बुरहानपुर: खाद्य माफियाओं पर सख्त कार्रवाई, 16.3 लाख का जुर्माना, लेकिन क्या यह काफी है?
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग ने 13 दुकानों पर 16.3 लाख का जुर्माना लगाया। अमानक और नकली खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर कार्रवाई, लेकिन क्या केवल जुर्माना काफी है? लाइसेंस रद्द और मुकदमे की मांग तेज।

- बुरहानपुर में खाद्य माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई, 13 दुकानों पर 16.3 लाख का जुर्माना
- नकली मावा, पनीर और मिठाई बेचने वालों की खैर नहीं, लेकिन लाइसेंस रद्द की मांग तेज
- खाद्य सुरक्षा विभाग की मिलीभगत पर सवाल, जनता मांग रही मुकदमा और सख्त सजा
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में खाद्य सुरक्षा को लेकर एक बड़ी कार्रवाई ने लोगों का ध्यान खींचा है। कलेक्टर हर्ष सिंह के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा और औषधि विभाग ने जिले की कई दुकानों पर छापा मारकर नकली और अमानक खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। अपर कलेक्टर वीर सिंह चौहान की कोर्ट में 13 प्रकरणों में कुल 16 लाख 30 हजार रुपये का भारी-भरकम जुर्माना ठोका गया। लेकिन सवाल यह है कि क्या केवल पैसे का दंड इन खाद्य माफियाओं को सबक सिखाने के लिए काफी है? लोगों का कहना है कि इनके लाइसेंस रद्द होने चाहिए और इनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज होना चाहिए, क्योंकि ये लोग सीधे-सीधे जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
क्या हुआ बुरहानपुर में?
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने जिले की कई दुकानों और रेस्तरां से मावा, मिठाई, दालचीनी, मिर्च, पनीर, जलेबी और पेड़ा जैसे खाद्य पदार्थों के नमूने लिए। इन नमूनों को जांच के लिए भोपाल भेजा गया, जहां कई नमूने अमानक और मिथ्याछाप (नकली) पाए गए। इसके बाद अपर कलेक्टर कोर्ट में प्रकरण पेश किए गए, और 13 दुकानों/फर्मों पर भारी जुर्माना लगाया गया।
यहां देखिए किस-किस पर कितना जुर्माना ठोका गया:
- एस.एस. ट्रेडर्स, अमरावती रोड: बिना लाइसेंस व्यापार करने पर 30,000 रुपये।
- शर्मा दूध डेयरी, इकबाल चौक: अमानक मावा बेचने पर 2 लाख रुपये।
- बीकानेर स्वीट्स, दर्यापुर: अमानक पेड़ा बेचने पर 1.5 लाख रुपये।
- कुंदन स्वीट्स, चौक बाजार: मिथ्याछाप बादाम बर्फी बेचने पर 2 लाख रुपये।
- सुरेश एंड संस, रिलायंस पेट्रोल पंप के पीछे: मिथ्याछाप दालचीनी बेचने पर 1.5 लाख रुपये।
- वंदन डेयरी एंड ऑर्गेनिक कॉमर्स, इंदिरा कॉलोनी: अमानक पनीर बेचने पर 1 लाख रुपये।
- अजीज होटल, मंडी बाजार: अमानक पेड़ा बेचने पर 2 लाख रुपये।
- रविशी किराना एंड जनरल स्टोर्स, दहीनाला: अमानक सामग्री बेचने पर 1 लाख रुपये।
- राहुल ट्रेडिंग कंपनी, सिंधी बस्ती: अमानक मिर्च बेचने पर 30,000 रुपये।
- अनीश कुरैशी: बिना लाइसेंस व्यापार करने पर 20,000 रुपये।
- यू हरियाली गार्डन फैमिली रेस्तरां, अमरावती रोड: बिना लाइसेंस होटल चलाने पर 50,000 रुपये।
- संजय ढाबा एंड फैमिली रेस्तरां, अमरावती रोड: अमानक पनीर बेचने पर 2 लाख रुपये।
- गीता स्वीट्स, शनवारा: मिथ्याछाप मावा जलेबी बेचने पर 2 लाख रुपये।
इन सभी दुकानों को 2 दिन के भीतर जुर्माना जमा करने का आदेश दिया गया है। अगर समय पर राशि जमा नहीं की गई, तो दोगुना जुर्माना वसूला जाएगा।
जनता की सेहत से खिलवाड़, लेकिन सजा सिर्फ जुर्माना?
