खरगोन में शराब ठेकेदार के कर्मचारियों ने दिव्यांग दंपति को पीटा: अवैध शराब व्यवसाय का काला सच पर विस्तृत रिपोर्ट

मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के भगवानपुरा थाना क्षेत्र में शराब ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा दिव्यांग दंपति पर अमानवीय अत्याचार की घटना ने सामाजिक सरोकारों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित परिवार की मजबूरी, प्रशासन की चुप्पी और अवैध शराब के धंधे की पड़ताल करती विस्तृत रिपोर्ट।

खरगोन में शराब ठेकेदार के कर्मचारियों ने दिव्यांग दंपति को पीटा: अवैध शराब व्यवसाय का काला सच पर विस्तृत रिपोर्ट
शराब ठेकेदार की दादागिरी और दिव्यांग दंपति की पीड़ा

मध्य प्रदेश का खरगोन जिला एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार की घटना न सिर्फ मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि समाज के संवेदनहीन चेहरे को भी उजागर करती है। भगवानपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम पीपलझोपा में दिव्यांग दंपति शांतिलाल अलावे और रंगीता अलावे के साथ शराब ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा की गई मारपीट ने स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया है। यह घटना न सिर्फ अवैध शराब व्यवसाय के काले अध्याय को दर्शाती है, बल्कि सरकारी योजनाओं की विफलता का भी प्रतीक है ।

घटना का विवरण: कैसे हुआ अत्याचार?

5 फरवरी, मंगलवार की दोपहर जब शांतिलाल अपने घर में थे, तभी शराब ठेकेदार आनंदीलाल मालवीया के कर्मचारी उनके घर पहुंचे। शांतिलाल बताते हैं, "वे मुझे गालियां देने लगे और मेरे सामान को तोड़ने लगे। मेरी पत्नी, जो खुद दिव्यांग है, उनके सामने बेबस थी। उन्होंने हमारा मोबाइल फोन और 11 हज़ार रुपए छीन लिए। खाने-पीने का सारा सामान फेंक दिया।" इस हमले के बाद परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया।

पीड़ित दंपति की मजबूरी: शराब बेचने को मजबूर क्यों?

शांतिलाल और रंगीता दोनों दिव्यांग हैं। उनके पास आय का कोई स्थायी साधन नहीं है। सरकारी पेंशन से मुश्किल से गुजारा होता है। शांतिलाल कहते हैं, "मैं थोड़ी सी ताड़ी और लिमडी शराब बेचकर परिवार चलाता हूं। मेरे पास कोई विकल्प नहीं था।" उनके दो छोटे बच्चे हैं—एक ढाई साल की बेटी और डेढ़ साल का बेटा। सरकारी योजनाओं के बावजूद रोजगार के अभाव ने उन्हें अवैध धंधे की ओर धकेल दिया ।

सामाजिक संगठनों ने उठाई आवाज: "न्याय चाहिए

 इस घटना के बाद **जयस संगठन** के जिला संरक्षक सुभाष डावर, जिला कार्यकारी अध्यक्ष भावेश खरते और अन्य कार्यकर्ता थाने पहुंचे। उन्होंने ठेकेदार और उसके कर्मचारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की। सुभाष डावर ने कहा, यह केवल एक घटना नहीं, बल्कि व्यवस्था की विफलता है। दिव्यांगों को सुरक्षा और रोजगार मिलना चाहिए।

पुलिस की प्रतिक्रिया: "जांच चल रही है

थाना प्रभारी कैलाश चौहान ने बताया कि पीड़ित दंपति का आवेदन मिल चुका है और मामले की जांच की जा रही है। हालांकि, स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस अक्सर ऐसे मामलों में देरी करती है। गौरतलब है कि खरगोन जिले में अवैध शराब के धंधे पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने हाल ही में 50 ड्रम कच्ची शराब जब्त की थी , लेकिन यह घटना दर्शाती है कि समस्या जड़ से खत्म नहीं हुई।

खरगोन में अवैध शराब का स्याह सच

खरगोन जिला लंबे समय से अवैध शराब व्यवसाय का अड्डा रहा है। ग्रामीणों ने बार-बार अतिक्रमण और अवैध शराब बिक्री की शिकायत की है । 2023 में ही एक शराब ठेकेदार के लोगों ने दिनेश कछवाए की हत्या कर दी थी, जब उसके पास 5 लीटर अवैध शराब पाई गई थी । 2024 में छतरपुर में शराब कंपनी के कर्मचारी पर हमला हुआ, जिसमें पुलिस के सामने फायरिंग तक हुई । ये घटनाएं दर्शाती हैं कि अवैध शराब का नेटवर्क कितना शक्तिशाली है।

निष्कर्ष: क्या बदलेगा हालात?  

शांतिलाल और रंगीता की कहानी सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि उन सैकड़ों दिव्यांगों की है जो व्यवस्था की उपेक्षा का शिकार हैं। सरकार को चाहिए कि:  

  1. 1. दिव्यांगों के लिए रोजगार योजनाएं तेजी से लागू करे।
  2. 2.अवैध शराब व्यवसाय** पर सख्त कार्रवाई करे, जैसा कि हाल में 50 ड्रम शराब नष्ट करके दिखाया गया ।
  3. 3. पुलिस व्यवस्था में पारदर्शिता लाए, ताकि ऐसे मामलों में त्वरित न्याय मिल सके।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q: क्या खरगोन में अवैध शराब की समस्या नई है?

A: नहीं, यह समस्या वर्षों से चली आ रही है। 2023 और 2024 में भी ऐसी घटनाएं दर्ज हुई हैं।

Q: पीड़ित दंपति को सरकारी सहायता क्यों नहीं मिली?

A: उन्हें पेंशन मिलती है, लेकिन रोजगार के अवसर न होने के कारण वे शराब बेचने को मजबूर हैं ।

Q: समाजिक संगठनों ने क्या मांग की है?

A: ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई, दिव्यांगों के लिए रोजगार योजनाएं, और अवैध शराब पर प्रभावी अंकुश ।

यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम एक संवेदनशील समाज की ओर बढ़ रहे हैं या फिर भ्रष्ट व्यवस्था के हाथों मजबूर हैं? शांतिलाल और रंगीता का संघर्ष केवल उनका नहीं, बल्कि पूरे समाज का आईना है।