इंदौर लोकायुक्त कार्रवाई: फॉरेस्ट रेंजर वैभव उपाध्याय 1 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा गया

इंदौर लोकायुक्त ने धार जिले के फॉरेस्ट रेंजर वैभव उपाध्याय को 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई जारी। पूरी खबर पढ़ें।

इंदौर लोकायुक्त कार्रवाई: फॉरेस्ट रेंजर वैभव उपाध्याय 1 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा गया
फॉरेस्ट रेंजर वैभव उपाध्याय

धार: भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए इंदौर लोकायुक्त इकाई ने मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। महानिदेशक लोकायुक्त श्री योगेश देशमुख के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई, जिसमें धार जिले के बाग वन परिक्षेत्र के फॉरेस्ट रेंजर वैभव उपाध्याय को 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। यह मामला तब सामने आया जब एक ठेकेदार ने रिश्वतखोरी की शिकायत लोकायुक्त कार्यालय में दर्ज कराई। इस कार्रवाई से क्षेत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश गया है।

शिकायतकर्ता और मामला: सड़क निर्माण में रुकावट और रिश्वत की मांग

शिकायतकर्ता जितेंद्र वास्केल, जो धार जिले के मनावर तहसील के ग्राम जमुनिया मोटा के निवासी हैं, ने लोकायुक्त कार्यालय में अपनी आपबीती सुनाई। जितेंद्र ने बताया कि उन्होंने बाग रोड से पांडु गुफा तक 3 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण का ठेका लिया था। इस सड़क का लगभग 2 किलोमीटर हिस्सा वन विभाग के क्षेत्र में आता है, जिसके लिए उन्होंने वन विभाग से जरूरी अनुमति भी हासिल की थी। लेकिन फॉरेस्ट रेंजर वैभव उपाध्याय ने उनके काम में अड़ंगा डालना शुरू कर दिया।

जितेंद्र के मुताबिक, वैभव ने काम को आगे बढ़ाने की एवज में प्रोजेक्ट की लागत का 3 प्रतिशत हिस्सा रिश्वत के रूप में मांगा। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि कुछ समय पहले वैभव ने उनसे 96,000 रुपये ले लिए थे और अब 2 लाख रुपये की अतिरिक्त मांग कर रहे थे। परेशान होकर जितेंद्र ने इसकी शिकायत लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में पुलिस अधीक्षक श्री राजेश सहाय से की।

लोकायुक्त का सत्यापन और ट्रैप की तैयारी

शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त टीम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत सत्यापन शुरू किया। जांच में पाया गया कि वैभव उपाध्याय ने वास्तव में 2 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। शिकायत सही पाए जाने पर लोकायुक्त ने ट्रैप की योजना बनाई। 09 अप्रैल 2025 को एक विशेष ट्रैप दल का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व डीएसपी श्री सुनील तालान ने किया।

ट्रैप के दौरान जितेंद्र को 1 लाख रुपये की रिश्वत राशि के साथ वैभव के पास भेजा गया। जैसे ही वैभव ने यह राशि ली, लोकायुक्त की टीम ने उसे मौके पर ही धर दबोचा। यह पूरी कार्रवाई बाग क्षेत्र में हुई, जहां वैभव को रंगे हाथों पकड़ा गया।

कानूनी कार्रवाई और आरोप

लोकायुक्त ने वैभव उपाध्याय के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 के तहत मामला दर्ज किया है। इस धारा के तहत रिश्वत लेने वाले लोक सेवकों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान है। फिलहाल, वैभव के खिलाफ कार्रवाई जारी है और मामले की गहन जांच की जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या वैभव ने पहले भी इस तरह की रिश्वतखोरी की है।

ट्रैप दल के सदस्य: टीम वर्क का शानदार प्रदर्शन

इस सफल ट्रैप ऑपरेशन में लोकायुक्त की टीम ने बेहतरीन समन्वय दिखाया। ट्रैप दल में डीएसपी श्री सुनील तालान के अलावा निरीक्षक श्री राहुल गजभिए, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, प्रधान आरक्षक रंजीत द्विवेदी, आरक्षक अनिल परमार, आरक्षक पवन पटोरिया, आरक्षक आशीष नायडू, आरक्षक रामेश्वर निंगवाल और आरक्षक कृष्णा अहिरवार शामिल थे। टीम ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई को अंजाम दिया और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत उदाहरण पेश किया।

भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश

महानिदेशक लोकायुक्त श्री योगेश देशमुख ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के निर्देश दिए हैं। इस कार्रवाई को उसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है। लोकायुक्त की यह सक्रियता न केवल भ्रष्ट अधिकारियों के लिए चेतावनी है, बल्कि आम जनता में भी यह भरोसा जगाती है कि भ्रष्टाचार की शिकायतों पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई संभव है।

क्षेत्र में चर्चा का विषय

इस घटना के बाद धार जिले के बाग क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। लोग इस बात से हैरान हैं कि एक वन विभाग का अधिकारी, जिसका काम प्रकृति और जनहित की रक्षा करना है, वह रिश्वतखोरी में लिप्त पाया गया। जितेंद्र वास्केल जैसे ठेकेदारों के लिए यह राहत की बात है कि उनकी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई हुई।

आगे की जांच और संभावित खुलासे

लोकायुक्त अब इस मामले में गहराई से जांच कर रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि क्या वैभव उपाध्याय ने अन्य ठेकेदारों से भी रिश्वत ली थी। साथ ही, उनके पिछले रिकॉर्ड और वित्तीय लेनदेन की भी छानबीन की जा सकती है। इस कार्रवाई से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक नई उम्मीद जगी है।

भ्रष्टाचार पर प्रहार

इंदौर लोकायुक्त की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत कदम है। फॉरेस्ट रेंजर वैभव उपाध्याय का रंगे हाथों पकड़ा जाना इस बात का सबूत है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। यह घटना न केवल प्रशासनिक तंत्र को साफ-सुथरा बनाने की दिशा में एक प्रयास है, बल्कि आम लोगों को भी अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित करती है।