धुले: डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के पोस्टर फाड़े जाने से तनाव, अनुयायियों का धरना
महाराष्ट्र के धुले जिले के उभरे गांव में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के पोस्टर फाड़े जाने से तनाव। अनुयायियों ने धरना प्रदर्शन किया और FIR दर्ज की। पढ़ें पूरी खबर।

महाराष्ट्र के धुले जिले के उभरे गांव में उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया, जब किसी अज्ञात व्यक्ति ने ग्राम पंचायत के पास लगे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के पोस्टर को फाड़ दिया। यह घटना तब सामने आई, जब पूरे विश्व में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 134वीं जयंती धूमधाम से मनाई जा रही थी। इस घटना ने स्थानीय समुदाय, खासकर बाबासाहेब के अनुयायियों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया।
जयंती के उत्साह पर पड़ा असर
14 अप्रैल, 2025 को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती के अवसर पर उभरे गांव में उत्साह का माहौल था। बाबासाहेब के अनुयायी विभिन्न कार्यक्रमों की तैयारी में जुटे थे। ग्राम पंचायत के पास बाबासाहेब का एक बड़ा पोस्टर भी लगाया गया था, जो सामाजिक समरसता और उनके योगदान का प्रतीक था। लेकिन रात के अंधेरे में किसी ने इस पोस्टर को फाड़ दिया, जिससे गांव में तनाव की स्थिति बन गई।
सुबह जब यह घटना सामने आई, तो बाबासाहेब के अनुयायियों में गुस्सा भड़क उठा। पुरुष, महिलाएं, बुजुर्ग और युवा सभी ग्राम पंचायत के सामने एकत्र हो गए और धरना शुरू कर दिया। उन्होंने इस कृत्य को बाबासाहेब के अपमान के रूप में देखा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
पुलिस ने की मध्यस्थता, FIR दर्ज
स्थानीय पुलिस को स्थिति की गंभीरता का अंदाजा हुआ और तुरंत मौके पर पहुंची। साकरी पुलिस थाने के अधिकारी जयश खलाने ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और मामले को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस घटना की गहन जांच की जाएगी और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाएगा।
जयश खलाने ने कहा, "जिसने भी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के पोस्टर को फाड़कर समुदायों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश की है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। हमारी जांच शुरू हो चुकी है।" उनके इस आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारियों ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई और धरना समाप्त किया।
आंबेडकरी कार्यकर्ताओं की चेतावनी
धरने में शामिल बहुजन समाज के कार्यकर्ताओं ने अपनी बात रखते हुए सख्त लहजे में चेतावनी दी। एक कार्यकर्ता ने कहा, "हमने साकरी पुलिस थाने के अधिकारी जयश खलाने के कहने पर FIR दर्ज की है। लेकिन अगर अगले दो दिनों में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो हम आंबेडकरी जनता के साथ मिलकर तीव्र जन आंदोलन शुरू करेंगे।"
इस बयान से साफ है कि बाबासाहेब के अनुयायी इस मामले को लेकर गंभीर हैं और किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनकी मांग है कि इस घटना के पीछे के मकसद को उजागर किया जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
गांव में तनाव, प्रशासन सतर्क
पोस्टर फाड़े जाने की घटना ने गांव में सामुदायिक तनाव को बढ़ा दिया है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। स्थानीय लोग इस बात से चिंतित हैं कि यह घटना सामाजिक सौहार्द को प्रभावित कर सकती है।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर न केवल भारतीय संविधान के शिल्पकार थे, बल्कि सामाजिक समानता और न्याय के प्रतीक भी हैं। उनके प्रति ऐसी हरकत ने न सिर्फ उनके अनुयायियों को आहत किया है, बल्कि समाज के व्यापक वर्ग में भी नाराजगी पैदा की है।
आगे क्या?
पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में कुछ ठोस जानकारी सामने आएगी। बाबासाहेब के अनुयायी शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं, लेकिन साथ ही वे अपने अधिकारों के लिए दृढ़ हैं। इस घटना ने एक बार फिर सामाजिक एकता और सम्मान के महत्व को रेखांकित किया है।
धुले जिले के उभरे गांव की यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे महाराष्ट्र में चर्चा का विषय बन गई है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि पुलिस इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और क्या दोषियों को सजा मिल पाती है।