ग्वालियर किले से 9वीं कक्षा की छात्रा ने लगाई छलांग, रहस्य बना आत्महत्या का कारण

15 वर्षीय पुष्पा यादव ने ग्वालियर किले से छलांग लगाकर आत्महत्या की। घर से कोचिंग जाने के बहाने निकली थी, लेकिन किले पर पहुंचकर लिया जानलेवा कदम। पुलिस मौत के कारणों की तहकीकात में जुटी। पढ़ें पूरी खबर।

ग्वालियर किले से 9वीं कक्षा की छात्रा ने लगाई छलांग, रहस्य बना आत्महत्या का कारण
ग्वालियर किले से नौवीं कक्षा की छात्रा ने लगाई चलांग

मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां 9वीं कक्षा की 15 वर्षीय छात्रा पुष्पा यादव ने गुरुवार शाम को ऐतिहासिक राजा मानसिंह किले (ग्वालियर फोर्ट) से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना पड़ाव थाना क्षेत्र के सेवा नगर रोड स्थित किले की तलहटी में घटी। पुष्पा ने घर से कोचिंग जाने का बहाना बनाकर स्कूटी ली थी, लेकिन वह किले पर पहुंच गई और अपनी जीवनलीला समाप्त कर दी।

घटना का क्रम: कोचिंग के नाम पर निकली, किले पर पहुंची

पुष्पा यादव ग्वालियर के बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के आनंद नगर की निवासी थी। उसके पिता रिंकू यादव के अनुसार, पुष्पा गुरुवार शाम को अपनी एक्टिवा स्कूटी लेकर कोचिंग जाने के लिए घर से निकली थी। हालांकि, वह सीधे किले की ओर चली गई। किले पर मौजूद पर्यटकों ने उसे छलांग लगाते देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दो घंटे की मशक्कत के बाद किले की तलहटी में पत्थरों और झाड़ियों के बीच उसका शव बरामद किया।

पुलिस की जांच: सुसाइड नोट नहीं, मोबाइल और कॉल डिटेल जांच में

मामले की जांच कर रही पड़ाव थाना पुलिस के अनुसार, घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुष्पा के मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है, और उसकी कॉल डिटेल्स का विश्लेषण किया जा रहा है। साथ ही, उसके परिवार, दोस्तों, सहपाठियों और शिक्षकों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या पुष्पा किसी व्यक्तिगत या अकादमिक समस्या से जूझ रही थी।

परिवार का सदमा: उसे किसी बात की परेशानी नहीं थी

पुष्पा के पिता ने बताया कि वह पढ़ाई में मेधावी थी और उसने कभी भी किसी तनाव या परेशानी का जिक्र नहीं किया था। उस दिन भी वह सामान्य रूप से घर से निकली थी। परिवार को संदेह है कि किले पर पहुंचने के पीछे कोई अन्य कारण हो सकता है। पुलिस भी इस संभावना को खारिज नहीं कर रही कि कहीं उसके साथ कोई दुर्घटना या दबाव तो नहीं था।

ग्वालियर किले का इतिहास और सुरक्षा चिंताएं

यह घटना ग्वालियर किले की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। इससे पहले भी किले की ऊंची दीवारों से गिरने या छलांग लगाने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। दिसंबर 2023 में एक 15 वर्षीय छात्रा 80 फीट की ऊंचाई से गिरी थी, लेकिन पेड़ों की वजह से उसकी जान बच गई थी । विशेषज्ञों का मानना है कि किले के आसपास बैरिकेडिंग और सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।

समाज और मानसिक स्वास्थ्य: छिपे संकेतों को पहचानने की जरूरत

पुष्पा केस ने किशोर मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को फिर से उजागर किया है। मनोचिकित्सक डॉ. राजेश मिश्रा के अनुसार, "किशोर अक्सर अपने मन की बात छिपाते हैं। अभिभावकों को उनकी दिनचर्या और व्यवहार में बदलाव पर नजर रखनी चाहिए।" पुलिस भी स्कूलों के साथ मिलकर काउंसलिंग सेशन आयोजित करने की योजना बना रही है। 

आगे की जांच: क्या सामने आएंगे नए तथ्य?

  • पुलिस छात्रा के सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच कर रही है।
  • किले के सीसीटीवी फुटेज को एक्सपर्ट्स की मदद से एनालाइज किया जा रहा है।
  • पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शारीरिक चोटों के अलावा किसी अन्य संदिग्ध गतिविधि का पता चलने की संभावना है।

पुष्पा यादव की मौत ने ग्वालियर को हिला दिया है। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था और किशोर मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल उठाती है। पुलिस की जांच जारी है, और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस रहस्य पर से पर्दा उठेगा।