ग्वालियर: विधानसभा सत्र को लेकर उमंग सिंघार का बड़ा बयान, सरकार पर उठाए गंभीर सवाल

ग्वालियर में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बीजेपी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए, विधानसभा सत्र में किसानों, प्रशासनिक निष्क्रियता और मासूम बच्चियों से जुड़ी घटनाओं पर चर्चा की योजना बनाई।

ग्वालियर: विधानसभा सत्र को लेकर उमंग सिंघार का बड़ा बयान, सरकार पर उठाए गंभीर सवाल
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार

ग्वालियर: मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की नीतियों और घोषणाओं पर सवाल उठाए। उन्होंने प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक स्थिति पर गंभीर टिप्पणी की और सरकार के कामकाज पर निशाना साधा। सिंघार ने विधानसभा में आगामी मुद्दों पर चर्चा करने की बात कही और सरकार की नीतियों को लेकर आलोचना की।

उमंग सिंघार ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बयान जिसमें उन्होंने कहा कि उनका घोषणा पत्र रामायण और गीता की तरह है, पूरी तरह से खोखला साबित हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अपने घोषणा पत्र को लागू करने में पूरी तरह से विफल रही है। "सवा साल में सरकार ने अपने घोषणा पत्र के पन्ने तक नहीं खोले हैं, और अब प्रदेश बीमारू राज्य बनने की ओर बढ़ रहा है। हम 9वें नंबर पर पहुंच चुके हैं," उमंग सिंघार ने चिंता जताई।

मुख्य मुद्दे:

किसानों के बिजली कनेक्शन पर उमंग सिंघार का बयान

उमंग सिंघार ने बीजेपी की सरकार द्वारा किसानों को 5 रुपये में बिजली कनेक्शन देने पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा, "किसानों को मुफ्त बिजली मिलनी चाहिए, न कि 5 रुपये के कनेक्शन का लालच दिया जाना चाहिए। बीजेपी सरकार कहती है कि किसानों की आय दोगुनी करनी है, लेकिन इसका समाधान सिर्फ रियायत देने से नहीं होगा। किसानों को बिजली मुफ्त में मिलनी चाहिए," सिंघार ने जोर दिया।

प्रहलाद पटेल के बयान पर उमंग सिंघार की प्रतिक्रिया

सांसद प्रहलाद पटेल द्वारा दिए गए बयान पर उमंग सिंघार ने कहा कि उनकी टिप्पणियां सही संदर्भ में नहीं थीं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जिला स्तर पर न्याय नहीं मिल रहा है, और तभी लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए नेताओं तक पहुंच रहे हैं। "जिला स्तर पर काम नहीं हो रहा है, प्रशासनिक अधिकारी निरंकुश हो गए हैं, और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में हजारों शिकायतें लंबित पड़ी हैं। बीजेपी की सरकार लंबे समय से सत्ता में है, इसलिए इस सरकार का घमंड बढ़ गया है, लेकिन यह घमंड जल्द टूटेगा," सिंघार ने कहा।

मासूम बच्चियों के साथ रेप की घटनाएं

मध्य प्रदेश में मासूम बच्चियों के साथ बढ़ रही रेप की घटनाओं पर उमंग सिंघार ने गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं, और शिवपुरी के बाद अब टीकमगढ़ में भी ऐसी घटना सामने आई है। मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग होने के बावजूद उन्होंने इस मामले में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की। सिंघार ने सवाल किया, "मुख्यमंत्री कब गृह विभाग की बैठक करेंगे? कब इन मामलों की समीक्षा करेंगे?"

उन्होंने और भी कड़े शब्दों में कहा, "अगर किसी जिले का एसपी काम नहीं कर रहा है, तो उसे लाइन अटैच करें और किसी सक्षम अधिकारी को जिम्मेदारी दें।" उनका मानना है कि सरकार की नीतियां इन मामलों को सुलझाने में नाकाम रही हैं।

प्रदेश में प्रशासनिक निष्क्रियता पर उमंग सिंघार का आरोप

उमंग सिंघार ने प्रदेश की सरकार पर प्रशासनिक निष्क्रियता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार के अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं, और इस कारण प्रदेश में अपराध और भ्रष्टाचार में वृद्धि हो रही है। उनका मानना है कि यह स्थिति बीजेपी सरकार के लंबे समय तक सत्ता में रहने का परिणाम है।

उमंग सिंघार ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को अपनी सरकार की जिम्मेदारी स्वीकारनी चाहिए और प्रशासनिक ढांचे को सही तरीके से चलाने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के घमंड को तोड़ने की जरूरत है, ताकि प्रदेश की जनता को उनका अधिकार मिल सके।

कृषि और किसान मुद्दे पर आगे की रणनीति

किसानों के मुद्दे पर उमंग सिंघार ने विधानसभा में आगामी सत्र में सरकार से कड़े सवाल पूछने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी का दावा है कि वह किसानों की आय दोगुनी करने के लिए काम कर रही है, लेकिन वास्तविकता यह है कि किसान आज भी अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उमंग सिंघार ने यह भी कहा कि अगर सरकार किसानों को मुफ्त बिजली मुहैया कराती, तो यह उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा कदम होता।

आगे की योजना:

उमंग सिंघार ने विधानसभा में सरकार के खिलाफ कई मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने का संकेत दिया। वे प्रदेश में प्रशासनिक सुधार, किसानों की मदद और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कड़े सवाल उठाने की योजना बना रहे हैं। उनका कहना है कि अगर इस तरह की समस्याओं का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो जनता की नाराजगी और बढ़ेगी।

सरकार के खिलाफ विपक्ष की बढ़ती चुनौती

उमंग सिंघार का बयान मध्य प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाते हैं। विधानसभा सत्र में इन मुद्दों पर सरकार को जवाब देना होगा, और इसके बाद ही प्रदेश के विकास की दिशा तय होगी।