नंदुरबार के किशोर माली: भाई की शादी छोड़, देश सेवा के लिए सीमा पर रवाना
नंदुरबार के जवान किशोर भगवान माली ने भाई की शादी छोड़कर देश सेवा को प्राथमिकता दी। भारत-पाक तनाव और ऑपरेशन सिंधुर के बीच, जानिए उनकी प्रेरक कहानी।

- लदेशभक्ति की मिसाल: नंदुरबार के किशोर माली ने भाई की शादी छोड़कर देश सेवा को चुना, सीमा पर रवाना
- ऑपरेशन सिंधुर की सफलता**: पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानों को नष्ट किया
- नंदुरबार का गर्व: किशोर ने छोटे शहर से निकलकर देशभर में दिखाया कि कर्तव्य सर्वोपरि है
महाराष्ट्र के छोटे से शहर नंदुरबार का एक बेटा, किशोर भगवान माली, आज हर भारतीय के लिए प्रेरणा बन गया है। किशोर, जो भारतीय सेना में एक जवान हैं, अपने भाई की शादी में शामिल होने के लिए 14 मई 2025 को अपने घर मालीवाड़ा, नंदुरबार आए थे। लेकिन देश में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और युद्ध जैसे हालात ने उनकी छुट्टी को अधूरा छोड़ दिया। सेना से तुरंत ड्यूटी पर लौटने का आदेश मिला, और किशोर ने बिना पल गंवाए अपने कर्तव्य को चुना। भाई की शादी जैसे खास मौके को पीछे छोड़, वे देश की सेवा के लिए सीमा पर रवाना हो गए।
देश के लिए किशोर का समर्पण
किशोर भगवान माली की कहानी हर उस भारतीय को गर्व महसूस कराती है जो देशभक्ति की भावना को समझता है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें कई लोग मारे गए। इस हमले के जवाब में भारतीय सेना ने **ऑपरेशन सिंधुर** शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इस ऑपरेशन को भारत ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया, लेकिन इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। युद्ध जैसे हालात बन गए, और सेना ने सभी जवानों को तुरंत ड्यूटी पर बुलाना शुरू कर दिया।
इसी बीच, किशोर, जो अपने भाई की शादी की तैयारियों में व्यस्त थे, को सेना से तुरंत लौटने का आदेश मिला। यह उनके लिए आसान फैसला नहीं था। एक तरफ परिवार का सबसे खास पल था, तो दूसरी तरफ देश की सुरक्षा का सवाल। लेकिन किशोर ने अपने कर्तव्य को प्राथमिकता दी और शादी के जश्न में शामिल होने से पहले ही सीमा के लिए रवाना हो गए।
नंदुरबार का गौरव: किशोर माली
नंदुरबार के मालीवाड़ा इलाके में रहने वाले किशोर माली का यह बलिदान शहर के लिए गर्व का विषय है। उनके परिवार ने भी उनके इस फैसले का सम्मान किया। किशोर के परिजनों का कहना है, "हमें दुख है कि किशोर भाई की शादी में शामिल नहीं हो पाए, लेकिन हमें गर्व है कि हमारा बेटा देश की रक्षा के लिए तैनात है।" किशोर की इस देशभक्ति ने नंदुरबार के लोगों के दिलों में उनके लिए सम्मान और बढ़ा दिया है।
ऑपरेशन सिंधुर और भारत-पाक तनाव
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जिस तरह से **ऑपरेशन सिंधुर** के जरिए आतंकियों को सबक सिखाया, उसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस ऑपरेशन को ऐतिहासिक बताया और कहा, "भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ करारा जवाब दिया है।" इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने कई भ्रामक दावे किए, जैसे कि भारतीय ड्रोन को मार गिराने की बात, लेकिन भारत ने इन दावों को खारिज कर दिया।
वर्तमान में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बना हुआ है। पाकिस्तान की ओर से जम्मू पर मिसाइल हमले की कोशिश को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। ऐसे में सेना हर मोर्चे पर तैयार है, और किशोर जैसे जवान देश की सुरक्षा के लिए दिन-रात तैनात हैं।
किशोर जैसे जवान: देश की असली ताकत
किशोर माली की कहानी सिर्फ एक जवान की नहीं, बल्कि भारतीय सेना के हर उस सैनिक की है, जो अपने निजी जीवन को पीछे छोड़ देश को प्राथमिकता देता है। नंदुरबार जैसे छोटे से शहर से आने वाले किशोर ने साबित कर दिखाया कि देशभक्ति का जज्बा किसी सीमा में नहीं बंधता।
आज जब देश युद्ध जैसे हालात से गुजर रहा है, किशोर जैसे जवान हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। उनकी बहादुरी और समर्पण हमें याद दिलाता है कि हमारे सैनिकों की वजह से ही हम चैन की नींद सो पाते हैं। नंदुरबार के इस बेटे को सलाम, जिसने अपने भाई की शादी से पहले देश को चुना।