महिला दिवस पर उज्जैन में आसाराम बापू के समर्थन में प्रदर्शन, निर्दोष साबित करने की मांग

उज्जैन में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिलाओं ने आसाराम बापू के समर्थन में रैली निकाली। महिलाओं ने बापू को निर्दोष बताते हुए उनकी रिहाई की मांग की। जानिए क्या था इस रैली का उद्देश्य और बापू की रिहाई को लेकर समर्थकों का क्या कहना है।

महिला दिवस पर उज्जैन में आसाराम बापू के समर्थन में प्रदर्शन, निर्दोष साबित करने की मांग
महिला दिवस पर आसाराम बापू के समर्थकों ने किया प्रदर्शन

उज्जैन: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर जहां एक ओर महिलाओं के सम्मान और उनके अधिकारों को लेकर कई आयोजन हो रहे थे, वहीं उज्जैन में एक रैली ने सबका ध्यान आकर्षित किया। इस रैली को महिला दिवस के तहत आयोजित किया गया था, लेकिन रैली के मुख्य उद्देश्य में एक अलग ही संदेश था। रैली में शामिल महिलाएं आसाराम बापू के समर्थन में नारे लगा रही थीं और बापू की निर्दोषता का दावा करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग कर रही थीं। रैली में बापू की तस्वीरें, उनके द्वारा किए गए सेवा कार्यों की प्रदर्शनी और तख्तियों पर लिखे संदेश जैसे "बापू निर्दोष हैं, इन्हें रिहा करो" शामिल थे।

महिला उत्थान समिति की संस्कृति रक्षा यात्रा

इस रैली का आयोजन महिला उत्थान समिति ने किया था, जो चामुंडा माता चौराहा से संस्कृति रक्षा यात्रा के रूप में शुरू हुई। यात्रा टावर चौक, फ्रीगंज, और अन्य प्रमुख मार्गों से होती हुई कोठी पर समाप्त हुई। रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं, जिनमें से कुछ महिलाएं सिर पर पगड़ी बांधे हुए थीं। हालांकि, यह स्पष्ट रूप से एक महिला दिवस की रैली नहीं लग रही थी, बल्कि एक समर्थन रैली थी, जो आसाराम बापू की रिहाई के लिए हो रही थी।

आसाराम बापू को निर्दोष बताने का आरोप

रैली में शामिल ज्योत्सना बेन, जो अहमदाबाद, गुजरात की रहने वाली हैं, ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आसाराम बापू को "बोगस केस" में फसाया गया है। उन्होंने बताया कि बापू ने हमेशा महिलाओं का सम्मान किया है और उन्हें जीवन जीने की कला सिखाई है। ज्योत्सना बेन ने दावा किया कि बापू ने नारी को नारायणी का स्वरूप बताया और उनके द्वारा किए गए कार्यों ने करोड़ों महिलाओं की जिंदगी को बेहतर बनाया।

रैली में शामिल अन्य महिलाएं भी यही मानती थीं कि आसाराम बापू निर्दोष हैं और उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे झूठे हैं। इन महिलाओं की मांग थी कि बापू को जल्द से जल्द रिहा किया जाए ताकि वे अपनी सेवा कार्यों को फिर से शुरू कर सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

आसाराम बापू का स्वास्थ्य और पेरोल की स्थिति

आसाराम बापू वर्तमान में उज्जैन में स्थित अपने आश्रम में पंचकर्म उपचार ले रहे हैं। उन्हें उच्च न्यायालय से स्वास्थ्य कारणों से पेरोल दी गई थी, जिससे वे कुछ समय के लिए जेल से बाहर हैं। हालांकि, पेरोल के साथ कई शर्तें भी जुड़ी हुई हैं, जिनके तहत बापू अपने समर्थकों से नहीं मिल सकते और न ही सार्वजनिक रूप से प्रवचन दे सकते हैं। इस समय बापू उज्जैन में आगर रोड स्थित धनवंतरी अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं।

आसाराम बापू के आश्रम पर जुटे समर्थक

उज्जैन में बापू के आश्रम पर उनके समर्थकों की भारी भीड़ जमा रहती है। इन समर्थकों का मुख्य उद्देश्य बापू के दर्शन करना है। ये समर्थक मानते हैं कि बापू ने समाज के लिए कई अच्छे कार्य किए हैं और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं। इसलिए, ये लोग उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं और उनका विश्वास है कि बापू का जीवन और उनके कार्य समाज को दिशा देने वाले हैं।

महिला दिवस की आड़ में प्रदर्शन पर सवाल

हालांकि, महिला दिवस के मौके पर आयोजित इस रैली ने कई सवाल खड़े किए हैं। महिला दिवस का उद्देश्य जहां महिलाओं के अधिकारों और उनके सम्मान को बढ़ावा देना है, वहीं इस रैली का फोकस किसी अन्य मुद्दे पर था। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के आयोजनों को महिला दिवस के नाम पर छुपाने से समाज में गलत संदेश जा सकता है, क्योंकि इस दिन का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की समाज में भूमिका को पहचानने और उन्हें सशक्त बनाने के बारे में होता है।

आसाराम बापू के समर्थकों का तर्क

आसाराम बापू के समर्थक लगातार यह दावा करते आए हैं कि बापू का नाम केवल एक राजनीतिक साजिश के तहत घसीटा गया है। उनका कहना है कि बापू ने हमेशा समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई है और उन्होंने कई महिलाओं को अपने जीवन में उन्नति की राह दिखाई है। इन समर्थकों का मानना है कि बापू को झूठे आरोपों में फंसाया गया है और उन्हें निर्दोष साबित किया जाना चाहिए।

समाज में चर्चा का विषय

आसाराम बापू की रिहाई को लेकर समाज में विभिन्न रायें हैं। एक ओर जहां बापू के समर्थक उन्हें निर्दोष मानते हैं और उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके खिलाफ आरोप लगाने वाले लोग इसे किसी भी हालत में सही नहीं मानते। मामला अदालत में है और न्याय प्रक्रिया के तहत ही निर्णय लिया जाएगा, लेकिन इस बीच बापू के समर्थकों की सक्रियता लगातार जारी है।

रैली पर उठे सवाल और समाज में चर्चाएँ

उज्जैन में महिला दिवस के मौके पर आयोजित रैली ने एक नया मोड़ लिया है, जिसमें महिलाएं आसाराम बापू की रिहाई की मांग कर रही हैं। हालांकि, यह रैली महिला दिवस के संदर्भ में सवाल खड़े करती है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि बापू के समर्थकों की संख्या कम नहीं है। समाज में इस पर मंथन जारी है कि क्या यह रैली महिला दिवस के उद्देश्यों से मेल खाती है या फिर यह केवल एक और तरीके से बापू के समर्थन में हो रहा प्रयास है।