संभाजी शिवाजी अहिरराव को इंडियन एक्सलन्स 2025 पुरस्कार: समाजसेवा और शिक्षा में योगदान
संभाजी शिवाजी अहिरराव को उनके शिक्षा, खेल और समाजसेवा में योगदान के लिए इंडियन एक्सलन्स 2025 पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। जानिए उनकी प्रेरणादायक कहानी।

- संभाजी अहिरराव ने छोटी सी खोली से शुरू किया राजे छत्रपती स्कूल, आज 850 बच्चों का भविष्य संवार रहा है
- कोरोना काल में स्वखर्च से जरूरतमंदों की मदद और फंसे मजदूरों को घर पहुंचाया
- राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले छात्रों और खंडोजी महाराज यात्रा में पुलिस की सेवा
महाराष्ट्र के धुळे जिले के पिंपळनेर शहर में एक ऐसा नाम है, जो सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखता है—संभाजी शिवाजी अहिरराव। हिंदुस्थान जूडो कराटे एसोसिएशन के माध्यम से उन्होंने 25 साल पहले एक छोटी सी खोली में राजे छत्रपती इंग्लिश मीडियम स्कूल की नींव रखी थी। आज यह स्कूल 800 से 850 बच्चों का भविष्य संवार रहा है। संभाजी अहिरराव सर के अथक प्रयासों और समर्पण ने इस स्कूल को न केवल शैक्षणिक बल्कि खेल के क्षेत्र में भी शानदार पहचान दिलाई है। उनके सामाजिक कार्यों और नेकदिली के लिए उन्हें इंडियन एक्सलन्स 2025 पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। यह पुरस्कार 1 जून 2025 को बुलढाणा जिले के मलकापुर में एक भव्य समारोह में प्रदान किया जाएगा।
शिक्षा और खेल में उल्लेखनीय योगदान
संभाजी अहिरराव ने साक्री तालुका में पहला इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू करने का गौरव हासिल किया। उनकी मेहनत का नतीजा है कि आज इस स्कूल के सैकड़ों छात्रों ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर खेलों में मेडल जीते हैं। जूडो, कराटे और अन्य खेलों में इन बच्चों ने न केवल अपनी प्रतिभा दिखाई, बल्कि महाराष्ट्र का नाम भी रोशन किया। संभाजी सर ने बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी प्रोत्साहित किया, जिससे कई छात्रों ने नेतृत्व की भूमिका निभाई।
कोरोना काल में समाजसेवा की मिसाल
कोरोना महामारी के दौरान जब पूरा देश मुश्किलों से जूझ रहा था, संभाजी अहिरराव ने समाजसेवा की ऐसी मिसाल कायम की, जो हर किसी के लिए प्रेरणा है। उन्होंने अपनी जेब से पैसे खर्च कर जरूरतमंदों को अनाज, सब्जियां, किराने का सामान और दवाइयां बांटीं। इतना ही नहीं, स्कूल की बस और रिक्शा से मरीजों को मुफ्त सेवा दी। गुजरात में फंसे मजदूरों और मुस्लिम समुदाय के लोगों को अपने स्कूल की बसों से सुरक्षित उनके घर पहुंचाया। यह सब उन्होंने बिना किसी स्वार्थ के किया, जो उनकी समाज के प्रति निष्ठा को दर्शाता है। आज भी वह गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
खंडोजी महाराज यात्रा में सहयोग
पिंपळनेर में हर साल आयोजित होने वाली खंडोजी महाराज यात्रा में संभाजी सर का योगदान अतुलनीय है। इस उत्सव में सुरक्षा के लिए आने वाले सैकड़ों पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए वह अपनी स्कूल की बिल्डिंग में तीन दिन तक भोजन और ठहरने की व्यवस्था करते हैं। यह काम वह पूरी निष्ठा और स्वयंस्फूर्ति से करते हैं। यह उनकी सामाजिक जिम्मेदारी और उदारता का एक और उदाहरण है।
राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में योगदान
संभाजी अहिरराव का कोई राजनीतिक वारसा नहीं है, फिर भी उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में अपनी मेहनत से जगह बनाई। वह कई संगठनों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं और खेल, शिक्षा और समाजसेवा में सक्रिय हैं। उनके इस समर्पण और नेतृत्व के लिए उन्हें इंडियन एक्सलन्स 2025 पुरस्कार से नवाजा जा रहा है। यह सम्मान उनके वर्षों के अथक परिश्रम और समाज के प्रति उनके योगदान का प्रतीक है।
पुरस्कार समारोह
1 जून 2025 को मलकापुर, बुलढाणा में आयोजित होने वाले भव्य समारोह में संभाजी अहिरराव को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर उनके चाहने वाले और शुभचिंतक उन्हें बधाइयां और शुभकामनाएं दे रहे हैं। उनके इस सम्मान ने पूरे धुळे जिले और पिंपळनेर शहर का गौरव बढ़ाया है।
प्रेरणा का प्रतीक
संभाजी शिवाजी अहिरराव जैसे लोग समाज के लिए एक प्रेरणा हैं। शिक्षा, खेल और समाजसेवा में उनके योगदान ने न केवल पिंपळनेर को गौरवान्वित किया, बल्कि पूरे महाराष्ट्र में उनकी पहचान बनाई। इंडियन एक्सलन्स 2025 पुरस्कार उनके इस समर्पण का सम्मान है। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि मेहनत, लगन और समाज के प्रति प्रेम से हर मुश्किल को आसान बनाया जा सकता है।