बुरहानपुर के केले-हल्दी के उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहुंचे, रूस प्रदर्शनी में भारत की भागीदारी
बुरहानपुर के केले और हल्दी उत्पाद अब रूस जैसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहुँच चुके हैं। मध्यप्रदेश के उद्यानिकी उत्पादों को रूस प्रदर्शनी में प्रदर्शित करने से व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।

मध्य प्रदेश: भारतीय रूसी मैत्री संगठन हारमनी और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग संगठन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक अद्वितीय रूस प्रदर्शनी में भारत को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह प्रदर्शनी 23 जनवरी से 9 फरवरी 2025 तक रूस के मास्को में आयोजित की जा रही है। इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक एवं आर्थिक संबंधों को और प्रगाढ़ करना है, विशेष रूप से मध्यप्रदेश राज्य के संदर्भ में। इस आयोजन के दौरान मध्यप्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, व्यापारिक क्षमता और आर्थिक अवसरों को प्रदर्शित किया जाएगा।
यह कार्यक्रम रूस में पहली बार हो रहा है, जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों और उनके उत्पादों की विशेष पहचान बनाई जा रही है। खासकर, मध्यप्रदेश दिवस के तहत इस प्रदर्शनी में राज्य के विभिन्न पहलुओं को प्रमुखता से दिखाया जा रहा है।
इस आयोजन में बुरहानपुर जिले के उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक श्री राजू बड़वाया ने हिस्सा लिया और अपने जिले के कृषि उत्पादों का प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रदर्शनी में जिले के केले और हल्दी के उत्पादों का व्यापक विवरण प्रस्तुत किया, जिन्हें अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जगह मिल रही है। इन उत्पादों में हल्दी पाउडर, केला पाउडर और केला चिप्स प्रमुख रूप से शामिल हैं।
बुरहानपुर के उत्पादों का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रवेश:
बुरहानपुर जिले के उत्पाद, खासकर केले और हल्दी के उत्पाद, रूस जैसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहुंचने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। इस अवसर पर खकनार फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के संचालक श्री उज्जवल चौधरी ने हल्दी पाउडर, केला पाउडर और केला चिप्स के एक्सपोर्ट हेतु प्रदर्शनी में भाग लिया। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे बुरहानपुर जिले के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी और उनकी मांग में भी इजाफा होगा।
बुरहानपुर में उत्पादित हल्दी और केला देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। हल्दी, जिसकी औषधीय और रसोई में विशेष महत्ता है, अब विश्व भर में अपनी पहचान बना रही है। वहीं, केला, जो कि एक लोकप्रिय फल है, उसका इस्तेमाल अब न केवल ताजे फल के रूप में, बल्कि पाउडर और चिप्स के रूप में भी बढ़ता जा रहा है। इन उत्पादों की बढ़ती मांग अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत के कृषि उत्पादों को एक नई दिशा देने में सहायक हो सकती है।
एमओयू पर चर्चा:
रूस में आयोजित इस प्रदर्शनी के दौरान, बुरहानपुर जिले की फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों और रूस के निर्यातकों के बीच व्यापारिक समझौते (एमओयू) पर चर्चा की गई। श्री राजू बड़वाया के अनुसार, इस कार्यशाला के माध्यम से रूस के एक्सपोर्टर श्रीमति आरती सोनी और अन्य व्यापारिक हस्तियों के साथ संभावित समझौतों पर बातचीत हो सकती है। इससे बुरहानपुर के उत्पादों की मार्केटिंग और निर्यात की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।
कृषि और उद्यानिकी क्षेत्र में नई संभावनाएँ:
मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में केले और हल्दी की खेती की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए यह अवसर और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। बुरहानपुर में उत्पादित हल्दी और केला दोनों ही कृषि उत्पाद हैं जो अपने उच्च गुणवत्ता और बेहतर उत्पादन के लिए जाने जाते हैं। इन उत्पादों के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रवेश से न केवल बुरहानपुर, बल्कि समूचे मध्यप्रदेश के कृषि क्षेत्र को एक नया अवसर मिलेगा।
बुरहानपुर जिले के किसानों के लिए यह एक संजीवनी की तरह हो सकता है। इन उत्पादों के निर्यात से किसानों को बेहतर मूल्य मिलने की संभावना है, जो उनकी आमदनी में वृद्धि कर सकता है। साथ ही, इस व्यापारिक संबंध से क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि इससे स्थानीय उद्योगों को भी फायदा होगा।
भारत-रूस व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने वाली प्रदर्शनी
रूस में हो रही इस प्रदर्शनी का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह न केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक मंच है, बल्कि यह भारत और रूस के व्यापारिक संबंधों को भी मजबूत करेगा। भारत के विभिन्न राज्यों, विशेष रूप से मध्यप्रदेश, के उत्पादों को रूस में पहचान मिल रही है। यह भारत और रूस के बीच आर्थिक सहयोग को नया आयाम देगा और दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।
प्रदर्शनी के दौरान भारतीय सांस्कृतिक धरोहर, व्यापारिक संभावनाओं और कृषि उत्पादों को लेकर रूस के लोगों में जागरूकता बढ़ेगी। इससे न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि पूरे देश के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सकेगी।
भारत-रूस व्यापारिक संबंधों को नई दिशा
कुल मिलाकर, यह कार्यक्रम और प्रदर्शनी भारत और रूस के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का एक सुनहरा अवसर है। बुरहानपुर जिले के केले और हल्दी जैसे उत्पादों का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रवेश मध्यप्रदेश के कृषि और उद्यानिकी क्षेत्र के लिए एक नई उम्मीद और दिशा लेकर आएगा। यदि यह कदम सफल होता है, तो यह न केवल बुरहानपुर के किसानों के लिए वरदान साबित होगा, बल्कि समूचे मध्यप्रदेश और भारत के कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार में एक नई पहचान भी दिलाएगा।