राहुल गांधी का बीजेपी पर बड़ा हमला, महू में संविधान बचाने की बात करते हुए दिया अहम बयान
राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के महू में संविधान बचाने की बात करते हुए बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने संविधान को खत्म करने की बीजेपी की कोशिशों पर निशाना साधा और गरीबों, दलितों और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा की बात की।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को मध्य प्रदेश के महू में आयोजित "जय बापू, जय भीम, जय संविधान" रैली में बड़ी बातें कही। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी उपस्थित थे। रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने संविधान की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने संविधान को समाप्त करने की योजना बनाई थी और इसके लिए 400 सीटें जीतने के बाद संविधान को बदलने की धमकी दी थी।
राहुल गांधी ने कहा कि संविधान केवल एक किताब नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज की हजारों सालों की विचारधारा का प्रतीक है। उन्होंने भारतीय संविधान की महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि यह हमारे महान नेता डॉ. भीमराव अंबेडकर, महात्मा गांधी, भगवान बुद्ध, और ज्योतिराव फुले जैसे महापुरुषों के विचारों को एकजुट करता है। राहुल गांधी का कहना था कि यह संविधान ही है, जो देश के गरीबों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्ग के लोगों के अधिकारों की रक्षा करता है।
आज़ादी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर थी क्योंकि उसके बाद पहली बार हिंदुस्तान के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों को संविधान द्वारा अधिकार मिले।
मगर, मोहन भागवत कहते हैं कि वो सच्ची आज़ादी नहीं थी - वो इसलिए क्योंकि BJP और RSS भारत के संविधान को नहीं मानते।
वो… pic.twitter.com/NwEhqvSOx5 — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 27, 2025
बीजेपी की संविधान विरोधी सोच
राहुल गांधी ने बीजेपी के नेताओं पर आरोप लगाया कि वे संविधान के खिलाफ हैं और उसे कमजोर करना चाहते हैं। उन्होंने उदाहरण के तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान को लिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि 15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतंत्रता नहीं मिली, यह एक 'झूठी आज़ादी' थी। राहुल गांधी ने इस बयान को सीधे संविधान पर हमला बताया और कहा कि इस प्रकार की सोच से संविधान की नींव कमजोर होती है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि संविधान खत्म होता है, तो गरीबों के लिए इस देश में कुछ भी नहीं बचेगा।
बीजेपी की नीतियां और गरीबों पर असर
राहुल गांधी ने बीजेपी की नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के शासन में गरीबों, दलितों और आदिवासियों के लिए कुछ नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद बीजेपी ने देश के दो-तीन सबसे बड़े अरबपतियों को सभी बड़े कॉन्ट्रैक्ट्स दे दिए हैं, जबकि संविधान में यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलना चाहिए।
राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने नोटबंदी और जीएसटी जैसे निर्णय लेकर गरीबों और छोटे व्यापारियों को पूरी तरह से नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने दावा किया कि जीएसटी का बोझ सबसे ज्यादा गरीबों पर पड़ा है और इसके चलते उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के अरबपतियों का कर्ज माफ किया है, जबकि गरीबों की हालत दयनीय हो गई है।
पेट्रोल और बेरोजगारी के मुद्दे
राहुल गांधी ने पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें घट रही हैं, लेकिन भारत में पेट्रोल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने बेरोजगारी के बढ़ते स्तर पर चिंता जताई और कहा कि आज के समय में हमारे देश के युवा को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि IIM और IIT जैसे संस्थानों से पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी नौकरी नहीं मिल रही है, जिससे उनकी ज़िंदगी प्रभावित हो रही है।
राहुल गांधी ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बीजेपी और RSS की सोच आजादी से पहले के हिंदुस्तान की है, जहां गरीबों और कमजोर वर्गों को कोई अधिकार नहीं था। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश का युवा और मेहनतकश वर्ग आजादी के बाद प्राप्त अधिकारों का फायदा उठाना चाहता है, लेकिन बीजेपी उनकी आकांक्षाओं को कुचलने का काम कर रही है।
संविधान की अहमियत
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अगर संविधान खत्म होता है, तो देश के गरीबों के पास कोई अधिकार नहीं रहेगा। उन्होंने याद दिलाया कि संविधान ने भारत के नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार दिया है। इस अधिकार को बचाने के लिए उन्होंने जनता से अपील की और कहा कि कांग्रेस और INDIA गठबंधन इस लड़ाई में उनका साथ देंगे।
उन्होंने आदिवासी समुदाय का भी मुद्दा उठाया और कहा कि देश में आदिवासी राष्ट्रपति हैं, लेकिन उन्हें मंदिरों में जाने की अनुमति नहीं मिलती। साथ ही, राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में किसी दलित या पिछड़े वर्ग के व्यक्ति को नहीं बुलाया गया। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि संसद के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को भी आमंत्रित नहीं किया गया था, जो कि एक अपमानजनक घटना है।
बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस की लड़ाई
राहुल गांधी ने कांग्रेस और INDIA गठबंधन के नेताओं और कार्यकर्ताओं को यह भरोसा दिलाया कि वे संविधान की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी और RSS के खिलाफ यह विचारधारा की लड़ाई है, और इस लड़ाई में कांग्रेस हमेशा संविधान के पक्ष में खड़ी रहेगी।
राहुल गांधी ने बीजेपी पर यह भी आरोप लगाया कि पार्टी ने सरकार के अंदर काम कर रहे अधिकारियों के लिए जो बजट तैयार किया है, उसमें दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि 90 अफसरों में से सिर्फ तीन अधिकारी ही पिछड़े वर्ग से आते हैं, और ये अधिकारी भी बीजेपी के दबाव में काम करने को मजबूर हैं।
राहुल गांधी की यह रैली बीजेपी और RSS के खिलाफ एक बड़ा संदेश लेकर आई है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस संविधान की रक्षा के लिए लगातार संघर्ष करेगी और भारत के सभी नागरिकों को उनके अधिकार दिलवाने के लिए काम करती रहेगी।