Operation Sindoor: भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाया, जंग से सीजफायर तक की पूरी कहानी

Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को तबाह किया। जानें 86 घंटे की जंग और सीजफायर की पूरी कहानी।

Operation Sindoor: भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाया, जंग से सीजफायर तक की पूरी कहानी
ऑपरेशन सिंदूर से सीजफायर तक पूरी कहानी

हाइलाइट्स
  • 86 घंटे में भारत का प्रहार, आतंक के अड्डे ध्वस्त
  • ड्रोन, मिसाइल, एयरस्ट्राइक—पाकिस्तान को हर मोर्चे पर जवाब
  • 'ऑपरेशन सिंदूर' से सीजफायर तक, दुनिया ने देखा भारत का दम

Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को आतंकवादियों ने पर्यटकों पर कायराना हमला किया था। इस हमले के तार पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों से जुड़े थे। भारत ने दुनिया के सामने साफ कर दिया था कि वह इस हमले के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शेगा नहीं। ठीक 15 दिन बाद, 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए आतंकी ठिकानों पर करारा प्रहार किया। इस ऑपरेशन में कई पाकिस्तान समर्थित आतंकी ढेर हुए। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। पाकिस्तान ने भारत के इस एक्शन से बौखलाकर लगातार तीन दिन तक भारत के कई हिस्सों पर हमले किए। भारत की मजबूत सेना और एयर डिफेंस सिस्टम ने हर हमले को नाकाम किया। आखिरकार, 86 घंटे की जंग के बाद 10 मई की शाम 5 बजे दोनों देशों ने सीजफायर की घोषणा की। आइए, इस पूरे घटनाक्रम को आसान भाषा में समझते हैं।

पहलगाम हमले ने हिलाया था देश को

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, जिससे कई लोग घायल हुए। जांच में पता चला कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ था। भारत ने तुरंत ऐलान किया कि वह इस हमले का बदला जरूर लेगा। सरकार और सेना ने दुनिया को बता दिया कि आतंकियों और उनके आकाओं को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने मचाई आतंकियों में खलबली

7 मई की तड़के सुबह भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। ये ऑपरेशन रात 1:03 बजे से 1:35 बजे तक चला। भारतीय सेना और नौसेना ने एकजुट होकर पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के 9 ठिकानों को पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया। इनमें सियालकोट का महमूना जोया आतंकी कैंप, पीओके के कोटली में गुलपुर कैंप और अब्बास आतंकी ग्रुप के अड्डे शामिल थे। इस हमले में कई बड़े आतंकी मारे गए, जिनमें एक इजरायली पत्रकार की हत्या का गुनहगार भी था।

भारतीय सेना ने साफ किया कि उनका निशाना पाकिस्तान की सेना नहीं, बल्कि आतंकी ठिकाने थे। इस ऑपरेशन ने आतंकियों के हौसले पस्त कर दिए, लेकिन पाकिस्तान को ये बर्दाश्त नहीं हुआ।

पाकिस्तान की बौखलाहट और हमले

भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया। 8 मई की रात उसने लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर सीजफायर तोड़ा और ड्रोन व मिसाइलों से भारत के कई सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की। इनमें अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नल, फलौदी, उत्तरलाई और भुज जैसे शहर निशाने पर थे। लेकिन भारत की शानदार एयर डिफेंस सिस्टम ने इन सारे हमलों को नाकाम कर दिया।

दुर्भाग्य से, पाकिस्तानी गोलीबारी में 16 निर्दोष लोग मारे गए, जिनमें तीन महिलाएं और पांच बच्चे शामिल थे। भारत ने जवाब में लाहौर में पाकिस्तान की एक वायु रक्षा प्रणाली को तबाह कर दिया। साथ ही, सीमा पर पाकिस्तानी गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। 

