उज्जैन शॉकिंग स्कैंडल: अपराधी ने पुलिस के साथ की शराब पार्टी और खेला जुआ, वीडियो वायरल

उज्जैन के चरक अस्पताल में जेल वार्ड में अपराधी अजय सिंदल पुलिस के साथ शराब पीते और जुआ खेलते पकड़ा गया। वायरल वीडियो के बाद 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड। पूरी कहानी पढ़ें।

उज्जैन शॉकिंग स्कैंडल: अपराधी ने पुलिस के साथ की शराब पार्टी और खेला जुआ, वीडियो वायरल
जेल वार्ड में अपराधी ने पुलिस के साथ की शराब पार्टी

हाइलाइट्स
  • उज्जैन के चरक अस्पताल के जेल वार्ड में अपराधी अजय सिंदल पुलिस के साथ शराब और जुआ खेलते पकड़ा गया
  • वायरल वीडियो के बाद एसपी ने पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर जांच के आदेश दिए
  • पीड़ित पक्ष का आरोप: अजय इलाज का बहाना बनाकर परिवार पर समझौते का दबाव बनाता है

अरे, आपने सुना क्या? उज्जैन में एक ऐसा कांड हो गया कि सुनकर दिमाग चकरा जाए! एक अपराधी, जो सरकारी अस्पताल के जेल वार्ड में इलाज के बहाने भर्ती था, वहां पुलिस वालों के साथ शराब पीते और जुआ खेलते पकड़ा गया। और तो और, इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया। ये कोई फिल्मी सीन नहीं, बल्कि हकीकत है, जो उज्जैन के चरक अस्पताल में सामने आई। चलो, पूरी कहानी बताते हैं कि आखिर माजरा क्या है।

क्या है पूरा मामला?

बात शुरू होती है 1 सितंबर 2024 से। उज्जैन के कोतवाली थाना इलाके में रहने वाला अजय सिंदल, जो नागेश्वर नगर का रहने वाला है, अपने चाचा अनिल सिंदल से पारिवारिक झगड़े में उलझ गया। गुस्से में उसने चाचा पर जानलेवा हमला कर दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और कई धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेज दिया। लेकिन अजय ने सीने में दर्द का बहाना बनाया और बार-बार उज्जैन के सरकारी चरक अस्पताल में इलाज के लिए आने लगा। इस बार भी वो अस्पताल की चौथी मंजिल पर बने जेल वार्ड में था, जहां उसकी सुरक्षा के लिए चार पुलिसकर्मी तैनात थे।

अब यहां ट्विस्ट आता है। ये पुलिसवाले, जो अजय की निगरानी के लिए थे, उसके साथ शराब के जाम छलकाने लगे। किसी ने इस शर्मनाक हरकत का वीडियो बना लिया और ऑनलाइन डाल दिया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि अजय और पुलिसवाले साथ बैठकर शराब पी रहे हैं, सिगरेट फूंक रहे हैं और जुए में पैसे लगा रहे हैं। पुलिस की वर्दी तो बस खूंटी पर टंगी रह गई, जैसे उनकी ड्यूटी का कोई मतलब ही न हो!

वायरल वीडियो के बाद क्या हुआ?

जैसे ही ये वीडियो वायरल हुआ, उज्जैन के एसपी प्रदीप शर्मा ने फौरन एक्शन लिया। उन्होंने पांच पुलिसकर्मियों की पहचान की - प्रधान आरक्षक अल्ताफ हुसैन और आरक्षक अरविंद मरमट, सुनील बिठोरे, लखन अहिरवार और सुनील परमार। इन सभी को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।

पड़ित पक्ष का गंभीर आरोप

अजय के चचेरे भाई शुभम सिंदल ने बड़ा खुलासा किया। उनका कहना है कि अजय सच में बीमार नहीं है। वो इलाज का बहाना बनाकर जेल वार्ड में आता है, वहां शराब पार्टियां करता है और अपने गुंडों को उनके घर भेजकर मामले में समझौता करने का दबाव बनाता है। मतलब, जेल में रहते हुए भी वो परिवार को धमकाने से बाज नहीं आ रहा। ये सुनकर तो कोई भी हैरान हो जाए!

पुलिस और अस्पताल की लापरवाही पर सवाल

ये पूरा मामला पुलिस और अस्पताल प्रशासन के लिए शर्मिंदगी का सबब बन गया है। आखिर जेल वार्ड में शराब और सिगरेट कैसे पहुंची? पुलिस की वर्दी खूंटी पर टंगी थी और वो अपराधी के साथ मौज कर रहे थे - ये कितना गैर-जिम्मेदाराना है! लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि क्या ऐसी पुलिस और सिस्टम पर भरोसा किया जा सकता है?

जांच के आदेश, सख्त कार्रवाई की तैयारी

एसपी प्रदीप शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एडिशनल एसपी को सात दिन में जांच रिपोर्ट सौंपने का ऑर्डर दिया है। अगर जांच में कुछ बड़ा निकला तो इन पुलिसकर्मियों को नौकरी से निकाला भी जा सकता है। इसके अलावा, जेल अधीक्षक मनोज साहू और सीएमएचओ से भी इस लापरवाही की रिपोर्ट मांगी गई है। सबकी नजर अब इस जांच पर टिकी है कि सच क्या सामने आता है।

उज्जैन के लिए सबक

ये घटना उज्जैन के लिए एक बड़ा सबक है। जेल वार्ड में कैदियों की निगरानी और अस्पताल के सिस्टम में सख्ती की जरूरत है। शराब और जुआ जैसी चीजें वहां तक पहुंच ही नहींनी चाहिए। लोगों का गुस्सा भी जायज है - वे चाहते हैं कि पुलिस और हेल्थ सिस्टम में जवाबदेही बढ़े, ताकि भविष्य में ऐसा कुछ न हो।

सबक और उम्मीद

उज्जैन के इस स्कैंडल ने सबको चौंका दिया है। एक अपराधी, जिसे सजा काटनी चाहिए थी, वो पुलिस के साथ पार्टी कर रहा था। वायरल वीडियो ने सच को सबके सामने ला दिया और अब लोग चाहते हैं कि दोषियों को सख्त सजा मिले। उम्मीद है कि जांच से सच बाहर आएगा और सिस्टम में सुधार होगा।