बुरहानपुर में यह कार्रवाई भले ही बड़ी लग रही हो, लेकिन स्थानीय लोग इसे नाकाफी मान रहे हैं। जिले में चर्चा जोरों पर है कि खाद्य सुरक्षा विभाग की मिलीभगत के कारण ही इन दुकानदारों की हिम्मत इतनी बढ़ी कि वे नकली और घटिया खाद्य पदार्थ बेचने लगे। मावा, पनीर और मिठाइयों जैसे रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों में मिलावट लोगों की सेहत के लिए खतरनाक है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या केवल जुर्माना लगाकर विभाग अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहा है?
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन दुकानदारों के लाइसेंस तुरंत रद्द होने चाहिए। साथ ही, इनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। एक स्थानीय निवासी ने गुस्से में कहा, “ये लोग हमारे बच्चों और परिवार की सेहत से खेल रहे हैं। क्या 1-2 लाख रुपये देकर ये फिर से वही गंदा काम शुरू कर देंगे? इनका लाइसेंस रद्द करो और जेल भेजो!”
खाद्य सुरक्षा विभाग पर सवाल
बुरहानपुर में यह कार्रवाई पहली बार इतने बड़े स्तर पर हुई है, लेकिन लोगों का गुस्सा इस बात पर भी है कि खाद्य सुरक्षा विभाग ने पहले इतनी ढिलाई क्यों बरती? अगर नियमित जांच और सख्ती होती, तो शायद ये दुकानदार इतनी हिम्मत न दिखाते। कई लोग मानते हैं कि विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ही मिलावट का धंधा फल-फूल रहा था। अब जब कार्रवाई हुई है, तो इसे दिखावटी बताने वालों की भी कमी नहीं।
आगे क्या होना चाहिए?
जुर्माना लगाना तो ठीक है, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं। लोगों की मांग है कि:
- लाइसेंस रद्द करें: जिन दुकानों ने बार-बार नियम तोड़े, उनके लाइसेंस तुरंत निरस्त किए जाएं।
- मुकदमा दर्ज करें: मिलावट करने वालों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज हो, ताकि भविष्य में कोई और ऐसा करने की हिम्मत न करे।
- नियमित जांच: खाद्य सुरक्षा विभाग को नियमित रूप से छापेमारी और सैंपलिंग करनी चाहिए, ताकि मिलावट की शुरुआत ही न हो।
- जागरूकता अभियान: जनता को भी जागरूक करना जरूरी है, ताकि वे नकली और अमानक खाद्य पदार्थों से बच सकें।
बुरहानपुर के लिए सबक
यह कार्रवाई बुरहानपुर के लिए एक बड़ा कदम है, लेकिन यह शुरुआत मात्र है। खाद्य माफियाओं को सबक सिखाने के लिए सख्त और लगातार कार्रवाई जरूरी है। अगर विभाग केवल जुर्माना लगाकर अपनी पीठ थपथपाता रहा, तो यह समस्या फिर से उभर सकती है। जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वालों को जेल की सलाखों के पीछे भेजने की जरूरत है, ताकि कोई भी भविष्य में ऐसा करने की हिम्मत न करे।
बुरहानपुर वासियों को अब सतर्क रहना होगा। अगर आपको भी लगता है कि आपके आसपास कोई दुकानदार नकली या घटिया सामान बेच रहा है, तो तुरंत खाद्य सुरक्षा विभाग को शिकायत करें। आखिर, आपकी सेहत आपके हाथ में है!