सोनमर्ग सुरंग: जम्मू और कश्मीर में कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास और पर्यटन के नए अवसर

सोनमर्ग सुरंग जम्मू और कश्मीर में कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास और पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण परियोजना है। यह सुरंग सामरिक सुरक्षा, व्यापार और पर्यटन में नए अवसरों को उत्पन्न करेगी।

सोनमर्ग सुरंग: जम्मू और कश्मीर में कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास और पर्यटन के नए अवसर
फोटो - अनिल कुमार

(ब्यूरो - अनिल कुमार) जम्मू, 11 जनवरी: जम्मू और कश्मीर में सोनमर्ग सुरंग, जिसे पहले ज़-मोर्ह सुरंग के नाम से जाना जाता था, एक अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना है। इसकी कुल लागत 2,717 करोड़ रुपये है, और यह सुरंग क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास के लिहाज से एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रही है। सोनमर्ग सुरंग का उद्देश्य गगनगिर और सोनमर्ग के बीच संपर्क को सुगम बनाना है, जिससे लोगों को बर्फबारी और हिमस्खलन से प्रभावित मौसम के बावजूद सुरक्षित और निर्बाध यात्रा की सुविधा मिलेगी। यह सुरंग 12 किलोमीटर लंबी है, जिसमें 6.4 किलोमीटर सुरंग और 5.6 किलोमीटर अप्रोच रोड शामिल है।

इस सुरंग का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 13 जनवरी 2025 को किया जाएगा, जिसमें केंद्रीय और राज्य मंत्री, साथ ही उच्च सरकारी अधिकारी भी उपस्थित होंगे। यह परियोजना न केवल इंजीनियरिंग का एक अद्वितीय उदाहरण है, बल्कि जम्मू और कश्मीर के विकास में एक नई दिशा प्रदान करेगी।

जम्मू और कश्मीर में हिमस्खलन और बर्फबारी की समस्या

जम्मू और कश्मीर का भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां की सड़कों पर अक्सर बर्फबारी और हिमस्खलन की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण सड़कें बंद हो जाती हैं, जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और यात्रा करना मुश्किल हो जाता है। खासकर सेना और स्थानीय निवासियों के लिए ये समस्याएं सुरक्षा और अन्य आवश्यकताओं के लिए बड़ी चुनौती रही हैं। 2005 में हुए एक बड़े हिमस्खलन ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया था, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्थाएं और सुरक्षा कार्य प्रभावित हुए थे।

सोनमर्ग सुरंग इन समस्याओं का स्थायी समाधान प्रदान करती है। NHIDCL द्वारा निर्मित इस सुरंग के जरिए बर्फबारी और हिमस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों को बाईपास किया जा सकेगा, जिससे कनेक्टिविटी पूरी तरह से सुनिश्चित हो सकेगी। अब यहां का रास्ता हमेशा खुला रहेगा, चाहे मौसम जैसा भी हो।

भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर का एक उदाहरण

सोनमर्ग सुरंग सिर्फ एक इंजीनियरिंग परियोजना नहीं है, बल्कि यह भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर की ताकत और सामर्थ्य का प्रतीक है। यह परियोजना जम्मू और कश्मीर के विकास में अहम भूमिका निभाएगी और इस क्षेत्र के आर्थिक, सामाजिक और सामरिक विकास में योगदान करेगी। इस सुरंग की मदद से केवल यात्री ही नहीं, बल्कि सेना के जवानों के लिए भी आवागमन में आसानी होगी, जिससे सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

इसके अलावा, इस सुरंग की मदद से श्रीनगर और लेह के बीच यात्रा आसान होगी। पहले यह रास्ता काफी चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि यहां के मौसम की स्थिति काफी अनिश्चित रहती थी। लेकिन अब सोनमर्ग सुरंग और आगामी जोजिला सुरंग के माध्यम से सभी मौसमों में कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो सकेगी। यह सुरंग बर्फबारी और हिमस्खलन से बचने का एक कारगर तरीका साबित होगी और यात्री यात्रा के दौरान होने वाले व्यवधानों से बच सकेंगे।

क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में बदलाव

सोनमर्ग सुरंग के निर्माण से जम्मू और कश्मीर की आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव आने की उम्मीद है। पहले जो रास्ते बाधित रहते थे, वे अब लगातार खुले रहेंगे, जिससे माल और सेवाओं का आवागमन तेज होगा। इससे व्यापार में तेजी आएगी और स्थानीय उत्पादकों और व्यापारियों को बड़े बाजारों तक पहुंच मिल सकेगी। सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार, इस सुरंग के उद्घाटन के बाद व्यापार में 30 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, यह सुरंग पर्यटन, आतिथ्य, और इन्फ्रास्ट्रक्चर रखरखाव जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी।

पर्यटन क्षेत्र के लिए वरदान

सोनमर्ग सुरंग जम्मू और कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगी। पहले, सोनमर्ग सर्दियों में दुर्गम होता था, जिससे वहां पर्यटन के अवसर सीमित हो जाते थे। अब, सभी मौसमों में सोनमर्ग तक पहुंच संभव हो सकेगी, जिससे शीतकालीन पर्यटन में 40 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है, जैसा कि जम्मू और कश्मीर पर्यटन विभाग का अनुमान है। शीतकालीन खेलों जैसे स्कीइंग और स्नो ट्रैकिंग के लिए सोनमर्ग आदर्श स्थान है। इसके अलावा, पर्यटन के बढ़ने से स्थानीय व्यवसायों, जैसे होटल, गाइड, स्थानीय हस्तशिल्प और खानपान उद्योग में भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

यातायात प्रबंधन

सोनमर्ग सुरंग का एक और महत्वपूर्ण पहलू है यातायात प्रबंधन। यह सुरंग यातायात की भीड़-भाड़ को कम करने में मदद करेगी। सुरंग के अप्रोच रोड में तीन लेन का डिज़ाइन होगा, जिससे धीमी गति से चलने वाली गाड़ियों को बिना रुकावट के पार किया जा सकेगा और तेज गति से चलने वाली गाड़ियाँ बिना किसी रुकावट के रास्ता पार कर सकेंगी। इससे यातायात की गति में सुधार होगा और जाम की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा।

सामरिक सुरक्षा और अन्य परियोजनाएं

सोनमर्ग सुरंग केवल कनेक्टिविटी ही नहीं, बल्कि सामरिक सुरक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, NHIDCL जम्मू और कश्मीर में NH-244 का निर्माण भी कर रहा है, जो NH-44 को बाईपास करेगा। यह परियोजना कश्मीर घाटी में पहुंच को आसान बनाएगी और संभावित भूस्खलन से बचाव करेगी।

सोनमर्ग सुरंग: जम्मू और कश्मीर के विकास की नई दिशा

सोनमर्ग सुरंग जम्मू और कश्मीर में कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास, और पर्यटन के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरी है। यह न केवल इंजीनियरिंग की अद्वितीय उपलब्धि है, बल्कि यह सामरिक सुरक्षा, व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसरों की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस सुरंग के जरिए इस क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल जाएगा, जिससे जम्मू और कश्मीर का विकास एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा।