उज्जैन हत्याकांड: शादी के बाद मां की रोक-टोक से परेशान बेटे ने की हत्या, जंगल में फेंकी लाश
उज्जैन में एक बेटे ने अपनी मां की हत्या कर दी, क्योंकि वह शादी के बाद उसकी रोक-टोक से तंग आ गया था। पुलिस ने बेटे को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उसके दो साथी अभी फरार हैं। पूरी खबर पढ़ें।

- शादी के बाद मां की टोका-टाकी से तंग बेटे ने कर दी हत्या
- गला घोंटने के बाद कुल्हाड़ी से काटा, लाश जंगल में फेंकी
- पुलिस ने बेटे को दबोचा, दो साथी अब भी फरार
मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक ऐसी घटना हुई है, जिसने सबको हैरान कर दिया। एक बेटे ने अपनी ही मां की हत्या कर दी, सिर्फ इसलिए क्योंकि वह उसकी शादी के बाद बार-बार टोका-टाकी करती थी। आरोपी बेटे का नाम अर्जुन है, और उसने अपनी मां कमला बाई को पहले गला घोंटकर मारा, फिर डर था कि कहीं वह जिंदा न रह जाए, इसलिए कुल्हाड़ी से उनका शरीर काट दिया। इसके बाद उसने लाश को गद्दे में लपेटकर जंगल में फेंक दिया। पुलिस ने अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उसके दो साथी अब भी फरार हैं।
क्या थी पूरी कहानी?
अर्जुन, जो दुनालजा गांव का रहने वाला 20 साल का युवक है, हाल ही में शादी के बंधन में बंधा था। लेकिन शादी के बाद उसकी मां कमला बाई हर छोटी-बड़ी बात पर उसे टोकती रहती थीं। अर्जुन ने कई बार अपनी मां को समझाने की कोशिश की कि वह उसकी जिंदगी में इतना दखल न दें, लेकिन कमला बाई नहीं मानीं। आखिरकार, अर्जुन का गुस्सा इस कदर बढ़ गया कि उसने अपनी मां की जान लेने का फैसला कर लिया।
कैसे हुई हत्या?
जिस दिन यह दर्दनाक घटना हुई, अर्जुन ने गुस्से में आकर अपनी मां का गला गमछे से दबा दिया। लेकिन उसे शक था कि शायद मां अभी जिंदा हों, इसलिए उसने कुल्हाड़ी उठाई और उनके शरीर पर कई वार किए। फिर उसने अपने ममेरे भाई रितेश और दोस्त जुझार गुर्जर की मदद ली। तीनों ने मिलकर कमला बाई की लाश को एक गद्दे में लपेटा और जुझार की मोटरसाइकिल से जंगल में कुएं के पास ले जाकर फेंक दिया।
पुलिस को कैसे मिली लाश?
27 मई को उज्जैन के उन्हेल थाना क्षेत्र में श्मशान घाट के पास पुलिस को एक गद्दा दिखा, जो देखने में कुछ संदिग्ध लग रहा था। जब पुलिस ने उसे खोला, तो अंदर एक महिला की खून से सनी लाश मिली। लाश के गले पर निशान थे और शरीर से खून बह रहा था। पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी। मृतका के हाथ पर 'ॐ कमला बेन' का टैटू देखकर पुलिस ने उसकी पहचान की कोशिश की। इसके लिए लाश की तस्वीरें सभी थानों में भेजी गईं। आखिरकार पता चला कि यह कमला बाई हैं, जो दुनालजा गांव की रहने वाली थीं और कुछ दिनों से लापता थीं।
अर्जुन कैसे पकड़ा गया?
जब पुलिस कमला बाई के गांव दुनालजा पहुंची, तो उन्होंने उनके परिवार वालों से पूछताछ की। कमला बाई की बेटियों झूमा बाई और गायत्री ने बताया कि उनकी मां के गायब होने के बाद से ही अर्जुन भी गांव से गायब था और उसका फोन बंद था। पुलिस को शक हुआ और उन्होंने अर्जुन को ढूंढना शुरू किया। आखिरकार, साक्ष्यों और मुखबिर की मदद से अर्जुन को पकड़ लिया गया। पूछताछ में अर्जुन ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह मां की लगातार टोका-टाकी से परेशान था और इसलिए उसने यह कदम उठाया।
साथियों की तलाश जारी
अर्जुन के साथ इस हत्याकांड में शामिल उसके ममेरे भाई रितेश (19 साल) और दोस्त जुझार गुर्जर (40 साल) अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। दोनों दुनालजा गांव के ही रहने वाले हैं। पुलिस ने उनकी तलाश के लिए टीम बनाई है और जल्द से जल्द उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है।
पुलिस और गांव वालों का बयान
एसपी प्रदीप शर्मा ने कहा, "यह बहुत ही दुखद और परेशान करने वाला मामला है। हमने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और बाकी दो संदिग्धों को पकड़ने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। अगर किसी को इनके बारे में कोई जानकारी हो, तो पुलिस से संपर्क करें।" वहीं, गांव के एक शख्स ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "कमला बाई बहुत अच्छी थीं, लेकिन अपने बेटे की बहुत फिक्र करती थीं। यह सोचना भी मुश्किल है कि अर्जुन ऐसा कर सकता है।"
क्या कहता है यह हादसा?
यह घटना बताती है कि परिवार में छोटी-छोटी बातें कितने बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हुआ गमछा बरामद कर लिया है और जांच अभी जारी है। उम्मीद है कि जल्द ही बाकी आरोपी भी पकड़े जाएंगे और इस मामले में इंसाफ होगा।