विक्रमादित्य वैदिक घड़ी और 189 भाषाओं वाला एप: भारतीय काल गणना का अद्भुत संगम, जाने कैसे?

जानिए कैसे विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय पंचांग, ग्रहों की स्थिति और सूर्योदय-आधारित समय गणना को वैश्विक स्तर पर ले जा रही है! 30 मार्च 2025 को लॉन्च होगा 189 भाषाओं वाला एप, जो GPS से सटीक वैदिक समय देगा। प्रधानमंत्री कार्यालय में भी स्थापित होगी यह घड़ी। जानिए इसकी खासियत!

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी और 189 भाषाओं वाला एप: भारतीय काल गणना का अद्भुत संगम, जाने कैसे?
विक्रमादित्य वैदिक घड़ी और 189 भाषाओं वाला एप

मध्य प्रदेश, उज्जैन: भारत में समय की गणना और संस्कृति को एक नई दिशा देने वाली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी, जो भारतीय काल गणना पर आधारित है, अब पूरी दुनिया में एक पहचान बन चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 फरवरी 2024 को इस घड़ी का लोकार्पण किया था, और आज एक वर्ष बाद इस घड़ी के नए एप का लोकार्पण 30 मार्च 2025 को होने जा रहा है। यह घड़ी न केवल भारतीय समय गणना का प्रतीक है, बल्कि यह एक नई तकनीकी क्रांति का भी हिस्सा बन गई है।

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का महत्व

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी, विशेष रूप से भारतीय काल गणना पद्धति पर आधारित है, जो न केवल भारतीय संस्कृति और इतिहास से जुड़ी हुई है, बल्कि यह एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सटीक समय की गणना करती है। यह घड़ी पारंपरिक घड़ियों से अलग है, क्योंकि इसमें भारतीय पंचांग, विक्रम संवत, ग्रहों की स्थिति, नक्षत्र, योग और अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक-वैदिक जानकारी शामिल है।

इस घड़ी की प्रमुख विशेषता यह है कि इसे एक खास चिप के माध्यम से तैयार किया गया है, जो बिजली चले जाने पर भी घड़ी का समय स्वतः चलता रहता है। इसका मतलब यह है कि यह घड़ी कभी नहीं रुकेगी और हमेशा सही समय दिखाएगी।

189 भाषाओं में उपलब्ध विक्रमादित्य वैदिक घड़ी

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का एप आगामी 30 मार्च 2025 को लॉन्च होने वाला है। इस एप की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह 189 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध होगा, जिससे न केवल हिंदी और अंग्रेजी, बल्कि अन्य स्थानीय और वैश्विक भाषाओं में भी इस घड़ी के समय और अन्य जानकारी को देखा जा सकेगा।

इस एप को विशेष रूप से इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह आपके स्थान के सूर्योदय समय के अनुसार सटीक वैदिक समय की गणना करता है। इसे GPS सिस्टम द्वारा संचालित किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि किसी भी स्थान पर सूर्योदय का समय सही तरीके से पहचाना जाए और उसी के अनुसार कालगणना की जाए।

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी की खासियत

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी न केवल एक साधारण घड़ी है, बल्कि यह एक पूर्ण भारतीय समय प्रणाली का अनुभव प्रदान करती है। इस घड़ी के माध्यम से उपयोगकर्ता न केवल सूर्योदय और सूर्यास्त का समय जान सकते हैं, बल्कि इसमें निम्नलिखित जानकारी भी उपलब्ध होगी:

  • भारतीय स्टैंडर्ड टाइम (IST)
  • ग्रीनविच मीन टाइम (GMT)
  • तापमान और वायु गति
  • आर्द्रता और मौसम संबंधित जानकारी
  • भारतीय पंचांग और विक्रम सम्वत
  • ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों की जानकारी
  • योग, भद्रा स्थिति, चंद्र स्थिति
  • पर्व, व्रत, त्यौहार, शुभाशुभ मुहूर्त
  • सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण की जानकारी
  • नक्षत्र और ग्रहों का परिभ्रमण

यह घड़ी न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दिखाती है, बल्कि यह एक विज्ञान और प्रौद्योगिकी का मेल भी है।

प्रधानमंत्री कार्यालय और नए संसद भवन में लगेगी वैदिक घड़ी

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भेंट स्वरूप प्राप्त किया था। कुछ समय पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में आयोजित ग्लोबल समिति के दौरान प्रधानमंत्री को इस घड़ी का छोटा स्वरूप भेंट किया था, जिसे प्रधानमंत्री ने सराहा भी था।

अब, विक्रमादित्य शोध पीठ की ओर से इस घड़ी के 100 से अधिक छोटे संस्करणों का निर्माण किया जा रहा है, जो न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी प्रमुख स्थानों पर लगाई जाएंगी। आगामी महीनों में प्रधानमंत्री कार्यालय और नए संसद भवन में भी इस घड़ी का स्थापित किया जाना तय है।

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का एप: एक नई तकनीकी दृष्टिकोण

विक्रम विश्वविद्यालय के पुरातत्वविद रमण सोलंकी के अनुसार, विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का एप पूरी तरह से तैयार हो चुका है। इस एप के माध्यम से आप न केवल वैदिक समय देख सकते हैं, बल्कि आप भारतीय स्टैंडर्ड टाइम (IST), ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) और सूर्योदय/सूर्यास्त का समय भी जान सकते हैं।

इस एप में यह सभी जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी, और यह पूरी दुनिया के लोगों को भारतीय काल गणना से जुड़ने का एक नया तरीका प्रदान करेगा।

वैदिक घड़ी: भारत की संस्कृति और विज्ञान का एक संगम

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी और उसका एप न केवल भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय वैज्ञानिक सोच और प्रौद्योगिकी का भी एक आदर्श उदाहरण है। इस घड़ी का उद्देश्य न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में भारतीय समय प्रणाली और संस्कृति को बढ़ावा देना है।

यह घड़ी भारतीय पंचांग, ग्रहों की स्थिति, योग और नक्षत्रों की जानकारी देती है, जो कि प्राचीन भारतीय ज्ञान का हिस्सा हैं। वहीं, इसकी आधुनिक तकनीक और डिज़ाइन इसे एक शानदार संचार साधन बनाती है, जो विश्वभर के लोगों को भारतीय संस्कृति से जोड़ती है।

भारतीय संस्कृति और विज्ञान का अद्वितीय संगम

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी और उसका एप भारतीय समय गणना की महत्ता को पुनः स्थापित करने का प्रयास हैं। यह घड़ी न केवल सटीक समय की जानकारी देती है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और विज्ञान के एक अद्वितीय संगम को प्रदर्शित करती है। प्रधानमंत्री कार्यालय और संसद भवन में जल्द ही इन घड़ियों का स्थापित किया जाना एक ऐतिहासिक कदम है, जो भारत के गौरव को और बढ़ाएगा।