लगातार तीसरे दिन भी हमले

9 मई को भी पाकिस्तान ने अपनी हरकतें जारी रखीं। उसने गुजरात से जम्मू-कश्मीर तक 15 शहरों पर हमले की कोशिश की। इस बार उसने एलओसी पर 300-400 ड्रोनों से हमला किया, लेकिन भारतीय सेना ने इसे भी विफल कर दिया। भारत ने जवाब में लाहौर, इस्लामाबाद, कराची, सियालकोट, बहावलपुर और पेशावर को निशाना बनाया। इस दौरान भारत ने पाकिस्तान के चीन निर्मित J-17 फाइटर जेट को मार गिराया। पाकिस्तान ने तुर्किए निर्मित ड्रोनों का भी इस्तेमाल किया, लेकिन उसे हर बार मुंह की खानी पड़ी।

10 मई को रिहायशी इलाकों पर हमला

10 मई की रात पाकिस्तान ने भारत के रिहायशी इलाकों को भी निशाना बनाने की कोशिश की। उसने हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के कई इलाकों पर ड्रोन से हमले किए। साथ ही, उधमपुर, अवंतीपुरा और श्रीनगर एयरबेस पर लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की। लेकिन भारत की एयर डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों को हवा में ही नाकाम कर दिया। 

भारत ने इसके जवाब में पाकिस्तान के चार बड़े एयरबेस को तबाह कर दिया। इनमें रावलपिंडी का नूर खान एयरबेस, शोरकोट का रफीकी वायु सेना अड्डा और मुरीद एयरफोर्स बेस शामिल थे। इस दौरान पाकिस्तानी ड्रोनों के मलबे से कई लोग घायल भी हुए। पंजाब के फिरोजपुर में खोई गांव में एक जलता हुआ ड्रोन गिरने से एक परिवार के तीन लोग घायल हो गए।

आखिरकार सीजफायर की घोषणा

लगातार हमलों और भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान हार मानने को मजबूर हुआ। 10 मई को दोपहर 3:35 बजे पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने भारतीय DGMO को फोन किया और सीजफायर की पेशकश की। दोनों देशों ने सहमति जताई और शाम 5 बजे से सीजफायर लागू हो गया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि 12 मई को दोपहर 12 बजे दोनों देशों के DGMO फिर से बात करेंगे। 

हालांकि, सीजफायर के बावजूद पाकिस्तान ने कुछ जगहों पर उल्लंघन किया, जिसे भारतीय सेना ने तुरंत काबू में कर लिया।

भारत की ताकत का लोहा माना दुनिया ने

‘ऑपरेशन सिंदूर’ और उसके बाद की घटनाओं ने पूरी दुनिया को भारत की ताकत और आतंकवाद के खिलाफ उसकी जीरो टॉलरेंस नीति का अहसास करा दिया। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना और नौसेना की सटीक रणनीति, अत्याधुनिक तकनीक और मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान को चारों खाने चित कर दिया। 86 घंटे तक चली इस जंग में भारत ने न सिर्फ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया, बल्कि पाकिस्तान के हर हमले को नाकाम करके अपनी रक्षा क्षमता का परचम लहराया। 

भारत का सख्त संदेश

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत ने दुनिया को साफ संदेश दे दिया कि वह अपनी जमीन पर आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। पहलगाम हमले के बाद भारत ने जिस तेजी और साहस के साथ जवाबी कार्रवाई की, उसने आतंकियों और उनके समर्थकों के हौसले पस्त कर दिए। भारतीय सेना ने यह भी साबित कर दिया कि वह न सिर्फ आतंकियों को सबक सिखा सकती है, बल्कि जरूरत पड़ने पर दुश्मन देश की किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। 

पाकिस्तान की हार और सीजफायर

पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ लगातार तीन दिन तक हमले करने की कोशिश की, लेकिन हर बार उसे मुंह की खानी पड़ी। भारत ने न सिर्फ उसके ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम किया, बल्कि जवाबी कार्रवाई में उसके कई बड़े एयरबेस और हथियारों को तबाह कर दिया। पाकिस्तान के पास आखिरकार हार मानने के अलावा कोई चारा नहीं बचा। 10 मई को जब पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत से सीजफायर की गुहार लगाई, तब जाकर यह जंग थमी। लेकिन सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान की ओर से कुछ जगहों पर उल्लंघन की खबरें आईं, जिन्हें भारतीय सेना ने तुरंत काबू में कर लिया।

