धुळे रेस्ट हाउस कैश घोटाला: अर्जुन खोतकर के पीए पर केस दर्ज
धुळे रेस्ट हाउस में 1.84 करोड़ रुपये की नकदी मिलने के बाद विधायक अर्जुन खोतकर के निजी सहायक किशोर पाटील समेत तीन लोगों पर केस दर्ज। आयकर विभाग भी जांच में जुटा।

- 1.84 करोड़ का घोटाला: धुळे रेस्ट हाउस में मिली भारी नकदी ने मचाई सनसनी
- विधायक के पीए पर कार्रवाई: किशोर पाटील सस्पेंड, पुलिस ने दर्ज किया केस
- आयकर विभाग की नजर: कैश के स्रोत की जांच में बड़े खुलासे की उम्मीद
धुळे में हाल ही में एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। ये मामला है गुलमोहर रेस्ट हाउस में मिले कैश घोटाले का, जिसने पूरे महाराष्ट्र में हलचल मचा दी है। हमने कुछ दिन पहले Fact Finding पर इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, और अब इसका असर दिख रहा है। नौ दिन की जांच के बाद धुळे शहर पुलिस थाने में केस दर्ज हुआ है। चलिए, इस मामले को आसान भाषा में समझते हैं।
कैश मिलने की कहानी
धुळे के गुलमोहर रेस्ट हाउस के कमरा नंबर 102 में भारी मात्रा में नकदी मिली—1 करोड़ 84 लाख रुपये! ये रकम सुनकर ही आंखें चौंधिया गईं, है ना? ये कमरा विधायक अर्जुन खोतकर के निजी सहायक किशोर पाटील के नाम पर बुक था। खबर सामने आते ही हर तरफ चर्चा शुरू हो गई। ये पैसा किसका था? इसका मकसद क्या था? ये सवाल सबके मन में उठने लगे।
अनिल गोटे का सनसनीखेज दावा
इस मामले में पूर्व विधायक अनिल गोटे ने बड़ा खुलासा किया। उनका दावा है कि ये रकम 11 विधायकों की अनुमान समिति के लिए जुटाई गई थी। यानी करीब 5 करोड़ रुपये होने का उनका आरोप है। कमरे की तलाशी के लिए उन्होंने चार घंटे तक धरना भी दिया। आखिरकार वरिष्ठ अधिकारी आए और तलाशी में 1 करोड़ 84 लाख रुपये मिले। लेकिन इस रकम पर किसी ने दावा नहीं किया। तो क्या ये पैसा वाकई समिति के लिए था? ये जांच से ही साफ होगा।
नौ दिन की जांच और केस दर्ज
धुळे पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया। क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर श्रीराम पवार ने नौ दिन तक जांच की और अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद किशोर पाटील, राजू मोगरे और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 124 के तहत केस दर्ज हुआ (क्राइम नंबर 264/25)। ये केस धुळे जिला पुलिस अधीक्षक के आदेश पर धुळे शहर पुलिस थाने में दर्ज किया गया। अब इस मामले की आगे की जांच एसडीपीओ राजकुमार उपासे को सौंपी गई है।
धारा 124 क्या है?
अब आपके मन में सवाल होगा कि ये धारा 124 आखिर है क्या? आसान भाषा में समझें तो, महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम 1951 की ये धारा ऐसी संपत्ति से जुड़ी है, जिसका स्रोत समझाया न जा सके। अगर किसी के पास ऐसी संपत्ति मिलती है और वो उसका ठोस जवाब नहीं दे पाता, तो उस पर कार्रवाई हो सकती है। इस मामले में भी यही हुआ—ये कैश कहां से आया, ये किशोर पाटील और बाकी लोग नहीं बता पाए।
जांच अभी भी जारी
पुलिस ने बताया कि अगर जांच में कुछ और सामने आया तो नई धाराएं जोड़ी जा सकती हैं। इतना ही नहीं, आयकर विभाग भी इस मामले की अलग से जांच कर रहा है। यानी ये कैश टैक्स चोरी या किसी और वित्तीय गड़बड़ी से जुड़ा है या नहीं, ये भी जांचा जाएगा। इस मामले के और बड़ा तूल पकड़ने की संभावना है।
निजी सहायक पर सस्पेंशन
इस घोटाले के बाद विधायक अर्जुन खोतकर के निजी सहायक किशोर पाटील को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया। साथ ही पुलिस ने उन्हें धुळे छोड़कर न जाने का आदेश भी दिया। इस कार्रवाई ने मामले को और गंभीर बना दिया।
क्या होगा सियासी असर?
चुनाव नजदीक हैं, और ये घोटाला अर्जुन खोतकर और उनकी पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। विपक्ष ने तो पहले ही खोतकर पर आरोपों की बौछार शुरू कर दी है। इस कैश और अनुमान समिति पर उठे सवालों का असर वोटरों पर भी पड़ सकता है। ये मामला आगे क्या मोड़ लेता है, ये देखना दिलचस्प होगा।
अब आगे क्या?
धुळे रेस्ट हाउस कैश घोटाला ऐसा मामला है, जिसकी चर्चा अभी लंबे समय तक होगी। हम इस मामले पर लगातार नजर रखे हुए हैं और नई अपडेट्स आते ही आपको बताएंगे। तब तक आप इस मामले के बारे में क्या सोचते हैं? नीचे कमेंट करके बताएं!