पाकिस्तान की भारत को धमकी: सिंधु नदी पर बांध बनाया तो होगा हमला

पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत को दी खुली धमकी, कहा- सिंधु नदी पर बांध बनाया तो करेंगे हमला। पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक तनाव चरम पर। जानें पूरा मामला।

पाकिस्तान की भारत को धमकी: सिंधु नदी पर बांध बनाया तो होगा हमला
पाकिस्तान के रक्षामंत्री की भारत को धमकी

हाइलाइट्स
  • पाकिस्तान की धमकी: सिंधु नदी पर बांध बनाया तो होगा हमला।
  • पहलगाम हमले के बाद भारत का कड़ा रुख, बॉर्डर बंद।
  • सिंधु जल समझौता खतरे में, पाक ने विश्व बैंक से गुहार।

पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में भारत को खुली धमकी दी है। उन्होंने कहा कि अगर भारत ने सिंधु नदी पर कोई बांध बनाया तो पाकिस्तान उस पर हमला कर देगा। आसिफ का कहना है कि आक्रामकता सिर्फ हथियारों से नहीं, बल्कि पानी रोककर भी हो सकती है। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। खासकर, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ गए हैं। इस लेख में हम इस पूरे मामले को आसान भाषा में समझाएंगे और बताएंगे कि आखिर माजरा क्या है।

पहलगाम हमले ने बढ़ाया तनाव

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। भारत ने इस हमले का ठीकरा पाकिस्तान पर फोड़ा और कड़े कदम उठाए। भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए न सिर्फ पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए, बल्कि वाघा-अटारी बॉर्डर को भी पूरी तरह बंद कर दिया। साथ ही, भारत ने 1960 के सिंधु जल समझौते को खत्म करने की बात भी उठाई है। इस समझौते को विश्व बैंक की मध्यस्थता में दुनिया का सबसे सफल जल समझौता माना जाता है। इसके तहत भारत को रावी, व्यास और सतलुज नदियों का नियंत्रण मिला, जबकि पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों पर ज्यादा अधिकार दिए गए।

भारत को पश्चिमी नदियों पर कुछ शर्तों के साथ बिजली परियोजनाएं और निर्माण कार्य करने की छूट है। लेकिन अब भारत के सिंधु जल समझौते को रद्द करने की बात से पाकिस्तान तिलमिला गया है। ख्वाजा आसिफ का हालिया बयान इसी बढ़ते तनाव का नतीजा है।

ख्वाजा आसिफ का बयान: पानी रोकना भी हमला

ख्वाजा आसिफ ने कहा कि भारत अगर सिंधु नदी पर बांध बनाकर पानी रोकेगा, तो यह एक तरह का हमला होगा। उन्होंने इसे "पानी को हथियार" बनाने की साजिश करार दिया। आसिफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान युद्ध शुरू करने की मंशा नहीं रखता, लेकिन अगर हालात बिगड़े तो वह जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने विश्व बैंक से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग भी की है।

आसिफ का यह भी दावा है कि पहलगाम हमले को लेकर भारत के आरोपों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने खारिज कर दिया है। उनके मुताबिक, मोदी सरकार के पास अपने दावों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं हैं। साथ ही, भारत को वैश्विक मंचों पर वह समर्थन नहीं मिल रहा, जिसकी उसे उम्मीद थी।

सिंधु जल समझौता: क्या है पूरा मामला?

1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सिंधु जल समझौते ने दोनों देशों के बीच पानी के बंटवारे का रास्ता निकाला था। इस समझौते के तहत:

  • भारत को पूर्वी नदियां (रावी, व्यास, सतलुज) मिलीं, जिन पर उसका पूरा नियंत्रण है।
  • पाकिस्तान को पश्चिमी नदियां (सिंधु, झेलम, चिनाब) मिलीं, लेकिन भारत को इन पर कुछ शर्तों के साथ बिजली परियोजनाएं बनाने की अनुमति है।
  • विश्व बैंक इस समझौते का मध्यस्थ है और दोनों देशों को इसकी शर्तों का पालन करना होता है।

पाकिस्तान को डर है कि अगर भारत इस समझौते को रद्द कर देता है या पश्चिमी नदियों पर बड़े बांध बनाता है, तो उसकी खेती और अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा। यही वजह है कि ख्वाजा आसिफ ने इतना आक्रामक रुख अपनाया है।

भारत का रुख: कड़ा जवाब

पहलगाम हमले के बाद भारत ने साफ कर दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। समझौते को रद्द करने की बात हो या बॉर्डर बंद करना, भारत का मकसद पाकिस्तान पर दबाव बनाना है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और उसे सबक सिखाना जरूरी है।

क्या होगा आगे?

ख्वाजा आसिफ का बयान और भारत के कड़े कदम दोनों ही इस बात की ओर इशारा करते हैं कि दोनों देशों के बीच तनाव कम होने वाला नहीं है। अगर भारत ने सिंधु जल समझौते को रद्द किया या पश्चिमी नदियों पर कोई बड़ा प्रोजेक्ट शुरू किया, तो पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और तीखी हो सकती है। दूसरी ओर, भारत भी अपने रुख पर अड़ा हुआ है।

विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मामले में क्या भूमिका निभाएंगे, यह भी देखना होगा। फिलहाल, दोनों देशों के बीच बातचीत की गुंजाइश कम ही नजर आ रही है।

तनाव का नया दौर

पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ का भारत को धमकी भरा बयान दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव का एक और सबूत है। सिंधु जल समझौता, जो दशकों से दोनों देशों के बीच शांति का प्रतीक रहा, अब विवाद का केंद्र बन गया है। भारत के कड़े कदम और पाकिस्तान की आक्रामक प्रतिक्रिया ने स्थिति को और जटिल कर दिया है। आने वाले दिनों में इस मामले में क्या नया मोड़ आता है।