भारत की रणनीति और तकनीक

इस पूरे घटनाक्रम में भारत की सैन्य रणनीति और तकनीकी ताकत ने सबका ध्यान खींचा। भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सटीक निशाने लगाकर आतंकी ठिकानों को तबाह किया। इसके अलावा, पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम करने में भारत की एयर डिफेंस सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई। चाहे वह लाहौर में पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को निष्प्रभावी करना हो या फिर चीन निर्मित J-17 फाइटर जेट को मार गिराना, भारत ने हर मोर्चे पर अपनी श्रेष्ठता साबित की। 

निर्दोष लोगों का नुकसान

इस जंग में सबसे दुखद पहलू रहा निर्दोष लोगों की जान जाना। पाकिस्तान की गोलीबारी में 16 लोग मारे गए, जिनमें तीन महिलाएं और पांच बच्चे शामिल थे। इसके अलावा, पंजाब के फिरोजपुर में एक जलते हुए ड्रोन के मलबे से एक परिवार के तीन लोग घायल हो गए। इन घटनाओं ने एक बार फिर आतंकवाद और युद्ध के खतरों को उजागर किया। भारत ने इन नुकसानों के बावजूद संयम और ताकत का परिचय दिया और सिर्फ आतंकी ठिकानों और सैन्य लक्ष्यों को निशाना बनाया। 

सीजफायर के बाद की स्थिति

10 मई की शाम 5 बजे सीजफायर लागू होने के बाद दोनों देशों ने अपनी सैन्य कार्रवाइयां रोक दीं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि 12 मई को दोपहर 12 बजे भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ फिर से बात करेंगे। हालांकि, सीजफायर के बावजूद पाकिस्तान की ओर से कुछ जगहों पर उल्लंघन की खबरें आईं। भारतीय सेना ने इन उल्लंघनों पर कड़ी नजर रखी और जरूरी कार्रवाई की। 

दुनिया की प्रतिक्रिया

‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत-पाकिस्तान के बीच इस तनाव ने वैश्विक स्तर पर भी ध्यान खींचा। कई देशों ने भारत के आतंकवाद विरोधी रुख की सराहना की, जबकि कुछ ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की। भारत ने साफ कर दिया कि उसका मकसद सिर्फ आतंकवाद को खत्म करना है, न कि किसी देश के साथ युद्ध छेड़ना। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर भारत को एक जिम्मेदार और ताकतवर राष्ट्र के रूप में पेश किया। 

आगे क्या?

सीजफायर के बाद अब सबकी नजर इस बात पर है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत का अगला दौर कैसा रहता है। 12 मई को होने वाली डीजीएमओ की बातचीत से यह साफ होगा कि क्या दोनों देश शांति बनाए रखने में कामयाब होंगे। भारत ने पहले ही कह दिया है कि वह किसी भी तरह की उकसावे की कार्रवाई का कड़ा जवाब देगा। साथ ही, आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई किसी भी हाल में रुकेगी नहीं। 

भारत का दमदार जवाब

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न सिर्फ पहलगाम हमले का बदला लिया, बल्कि भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ उसकी अटल प्रतिबद्धता को दुनिया के सामने रखा। इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान को साफ संदेश दे दिया कि भारत अपनी जमीन और नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। 86 घंटे की इस जंग में भारत ने आतंकियों को सबक सिखाने के साथ-साथ अपनी रक्षा क्षमता का लोहा मनवाया। यह घटनाक्रम न सिर्फ भारत की शक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत शांति का पक्षधर है, मगर जरूरत पड़ने पर जंग के मैदान में भी पीछे नहीं हटेगा। अब, जबकि सीजफायर लागू हो चुका है, उम्मीद है कि दोनों देश शांति की राह पर चलेंगे, लेकिन भारत की निगाहें हमेशा अपनी सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा पर टिकी रहेंगी।