इंदौर लोकायुक्त की कुक्षी में ट्रैप कार्रवाई: पर्यवेक्षक 4,000 रुपये रिश्वत लेते पकड़ी गई
इंदौर लोकायुक्त ने कुक्षी, धार में महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक पुष्पा बेनल को 4,000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। पढ़ें पूरी खबर।

- इंदौर लोकायुक्त ने कुक्षी में पर्यवेक्षक पुष्पा बेनल को 4,000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा
- सुशीला बघेल की शिकायत पर राधाकृष्ण स्व-सहायता समूह के भुगतान के लिए मांगी गई थी रिश्वत
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवारी शुरू, लोकायुक्त की सख्ती से भ्रष्टाचारियों में हड़कंप
मध्य प्रदेश: इंदौर लोकायुक्त ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए धार जिले के कुक्षी में बड़ी कार्रवाई की है। महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक पुष्पा बेनल को 4,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। यह कार्रवारी महानिदेशक लोकायुक्त श्री योगेश देशमुख के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत की गई। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी।
क्या है पूरा मामला?
कुक्षी तहसील के भमोरी गांव की रहने वाली सुशीला बघेल राधाकृष्ण स्व-सहायता समूह की संचालिका हैं। यह समूह पिछले छह साल से आंगनवाड़ी के बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन बनाने और वितरित करने का काम कर रहा है। शासन की ओर से इस काम के लिए समूह को हर महीने 9,000 रुपये दिए जाते हैं, जो महिला एवं बाल विकास विभाग, बाग के जरिए समूह के खाते में जमा होते हैं।
सुशीला ने शिकायत की कि पर्यवेक्षक पुष्पा बेनल, जो महिला एवं बाल विकास विभाग में अतिरिक्त प्रभारी परियोजना अधिकारी भी हैं, ने उनसे मार्च और अप्रैल 2025 की राशि जमा कराने और मई की राशि स्वीकृत कराने के लिए 6,000 रुपये रिश्वत मांगी। सुशीला ने इसकी शिकायत इंदौर लोकायुक्त के पुलिस अधीक्षक श्री राजेश सहाय से की।
लोकायुक्त की ट्रैप कार्रवारी
शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त ने मामले की जांच की और शिकायत सही पाई गई। इसके बाद 3 जून 2025 को लोकायुक्त ने एक ट्रैप टीम बनाई। इस टीम में कार्यवाहक उप पुलिस अधीक्षक आनंद चौहान, आरक्षक विजय कुमार, अनिल परमार, चेतन सिंह परिहार, कमलेश तिवारी, महिला आरक्षक सोनम चतुर्वेदी और चालक शेरसिंह ठाकुर शामिल थे।
ट्रैप के दौरान पुष्पा बेनल को सुशीला से 4,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। पुष्पा बेनल, जो कुक्षी-बड़वानी रोड पर निसरपुर में कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल के पीछे रहती हैं, के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्रवारी शुरू कर दी गई है।
कौन हैं पुष्पा बेनल?
पुष्पा बेनल (55 वर्ष) महिला एवं बाल विकास विभाग, बाग में पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत हैं और अतिरिक्त रूप से परियोजना अधिकारी का प्रभार भी संभाल रही थीं। उनकी इस हरकत ने न केवल विभाग की छवि को धक्का पहुंचाया है, बल्कि सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ हो रहे अन्याय को भी उजागर किया है।
लोकायुक्त की सख्ती का असर
लोकायुक्त की इस कार्रवारी से भ्रष्टाचार करने वालों में हड़कंप मच गया है। महानिदेशक योगेश देशमुख ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई ढील नहीं बरती जाएगी। यह कार्रवारी उन लोगों के लिए सबक है जो सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने वालों से रिश्वत मांगते हैं।
स्व-सहायता समूहों की अहमियत
राधाकृष्ण स्व-सहायता समूह जैसे संगठन ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने और बच्चों को पोषण देने में अहम भूमिका निभाते हैं। आंगनवाड़ी के बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन जैसी योजनाएं बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। लेकिन रिश्वतखोरी जैसे मामले इन योजनाओं की साख को कमजोर करते हैं।
लोकायुक्त की अपील
लोकायुक्त ने आम लोगों से अपील की है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी रिश्वत मांगता है, तो तुरंत इसकी शिकायत करें। लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में शिकायत दर्ज कराने के लिए लोग संपर्क कर सकते हैं। ऐसी कार्रवाइयां भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने में मदद करेंगी।
आगे क्या?
पुष्पा बेनल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। लोकायुक्त की टीम इस मामले में और जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इस तरह की रिश्वतखोरी पहले भी हुई है। साथ ही, यह कार्रवारी अन्य भ्रष्ट अधिकारियों के लिए चेतावनी है कि लोकायुक्त की नजर उन पर है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम
इंदौर लोकायुक्त की इस कार्रवारी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुहिम रंग ला रही है। कुक्षी जैसे छोटे कस्बों में भी भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं, लेकिन लोकायुक्त की सख्ती से इन्हें उखाड़ने का काम तेजी से चल रहा है। अगर आप भी भ्रष्टाचार का शिकार हैं, तो हिम्मत करें और शिकायत दर्ज कराएं।