चीनी AI की धमक: DeepSeek R1 ने अमेरिकी शेयर बाजार में मचाया तहलका, Nvidia का 593 अरब डॉलर डूबा

चीन के AI स्टार्टअप DeepSeek ने लो-कॉस्ट AI मॉडल R1 लॉन्च कर Nasdaq में 3% की गिरावट पैदा की। Nvidia का 593 अरब डॉलर मार्केट कैप एक दिन में गायब, जानिए कैसे चीनी प्रोडक्ट ने अमेरिकी AI बाजार को चुनौती दी और Stargate प्रोजेक्ट पर क्यों उठे सवाल।

चीनी AI की धमक: DeepSeek R1 ने अमेरिकी शेयर बाजार में मचाया तहलका, Nvidia का 593 अरब डॉलर डूबा
चीनी AI DeepSeek की वज़ह से अमेरिकी शेयर बाजार में तहलका

अमेरिकी शेयर बाजार Nasdaq ने 18 दिसंबर के बाद का सबसे बड़ा झटका झेला है। 3% की गिरावट के पीछे चीन का AI स्टार्टअप DeepSeek है, जिसने अपने लो-कॉस्ट AI मॉडल R1 से बाजार में भूचाल ला दिया। इसका सीधा असर अमेरिकी टेक कंपनियों, खासकर AI चिप निर्माता Nvidia पर पड़ा है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि कैसे एक चीनी स्टार्टअप ने वॉल स्ट्रीट की नींद उड़ा दी।  

Nasdaq में गिरावट की वजह: चीन का 'लो-कॉस्ट AI गेम'

18 दिसंबर के बाद Nasdaq ने सबसे तेज गिरावट दर्ज की है, और इसकी मुख्य वजह चीन के AI सेक्टर में हुआ बड़ा बदलाव है। चीनी स्टार्टअप DeepSeek ने 22 मई को अपना AI मॉडल DeepSeek R1 लॉन्च किया, जो ChatGPT और Google के Gemini जैसे प्लेटफॉर्म्स को सीधी टक्कर देने वाला है। हैरानी की बात यह है कि यह मॉडल बेहद कम कीमत पर उपलब्ध है। जहां ChatGPT के एडवांस्ड फीचर्स के लिए यूजर्स को महीने के 20 डॉलर तक खर्च करने पड़ते हैं, वहीं DeepSeek R1 यही सुविधाएं फ्री या नाममात्र की कीमत पर दे रहा है।  

इसकी वजह से अमेरिकी निवेशकों को डर सताने लगा है कि चीनी कंपनियां AI बाजार में कीमतों की जंग छेड़कर अमेरिकी दबदबे को चुनौती दे सकती हैं। नतीजा? Nasdaq में 3% की गिरावट और AI से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में आग लग गई।  

Nvidia को सबसे बड़ा झटका: एक दिन में 593 अरब डॉलर गायब!

AI चिप्स के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी 

Nvidia इस गिरावट की सबसे बड़ी शिकार बनी है। कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन सिर्फ एक दिन में 593 अरब डॉलर घट गया। यह वॉल स्ट्रीट के इतिहास में किसी भी कंपनी को एक दिन में हुआ सबसे बड़ा नुकसान है। हैरान करने वाली बात यह है कि सितंबर 2023 में Nvidia को जितना नुकसान हुआ था, यह रकम उससे दोगुनी है।  

क्यों डूबे Nvidia के शेयर?

Nvidia के GPU (Graphics Processing Unit) चिप्स दुनिया भर के AI सिस्टम्स की रीढ़ हैं। ChatGPT से लेकर Google के AI मॉडल्स तक सभी Nvidia की चिप्स पर निर्भर हैं। लेकिन DeepSeek R1 के लॉन्च के बाद निवेशकों को लगने लगा कि चीन अब अमेरिकी चिप्स पर निर्भरता कम करके खुद के सस्ते AI सॉल्यूशन बना रहा है। इससे Nvidia की चिप्स की मांग घटने का अंदेशा पैदा हो गया।  

सेमीकंडक्टर इंडेक्स में मार्च 2020 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट

Nasdaq के अलावा, फिलाडेल्फिया सेमीकंडक्टर स्टॉक इंडेक्स** (SOX) में भी 9.2% की भीषण गिरावट दर्ज की गई। यह मार्च 2020 (कोविड महामारी के दौरान बाजारों की गिरावट) के बाद से सबसे बड़ा झटका है। इस इंडेक्स में Intel, AMD, Qualcomm जैसी प्रमुख चिप निर्माता कंपनियां शामिल हैं।  

विश्लेषकों की राय:

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि DeepSeek R1 ने साफ कर दिया है कि चीन अब AI टेक्नोलॉजी में **"कॉस्ट लीडरशिप"** के जरिए अमेरिका को पछाड़ने की तैयारी में है। सस्ते AI मॉडल्स के साथ चीन न सिर्फ ग्लोबल मार्केट शेयर हासिल करेगा, बल्कि अमेरिकी कंपनियों के मुनाफे पर भी सीधा प्रहार करेगा।  

DeepSeek R1: चीन का 'सस्ता हथियार' जिसने बाजार का रुख बदल दिया

DeepSeek R1 की सफलता की कहानी कुछ वैसी ही है, जैसे चीनी स्मार्टफोन कंपनियों ने Xiaomi और Oppo जैसे ब्रांड्स के साथ ग्लोबल मार्केट में क्रांति ला दी थी। इस AI मॉडल की खासियतें क्या हैं?  

