हुए हैं। जिले के विभिन्न क्षेत्रों जैसे डोइफोड़िया कलस्टर, सिरपुर कलस्टर, खकनार कलस्टर और फोफनार कलस्टर में हल्दी की प्रमुख खेती होती है।

‘‘एक जिला-एक उत्पाद’’ के तहत हल्दी को बढ़ावा

मध्यप्रदेश सरकार ने ‘‘एक जिला-एक उत्पाद’’ योजना के तहत बुरहानपुर जिले में केले की खेती को प्रोत्साहित किया है, वहीं अब हल्दी की खेती को भी बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। इससे न केवल जिले के किसानों को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि यह जिले की कृषि प्रणाली को भी एक नई दिशा देगा। हल्दी की खेती से जुड़े किसान अब बेहतर उत्पादन और बाजार तक पहुंचने के लिए प्रशिक्षण और संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं।

रूस के मास्को में ‘‘नमस्ते भारत’’ प्रदर्शनी में बुरहानपुर की हल्दी का प्रदर्शन

जनवरी 2025 में रूस के मास्को में आयोजित ‘‘नमस्ते भारत’’ प्रदर्शनी में बुरहानपुर जिले की हल्दी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस प्रदर्शनी में बुरहानपुर जिले के केले और हल्दी से बने विभिन्न उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देना था। इस प्रदर्शनी में बुरहानपुर जिले की हल्दी ने विदेशी दर्शकों को अपनी गुणवत्ता और खासियत से आकर्षित किया।

भारत-रूस मैत्री संगठन हारमनी के सहयोग से हुआ एमओयू साइन

बुरहानपुर जिले से हल्दी के निर्यात के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, खकनार कृषि विकास प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, इकोइंडिया और एलएससी एकोमिर कंपनी के बीच एक एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस एमओयू के तहत, बुरहानपुर जिले से प्रतिवर्ष 20 टन हल्दी का निर्यात किया जाएगा। यह कदम जिले के किसानों के लिए एक नई आशा की किरण है, क्योंकि इससे उनकी आय में वृद्धि होगी और जिले की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

हल्दी के प्रोसेसिंग यूनिट और इसकी गुणवत्ता

बुरहानपुर जिले में हल्दी की प्रोसेसिंग के लिए 32 यूनिट स्थापित की गई हैं, जो हल्दी के पाउडर और अन्य उत्पादों की प्रोसेसिंग करती हैं। इन यूनिट्स में हल्दी की गुणवत्ता को बनाए रखा जाता है, ताकि उत्पादों की मांग बढ़े और अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह प्रतिस्पर्धा कर सके। बुरहानपुर जिले की हल्दी की गुणवत्ता गहरी पीली होती है, जो कर्कमिन की उच्च मात्रा के कारण सेहत के लिए फायदेमंद मानी जाती है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्दी के उत्पादों की बढ़ती मांग

बुरहानपुर जिले में हल्दी के उत्पादों जैसे हल्दी पाउडर, हल्दी तेल, हल्दी की चाय, और हल्दी से बने अन्य उत्पादों की मांग अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रही है। रूस की प्रदर्शनी में बुरहानपुर के हल्दी उत्पादों ने विदेशी व्यापारियों का ध्यान आकर्षित किया। यहां तक कि बुरहानपुर जिले के किसान अब अपने उत्पादों को वैश्विक स्तर पर बेचने के अवसरों को देख रहे हैं। इस प्रदर्शनी में बुरहानपुर जिले की हल्दी के साथ-साथ केले के विभिन्न उत्पादों जैसे केला चिप्स, केला पाउडर, केला फिंगर, केला सेव और केला मिठाई का भी प्रदर्शन किया गया।

हल्दी के व्यवसाय से किसानों की आय में वृद्धि

हल्दी के व्यवसाय के कारण बुरहानपुर जिले के किसानों की आय में वृद्धि होने की पूरी संभावना है। हल्दी की खेती और प्रोसेसिंग उद्योग से न केवल किसानों को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि इससे जिले में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। हल्दी की प्रोसेसिंग यूनिट्स में काम करने वाले श्रमिकों को रोजगार मिलेगा, और साथ ही साथ व्यापारिक दृष्टिकोण से भी यह एक समृद्धि का स्रोत बनेगा।

हल्दी उद्योग से जिले का उज्जवल भविष्य

बुरहानपुर जिले की हल्दी अब वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बना रही है। ‘‘एक जिला-एक उत्पाद’’ योजना के तहत इसे प्रोत्साहित किया गया है और अब यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही है। रूस में आयोजित ‘‘नमस्ते भारत’’ प्रदर्शनी में बुरहानपुर जिले के हल्दी उत्पादों का प्रदर्शन एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल जिले के किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि जिले के समृद्धि और आर्थिक विकास के द्वार भी खुलेंगे।

यह कदम बुरहानपुर के कृषि उद्योग के लिए एक नई दिशा दिखाता है, और उम्मीद है कि आने वाले समय में जिले की हल्दी और अन्य कृषि उत्पादों की वैश्विक मांग में और वृद्धि होगी।