IAS Niyaz Khan का बयान: "भारत में सभी हिंदू थे, इस्लाम तो बाद में आया!", मचा बवाल!

IAS Niyaj Khan: मध्य प्रदेश के आइएएस अधिकारी नियाज खान ने कहा, "भारत में सभी हिंदू थे, इस्लाम तो अरब से आया।" उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है। जानिए पूरा मामला!

IAS Niyaz Khan का बयान: "भारत में सभी हिंदू थे, इस्लाम तो बाद में आया!", मचा बवाल!
IAS नियाज़ खान

IAS Niyaj Khan: मध्य प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और लेखक नियाज खान एक बार फिर अपने सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने भारत में धर्म और सांस्कृतिक पहचान को लेकर एक बयान दिया है, जो काफी चर्चा में है।

आईएएस नियाज खान कौन हैं?

नियाज खान मध्य प्रदेश कैडर के एक आईएएस (Indian Administrative Service) अधिकारी और लेखक हैं, जो अपने विवादित बयानों और किताबों के लिए जाने जाते हैं। वे प्रशासनिक सेवा में रहते हुए भी सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर राय व्यक्त करते हैं, जिससे वे अक्सर चर्चा में रहते हैं।

प्रोफेशनल करियर और प्रशासनिक योगदान

नियाज खान ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के तहत मध्य प्रदेश सरकार में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। वे राज्य प्रशासनिक ढांचे में प्रभावशाली अधिकारी माने जाते हैं और अपनी स्पष्टवादिता और सामाजिक मुद्दों पर मुखर राय के कारण अलग पहचान रखते हैं।

लेखक और विचारक

नियाज खान एक प्रख्यात लेखक भी हैं और उन्होंने सामाजिक, ऐतिहासिक और राजनीतिक मुद्दों पर कई किताबें लिखी हैं। उनकी 'ब्राह्मण द ग्रेट' नामक पुस्तक खास चर्चा में रही, जिसमें उन्होंने ब्राह्मण समुदाय के ऐतिहासिक योगदान की सराहना की है।

नियाज खान का बयान: "भारत में सभी हिंदू थे"

नियाज खान ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:

"इस्लाम मूल रूप से अरब का धर्म है, जबकि भारत में पहले सभी लोग हिंदू थे। समय के साथ, कुछ लोग हिंदू धर्म से मुस्लिम बने, लेकिन यह याद रखें कि धर्म अलग होने के बावजूद हमारी जड़ें और संस्कृति एक ही हैं। सभी एक संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। अगर जो मुस्लिम अरब के लोगों को आदर्श मानते हैं, वे पुनर्विचार करें। सर्वप्रथम हिंदुओं को अपना भाई माने, बाद में अरब को।"

उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। जहां कुछ लोग उनके विचारों का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग उनकी आलोचना भी कर रहे हैं।

वैज्ञानिक आधार पर दिया तर्क

अपने बयान की पुष्टि करते हुए नियाज खान ने आगे कहा:

"मैंने जो बात कही है, वह वैज्ञानिक आधार पर कही है। भारत में रहने वाले सभी हिंदू हैं, चाहें तो इस बात को साबित कराने के लिए जीन्स (DNA) की जांच करा ली जाए।"

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें फतवों से डर नहीं लगता और जो लोग उनके विचारों से असहमत हैं, वे अध्ययन और शिक्षा पर ध्यान दें।

पहले भी विवादों में रहे हैं नियाज खान

यह पहली बार नहीं है जब नियाज खान अपने बयानों के कारण चर्चा में आए हैं। इससे पहले 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म की रिलीज के समय उन्होंने एक विवादित ट्वीट किया था, जिसके कारण उन्हें शासन से कारण बताओ नोटिस भी मिला था। इसके बाद उन्होंने अपने ट्विटर बायो से 'आईएएस' शब्द भी हटा लिया था।

मुसलमानों के लिए खास अपील

अपने ट्वीट में खान ने मुसलमानों से गौ रक्षक बनने, धर्म परिवर्तन का विरोध करने, शाकाहार अपनाने और ब्राह्मणों से मधुर संबंध बनाने की सलाह दी थी। उन्होंने लिखा:

"मुसलमानों को गौ संरक्षण में भाग लेना चाहिए और धर्म परिवर्तन का विरोध करना चाहिए। किसी पर भी जबरदस्ती धर्म परिवर्तन थोपना गलत है, और इस्लाम में ऐसा करना प्रतिबंधित है। यदि संभव हो तो शाकाहार को अपनाने का प्रयास करें, हालांकि किसी को इसे अपनाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, सभी मुसलमानों को ब्राह्मणों के साथ अच्छे और सहयोगपूर्ण संबंध रखने चाहिए।"

उनके इस बयान से भी सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आईं।

बॉलीवुड पर भी साधा निशाना

इसके अलावा, खान ने बॉलीवुड पर भी निशाना साधते हुए कहा कि धर्मांतरण की शुरुआत बॉलीवुड से हुई है। उन्होंने कहा:

"धर्मांतरण को सही नहीं माना जा सकता। यह प्रक्रिया खासकर बॉलीवुड से शुरू हुई, जहां कुछ प्रमुख फिल्मी हस्तियों ने हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया। आज भी इस तरह के मामले देखने को मिलते हैं।"

उनके इस बयान से फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों में नाराजगी देखी जा रही है।

ब्राह्मणों की प्रशंसा

नियाज खान ने ब्राह्मणों के योगदान की सराहना करते हुए कहा:

"ब्राह्मणों का इतिहास सर्वश्रेष्ठ रहा है और देश के विकास में उनकी भूमिका अहम है। यह कोई राजनीतिक बयान नहीं है, बल्कि मेरे व्यक्तिगत विचार हैं।"

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे राजनीति में नहीं जा रहे हैं और उनके ये विचार पूरी तरह निजी हैं।

'ब्राह्मण द ग्रेट' किताब से चर्चा में आए थे

नियाज खान एक लेखक भी हैं और उनकी किताब 'ब्राह्मण द ग्रेट' को लेकर भी काफी चर्चा हुई थी। इस पुस्तक में उन्होंने ब्राह्मणों के ऐतिहासिक योगदान और बौद्धिक क्षमता की सराहना की है। उनका मानना है कि ब्राह्मणों को हर क्षेत्र में बौद्धिक नेतृत्व मिलना चाहिए, जिससे देश में क्रांतिकारी बदलाव आ सकते हैं।

समाज में कैसी प्रतिक्रिया?

नियाज खान के विचारों पर समाज में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं।

समर्थकों का कहना है कि उनका बयान भारत की साझा संस्कृति और इतिहास को उजागर करता है।

विरोधियों का कहना है कि इस तरह के बयान धार्मिक विवाद पैदा कर सकते हैं।

हालांकि, यह स्पष्ट है कि खान का बयान एक नई बहस को जन्म दे चुका है, जो आगे और भी गहराएगी।