चंबल घड़ियाल अभयारण्य: मध्य प्रदेश का नया पर्यटन स्थल, यहाँ जानें कैसे बढ़ेगा पर्यटक आकर्षण और क्या है खास!
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने चंबल नदी में घड़ियालों को छोड़कर इसे पर्यटकों के लिए प्रमुख स्थल बनाने की योजना बनाई है। जानें, कैसे यह घड़ियाल अभयारण्य राज्य को एक नई पहचान दिलाएगा।
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मध्य प्रदेश हमेशा से अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध रहा है। राज्य को 'टाइगर स्टेट' और 'चीता स्टेट' के रूप में पहचान मिली है, और अब एक और नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुरैना जिले के चंबल नदी में स्थित घड़ियालों को पानी में छोड़कर इस इलाके को घड़ियाल अभयारण्य के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। इस पहल से न केवल इस क्षेत्र की पर्यावरणीय महत्ता बढ़ेगी, बल्कि यह मध्य प्रदेश को एक नया पर्यटक आकर्षण भी बना देगा।
चंबल नदी: घड़ियालों का घर
चंबल नदी, जो मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर स्थित है, घड़ियालों के लिए एक प्राकृतिक शरणस्थली के रूप में जानी जाती है। यह नदी विश्व में घड़ियालों की सबसे बड़ी आबादी का घर है, जिसमें कुल संख्या का 80% हिस्सा मौजूद है। चंबल में घड़ियालों की संख्या वर्तमान में लगभग ढाई हजार के करीब है, और यह नदी उनके प्रजनन केंद्र के रूप में कार्य करती है। मुरैना जिले के चंबल नदी का लगभग 6 किलोमीटर लंबा क्षेत्र घड़ियालों का मुख्य प्रजनन केंद्र है, जहां इनकी अंडे देने की प्रक्रिया जारी रहती है।
घड़ियाल शावकों को मिला नया घर...
वन्य एवं जलीय जीव पर्यटन को नया आयाम देने के लिए प्रतिबद्ध है 'अपना मध्यप्रदेश'....
आज देवरी ईको सेंटर से लाए गए घड़ियाल शावकों को मुरैना जिले के 'राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य' में 'Grow and Release' कार्यक्रम के तहत उनके 'नये प्राकृतिक घर'… pic.twitter.com/j5AjOJz7ga — Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) February 17, 2025
मुख्यमंत्री की पहल: चंबल को घड़ियाल अभयारण्य बनाने की योजना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस क्षेत्र की प्राकृतिक संपत्ति को और भी बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है। सोमवार को वे मुरैना जिले के चंबल नदी स्थित घड़ियाल अभयारण्य में पहुंचे। उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, मंत्री एदल सिंह कंसाना और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने चंबल नदी में बोट राइडिंग का आनंद लिया और इस दौरान 10 घड़ियालों को नदी में छोड़ा। इनमें से एक नर और 9 मादा घड़ियाल थे, जिन्हें उन्होंने एक-एक करके बॉक्स खोलकर पानी में तैरने के लिए मुक्त किया।
यह कदम न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे चंबल क्षेत्र को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में पहचान मिल सकती है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश अब 'घड़ियाल स्टेट' के रूप में भी पहचाना जाएगा। इस तरह से, राज्य में वन्य प्राणियों के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
चंबल अभयारण्य: संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
चंबल नदी का यह क्षेत्र वन्यजीव संरक्षण परियोजना के तहत आने वाला एक प्रमुख अभयारण्य है। 1978 में, मध्य प्रदेश सरकार ने इस क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य का दर्जा दिया था, और तब से यहां घड़ियाल, लाल मुकुट वाले छत कछुए और गांगेय डॉल्फिन का संरक्षण किया जा रहा है। चंबल नदी के इस क्षेत्र में पर्यटकों के लिए चंबल बोट सफारी भी एक लोकप्रिय गतिविधि है, जो इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता को देखने का एक बेहतरीन तरीका है।
घड़ियालों का संरक्षण: राष्ट्रीय महत्व
चंबल नदी में घड़ियालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और यह उनके संरक्षण के लिए एक प्रमुख स्थल बन गया है। दुनिया भर में पाए जाने वाले लगभग 3,000 घड़ियालों में से 80% अकेले चंबल नदी में ही रहते हैं। इसके अलावा, मुरैना जिले के देवरी घड़ियाल पालन केंद्र में घड़ियालों की विभिन्न प्रजातियों के बच्चों का पालन किया जाता है। वन विभाग इन अंडों को एक निश्चित तापमान पर संरक्षित करता है, और जब बच्चे बड़े हो जाते हैं, तो उन्हें चंबल नदी में छोड़ दिया जाता है। यह प्रक्रिया घड़ियालों की संख्या को बढ़ाने और उनकी प्रजातियों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।
चंबल नदी की अनूठी पहचान
चंबल नदी को घड़ियालों के लिए एक आदर्श आवास के रूप में जाना जाता है। विशेष रूप से, जनवरी और फरवरी के दौरान जब तापमान अनुकूल रहता है, घड़ियाल पानी से बाहर आते हैं, जिससे उनकी गिनती करना आसान हो जाता है। इन महीनों में चंबल नदी का दृश्य और भी खूबसूरत हो जाता है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस समय के दौरान, यह क्षेत्र एक अद्वितीय पर्यावरणीय अनुभव प्रदान करता है, जिसमें पर्यटक चंबल नदी के किनारे की सुंदरता और घड़ियालों की अद्भुत उपस्थिति का आनंद ले सकते हैं।
मुख्यमंत्री की योजनाएं और उम्मीदें
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की योजना है कि इस प्राकृतिक सुंदरता को पर्यटकों के लिए एक प्रमुख स्थल के रूप में विकसित किया जाए। उनका सपना है कि चंबल क्षेत्र को एक नए पर्यटक केंद्र के रूप में स्थापित किया जाए, जो न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने, बल्कि वन्य प्राणियों के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। इस योजना के तहत, चंबल नदी और इसके आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई सुविधाएं और कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में, मध्य प्रदेश को 'टाइगर स्टेट' और 'चीता स्टेट' के साथ-साथ 'घड़ियाल स्टेट' के रूप में भी पहचान मिलेगी। घड़ियालों के संरक्षण और इस क्षेत्र के पर्यटन को बढ़ावा देने के इस कदम से राज्य की अंतरराष्ट्रीय पहचान में एक नई दिशा जुड़ने वाली है।
निष्कर्ष: चंबल क्षेत्र की नई पहचान
मध्य प्रदेश की चंबल नदी और उसका घड़ियाल अभयारण्य एक अनमोल प्राकृतिक धरोहर है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की यह पहल राज्य को नए पर्यटक आकर्षण से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीव संरक्षण की दिशा में की जा रही कोशिशें न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेंगी, बल्कि प्रदेश के आर्थिक विकास में भी योगदान देंगी। इस प्रकार, चंबल अब पर्यटकों के लिए एक नई पहचान बनकर उभरेगा, जो इसे वन्यजीव प्रेमियों और प्रकृति के शौकिनों के लिए एक आदर्श स्थल बना देगा।