उज्जैन के महाकाल मंदिर में श्रद्धालु के साथ अभद्रता: वायरल वीडियो ने खोली व्यवस्थाओं की पोल

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में एक महिला श्रद्धालु के साथ सिक्योरिटी गार्ड की कथित बदतमीजी का वीडियो वायरल। मोबाइल फोन के चलते दर्शन से रोका, सोशल मीडिया पर उठे सवाल।

उज्जैन के महाकाल मंदिर में श्रद्धालु के साथ अभद्रता: वायरल वीडियो ने खोली व्यवस्थाओं की पोल
महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं से अभद्रता

हाइलाइट्स
  • महाकाल मंदिर में सिक्योरिटी की बदतमीजी, श्रद्धालु का वायरल वीडियो!
  • मोबाइल के कारण रोके गए दर्शन, नैना की आपबीती ने मचाया बवाल!
  • वीआईपी बनाम आम भक्त, मंदिर की व्यवस्था पर उठा सवाल!

मध्य प्रदेश: आज एक ऐसी खबर लेकर आए हैं जो सोशल मीडिया पर तहलका मचा रही है। ये कहानी है उज्जैन के मशहूर महाकालेश्वर मंदिर की, जहां एक महिला और उसके पति बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे थे, लेकिन उनका अनुभव इतना बुरा रहा कि वो बिना दर्शन किए ही लौट गए। ये पूरा मामला एक वायरल वीडियो में सामने आया है, जिसे देखकर लोग गुस्से में हैं और मंदिर की व्यवस्थाओं पर सवाल उठा रहे हैं। तो चलिए, इसे आसान और अपनी भाषा में समझते हैं।

क्या हुआ था उस दिन?

ये बात है नैना और उनके पति की, जो ऑल इंडिया बाइक राइडर्स ग्रुप के साथ बाइक चलाते हुए उज्जैन पहुंचे थे। नैना को बाबा महाकाल के दर्शन की इतनी चाहत थी कि उन्होंने अपने माथे पर महाकाल का तिलक लगाया और सुबह 5:30 बजे से लाइन में लग गईं। दो घंटे इंतजार करने के बाद, जब सुबह 7:30 बजे उनकी बारी आई, तो अचानक कुछ ऐसा हुआ जिसकी उन्होंने उम्मीद भी नहीं की थी।

दरअसल, एक फीमेल सिक्योरिटी गार्ड ने देखा कि नैना के पास मोबाइल फोन है। अब शायद मंदिर में मोबाइल ले जाना मना है, लेकिन नैना को इसकी जानकारी नहीं थी। ये तो समझ में आता है ना कि हर किसी को हर नियम पता हो, ऐसा जरूरी नहीं। लेकिन इसके बाद जो हुआ, वो हैरान करने वाला था। सिक्योरिटी गार्ड ने कथित तौर पर उनके साथ बदतमीजी शुरू कर दी। फिर एक और गार्ड आ गया और दोनों को दर्शन करने देने की बजाय कंट्रोल रूम ले गए।

नैना ने गुजारिश की कि पहले उन्हें दर्शन तो करने दो, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। कंट्रोल रूम में पहुंचते ही उनसे अजीब सवाल पूछे गए, जैसे- "क्या आप वीआईपी श्रद्धालु हैं?" या "क्या आपने दर्शन के लिए स्पेशल टिकट लिया है?" ये सुनकर नैना और उनके पति का दिल टूट गया। आखिरकार, अपमानित महसूस करते हुए वो बिना बाबा महाकाल के दर्शन किए ही मंदिर से चले गए।

नैना ने सोशल मीडिया पर बयां की अपनी पीड़ा

इस घटना से दुखी नैना ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने रोते हुए एक वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। इस वीडियो में वो सवाल उठाती हैं कि आखिर आम श्रद्धालुओं के साथ ऐसा व्यवहार क्यों? वो कहती हैं कि सामान्य लोग तो कुछ सेकंड के लिए दर्शन कर पाते हैं, लेकिन वीआईपी और सेलिब्रिटी को आधा घंटा पूजा करने का मौका मिलता है। उनका कहना है कि बाबा महाकाल, जिन्हें पशुपतिनाथ भी कहा जाता है, वो तो इंसानों और जानवरों में भी भेद नहीं करते, फिर मंदिर में ये भेदभाव क्यों?

नैना का ये वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इसे देखकर मंदिर की व्यवस्थाओं पर सवाल उठा रहे हैं। कई लोग कह रहे हैं कि मंदिर में सबके साथ बराबरी का व्यवहार होना चाहिए, चाहे वो वीआईपी हो या आम इंसान।

लोगों का गुस्सा और सवाल

इस वीडियो ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है- क्या मंदिर में सिर्फ पैसे और रसूख वालों की ही चलती है? नैना ने अपने वीडियो में लिखा कि मंदिर के गेट पर भक्ति नहीं, पहचान देखी जाती है। वो ये भी पूछती हैं कि अगर मोबाइल चेक करना ही था, तो पहले क्यों नहीं किया गया? लाइन में इतना इंतजार करने के बाद ऐसी बदतमीजी करना कहां तक ठीक है?

लोगों का कहना है कि मंदिर प्रबंधन को इस पर ध्यान देना चाहिए। नियम सबके लिए बराबर होने चाहिए, और अगर कोई नियम है तो उसकी जानकारी साफ-साफ दी जानी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं न हों।

कलेक्टर का जवाब

इस मामले पर उज्जैन के कलेक्टर और श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के अध्यक्ष रोशन कुमार सिंह ने कहा कि वो अभी वीडियो नहीं देख पाए हैं। लेकिन वो इसे देखकर मामले की जांच करवाएंगे और जरूरी कदम उठाएंगे। अब देखना ये है कि इस घटना का क्या नतीजा निकलता है।

आखिर क्या सीख मिलती है?

ये घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है। मंदिर जैसी पवित्र जगह पर हर किसी को सम्मान मिलना चाहिए। अगर नियम हैं, तो उन्हें साफ तरीके से बताया जाए, ताकि कोई श्रद्धालु परेशान न हो। और सबसे बड़ी बात, भगवान के दरबार में वीआईपी और आम इंसान का फर्क नहीं होना चाहिए।