उज्जैन में होने वाला 'यूनाइटेड कॉन्शियसनेस कॉन्क्लेव' – 22 देशों के विद्वान होंगे शामिल, पंचतत्व पर मंथन

उज्जैन में 14 से 16 फरवरी 2025 तक होने वाला 'यूनाइटेड कॉन्शियसनेस कॉन्क्लेव' विश्व शांति और एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित होगा। 22 देशों के विद्वान पंचतत्व पर मंथन करेंगे और विशेष मॉडल के माध्यम से धरती के एकत्व का संदेश देंगे।

उज्जैन में होने वाला 'यूनाइटेड कॉन्शियसनेस कॉन्क्लेव' – 22 देशों के विद्वान होंगे शामिल, पंचतत्व पर मंथन
उज्जैन में होने वाला 'यूनाइटेड कॉन्शियसनेस कॉन्क्लेव'

उज्जैन, एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल, 14 से 16 फरवरी 2025 तक एक ऐतिहासिक और अनोखे आयोजन की मेज़बानी करने जा रहा है। 'यूनाइटेड कॉन्शियसनेस कॉन्क्लेव' के इस तीन दिवसीय आयोजन का उद्देश्य दुनिया भर में शांति, एकता और चेतना का संदेश फैलाना है। इस आयोजन में 22 देशों के योग गुरु, आध्यात्मिक विचारक, और प्रमुख नेता हिस्सा लेंगे, जो विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे और पांच तत्वों के माध्यम से वैश्विक चेतना का निर्माण करेंगे।

वैश्विक एकता के प्रतीक के रूप में उज्जैन

'यूनाइटेड कॉन्शियसनेस कॉन्क्लेव' के आयोजन का मुख्य उद्देश्य धरती पर शांति और एकता को बढ़ावा देना है। इस सम्मेलन में आने वाले 22 देशों के विद्वान अपने-अपने देश की नदियों का जल लेकर बाबा महाकाल का अभिषेक करेंगे, जो जल के महत्व को दर्शाएगा। इस आयोजन में भाग लेने वाले प्रतिभागी 100 ग्राम मिट्टी भी लाएंगे, जिसे मिलाकर एक विशेष मॉडल तैयार किया जाएगा। यह मॉडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया जाएगा, और इसके माध्यम से धरती की एकता और समग्र चेतना का संदेश दिया जाएगा।

इस सम्मेलन में पंचतत्व – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश – के महत्व पर गहन चर्चा की जाएगी, जो न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि हमारे पर्यावरण और जीवन के संतुलन को बनाए रखने के लिए भी अहम हैं।

कैलाश खेर की संगीतमय प्रस्तुति

यूनाइटेड कॉन्शियसनेस कॉन्क्लेव के दौरान 14 फरवरी 2025 को पद्मश्री कैलाश खेर एक विशेष संगीतमय प्रस्तुति देंगे। यह कार्यक्रम 'एकात्म चेतना अनहद नाद' के नाम से होगा, जो शाम 7 बजे से कालिदास संस्कृत अकादमी में आयोजित होगा। कैलाश खेर की प्रस्तुतियों में अक्सर आध्यात्मिकता और एकता के विषय प्रमुख होते हैं, और उनकी आवाज़ से इस आयोजन में एक नई ऊर्जा का संचार होगा।

G20 के सिद्धांतों के अनुरूप आयोजन

डॉ. विक्रांत तोमर, जो 'यूनाइटेड कॉन्शियसनेस' के संयोजक हैं, ने इस आयोजन को G20 के सिद्धांतों के अनुरूप बताया है। उनका कहना है कि इस सम्मेलन का उद्देश्य शांति, तनाव मुक्ति और सामाजिक संबंधों को बेहतर बनाना है। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक विचारों पर आधारित होगा, बल्कि इसमें समाजिक प्रगति, शिक्षा, और स्थायी अर्थव्यवस्था पर भी विचार किया जाएगा।

कॉन्क्लेव में चर्चा के विभिन्न विषयों में मानसिक शांति, शारीरिक ऊर्जा, व्यक्तिगत परिवर्तन और आध्यात्मिकता की खोज शामिल होंगी। इसके अलावा, छात्रों के लिए भी विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिसमें वे शिक्षा, योग, और जीवन की गुणवत्ता को लेकर मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे।

सम्मेलन के आयोजक और समर्थन

यह ऐतिहासिक आयोजन महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ, संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश शासन, कालीदास संस्कृत अकादमी, और विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के सहयोग से किया जा रहा है। इन संस्थाओं के योगदान से यह आयोजन दुनिया भर के विद्वानों और विचारकों के लिए एक वैश्विक मंच बनेगा, जहां वे एकजुट होकर दुनिया की समस्याओं पर मंथन करेंगे और समाधान सुझाएंगे।

विशेष मॉडल के माध्यम से एकता का संदेश

इस सम्मेलन में सबसे विशेष बात यह है कि 22 देशों के प्रतिभागी अपने-अपने देश की नदियों का जल लेकर आएंगे, जिसे बाबा महाकाल का अभिषेक करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा, ये प्रतिभागी 100 ग्राम मिट्टी भी लाएंगे, जिसे एक साथ मिलाकर एक मॉडल तैयार किया जाएगा, जो भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक होगा। इस मॉडल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया जाएगा, और इसके माध्यम से पूरी दुनिया को एकता और चेतना का संदेश दिया जाएगा।

आयोजकों का उद्देश्य

डॉ. विक्रांत तोमर का कहना है कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शांति, आध्यात्मिकता और व्यक्तिगत परिवर्तन के क्षेत्र में एक समग्र दृष्टिकोण पेश करना है। यह आयोजन न केवल विभिन्न देशों के विचारकों और नेताओं के लिए एक मंच प्रदान करेगा, बल्कि इसे वैश्विक दृष्टिकोण से मानवता के हित में महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

यह आयोजन G20 के 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' सिद्धांत को भी आगे बढ़ाएगा, जो दुनियाभर में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।

समापन: एकता और शांति का संदेश

उज्जैन में आयोजित होने वाला 'यूनाइटेड कॉन्शियसनेस कॉन्क्लेव' एक ऐतिहासिक और ऐतिहासिक आयोजन होगा, जो दुनिया भर में शांति, एकता और चेतना का संदेश फैलाने के उद्देश्य से आयोजित हो रहा है। इस आयोजन में भाग लेने वाले 22 देशों के विद्वान और योग गुरु पंचतत्व के महत्व पर चर्चा करेंगे और विशेष कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने का मार्गदर्शन देंगे।

उज्जैन की यह भूमि एक बार फिर से विश्वभर के ध्यान और साधना का केंद्र बन जाएगी, जहां हर व्यक्ति को एकता और शांति का संदेश मिलेगा।