  • 1. लो-कॉस्ट एक्सेस:
  1.    - ChatGPT की तरह सब्सक्रिप्शन फीस नहीं।  
  2.    - बेसिक फीचर्स फ्री में, प्रीमियम फीचर्स की कीमत ChatGPT से 70% कम।  
  • 2. लोकल लैंग्वेज सपोर्ट:
  1.    - चीनी भाषा में बेहतर प्रदर्शन, जो ग्लोबल प्लेटफॉर्म्स की कमजोरी है।  
  • 3. चीन की सरकार का सपोर्ट:
  1.    - चीनी सरकार AI रिसर्च को सब्सिडी दे रही है, जिससे DeepSeek जैसी कंपनियों को लागत कम करने में मदद मिली।  

निवेशकों की चिंता:

यदि चीन AI चिप्स और सॉफ्टवेयर दोनों में आत्मनिर्भर हो जाता है, तो अमेरिकी कंपनियों का एक बड़ा मार्केट छिन सकता है। इसी डर ने शेयर बाजारों में बिकवाली को बढ़ावा दिया।  

अमेरिका का जवाब: ट्रंप का 500 अरब डॉलर वाला 'Stargate प्रोजेक्ट'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने AI इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए Stargate प्रोजेक्ट की घोषणा की है। इस प्रोजेक्ट के तहत 500 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा, और इसमें Microsoft, OpenAI, Oracle, SoftBank जैसी कंपनियां शामिल हैं।  

Stargate प्रोजेक्ट के लक्ष्य:

  1. - अमेरिका में AI रिसर्च सेंटर्स और डेटा सेंटर्स का विस्तार।  
  2. - चीन की तरह सस्ते AI हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का विकास।  
  3. - AI टेक्नोलॉजी में अमेरिकी वर्चस्व को बरकरार रखना।  

एलॉन मस्क की आपत्ति:

टेस्ला और SpaceX के CEO एलॉन मस्क ने इस प्रोजेक्ट पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकारी पैसे का इस्तेमाल प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं होना चाहिए। मस्क के अनुसार, "AI डेवलपमेंट प्राइवेट सेक्टर के लिए छोड़ देना चाहिए, सरकार का दखल नुकसानदायक हो सकता है।"  

DeepSeek ने विदेशी यूजर्स को ब्लॉक किया: साइबर अटैक का दावा

दिलचस्प बात यह है कि DeepSeek ने अपने AI मॉडल R1 को विदेशी यूजर्स के लिए ब्लॉक कर दिया है। कंपनी का कहना है कि उस पर साइबर अटैक हुआ था, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। अब केवल चीनी नंबर से रजिस्ट्रेशन संभव है।  

विशेषज्ञों का अनुमान:

  • यह कदम चीन सरकार के निर्देश पर उठाया गया हो सकता है, ताकि टेक्नोलॉजी लीक होने से रोका जा सके।  
  • DeepSeek का फोकस अभी चीन के घरेलू बाजार पर है, जहां वह अपने प्रोडक्ट को पूरी तरह टेस्ट कर सकता है।  

AI बाजार की भविष्यवाणी: कौन रहेगा बाज़ीगर?

इस संकट ने AI बाजार के भविष्य पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं:  

  1. कीमत या क्वालिटी: क्या यूजर्स सस्ते AI मॉडल्स को तरजीह देंगे, या फिर ChatGPT जैसे प्लेटफॉर्म्स की क्वालिटी पर भरोसा करेंगे?  
  2. चीन का उदय: क्या चीन AI टेक्नोलॉजी में अमेरिका को पीछे छोड़ देगा?  
  3. निवेशकों का रुख: क्या अमेरिकी कंपनियां AI सेक्टर में निवेश का रिस्क कम कर देंगी?  

DeepSeek R1 ने साबित कर दिया है कि AI बाजार अब "ग्लोबल वॉर" का मैदान बन चुका है। अमेरिका और चीन के बीच यह टकराव न सिर्फ टेक्नोलॉजी, बल्कि अर्थव्यवस्था और जियोपॉलिटिक्स को भी प्रभावित करेगा। Nvidia जैसी कंपनियों के लिए यह चेतावनी है कि अगर वे चीन के सस्ते विकल्पों का मुकाबला नहीं कर पाईं, तो उनका बाजार सिकुड़ सकता है।