खंडवा में कोरोना से लड़ाई में पुलिस कर्मियों को मिला कर्मवीर योद्धा पदक, 126 अधिकारियों को सम्मान

खंडवा पुलिस लाइन में मुख्यमंत्री के आदेश पर कोरोना महामारी से जूझने वाले पुलिस कर्मियों को 'कर्मवीर योद्धा पदक' से सम्मानित किया गया। 126 अधिकारियों और कर्मचारियों को यह पुरस्कार उनके कठिन परिश्रम और कर्तव्यनिष्ठा के लिए दिया गया।

खंडवा में कोरोना से लड़ाई में पुलिस कर्मियों को मिला कर्मवीर योद्धा पदक, 126 अधिकारियों को सम्मान
खंडवा पुलिस सम्मान

मध्य प्रदेश के खंडवा पुलिस लाइन में एक खास आयोजन हुआ, जिसमें कोरोना महामारी के दौरान पुलिस विभाग द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों और पुलिस कर्मियों के अथक परिश्रम को मान्यता देते हुए उन्हें "कर्मवीर योद्धा पदक" प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव के आदेश पर कुल 126 अधिकारियों और कर्मचारियों को यह सम्मान दिया गया। यह कदम महामारी से जूझने में पुलिस के योगदान को सराहने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।

मुख्यमंत्री के आदेश पर सम्मानित पुलिस कर्मी

यह पदक वितरण समारोह खंडवा पुलिस लाइन के उमंग गार्डन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिला कलेक्टर श्री अनूप कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार राय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर श्री महेंद्र तारणेकर, पूर्व सिविल सर्जन श्री संजीव दीक्षित, नगर पुलिस अधीक्षक श्री अभिनव बारंगे, उप पुलिस अधीक्षक श्री अनिल सिंह चौहान, उप पुलिस अधीक्षक यातायात श्री आनंद सोनी, रक्षित निरीक्षक श्री अरविंद दाँगी, थाना प्रभारी/चौकी प्रभारी और अन्य पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे।

समारोह के दौरान पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की मदद की थी और महामारी से बचाव के लिए विभिन्न कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई थी। इन कर्मवीर योद्धाओं को उनकी निस्वार्थ सेवा और कर्तव्यनिष्ठा के लिए यह पुरस्कार दिया गया।

महामारी के दौरान पुलिस का योगदान

कोरोना महामारी के दौरान पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। लॉकडाउन के दौरान जनता की सुरक्षा, महामारी के प्रसार को रोकने, लोगों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ आवश्यक सेवाओं के संचालन में पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी पूरी की। इस महामारी ने पुलिस विभाग को एक नई चुनौती दी थी, और पुलिस अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों को निभाते हुए न केवल कानून-व्यवस्था को बनाए रखा बल्कि जनता को भी मानसिक और शारीरिक रूप से सहारा दिया।

पुलिस विभाग ने अपनी सेवाओं से यह साबित किया कि वे हर स्थिति में जनता की सुरक्षा और भलाई के लिए तत्पर हैं। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पुलिस ने न केवल सख्ती से नियमों का पालन कराया, बल्कि लोगों को जागरूक करने के लिए भी कई प्रयास किए।

पदक प्राप्त करने वालों की उत्साही प्रतिक्रिया

कर्मवीर योद्धा पदक प्राप्त करने वाले पुलिस कर्मियों ने इस सम्मान को अपनी मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार उन्हें अपनी जिम्मेदारियों के प्रति और भी प्रेरित करता है और वे भविष्य में भी जनता की सेवा में तत्पर रहेंगे।

पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार राय ने कहा, "हमारे अधिकारी और कर्मचारी कोरोना महामारी के दौरान दिन-रात काम करते रहे, बिना किसी व्यक्तिगत लाभ के। यह पदक उनके अथक प्रयासों और समर्पण का प्रतीक है। हम इस पुरस्कार के माध्यम से उनके योगदान को सम्मानित कर रहे हैं।"

समारोह में अन्य गणमान्य व्यक्तियों का योगदान

इस कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य व्यक्तियों ने भी पुलिस कर्मियों के योगदान की सराहना की। पूर्व सिविल सर्जन श्री संजीव दीक्षित ने कहा कि महामारी के दौरान पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के समन्वित प्रयासों ने खंडवा जिले में महामारी के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नगर पुलिस अधीक्षक श्री अभिनव बारंगे ने भी इस अवसर पर कहा, "महामारी के दौरान पुलिस विभाग ने जो जिम्मेदारी निभाई, वह अभूतपूर्व रही। इस पुरस्कार से यह संदेश जाता है कि राज्य सरकार अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ खड़ी है और उनके योगदान की कद्र करती है।"

सामाजिक सहयोग और पुलिस की भूमिका

कोरोना महामारी के दौरान पुलिस विभाग ने सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने का कार्य नहीं किया, बल्कि सामाजिक सहयोग भी प्रदान किया। पुलिस ने जरूरतमंदों को खाद्यान्न वितरण, मेडिकल सहायता और अन्य आवश्यक सेवाएं प्रदान की। इसके साथ ही पुलिस कर्मियों ने महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी कई कार्यक्रमों की शुरुआत की, जिससे लोगों को मानसिक तनाव से उबारने में मदद मिली।

पुलिस विभाग ने न केवल अपनी सुरक्षा कार्यों को निभाया, बल्कि सामुदायिक सेवा में भी सक्रिय रूप से भाग लिया। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पुलिस केवल कानून के रखवाले नहीं बल्कि समाज के अभिन्न अंग हैं।

मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने अपने संदेश में कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पुलिस कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना सार्वजनिक सेवा में अपना योगदान दिया। "यह पदक सिर्फ एक पुरस्कार नहीं, बल्कि पुलिस के समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। हम सभी को गर्व है कि हमारे पुलिस अधिकारी और कर्मचारी हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। हम उन्हें इस पुरस्कार के माध्यम से सम्मानित करते हैं।"

समारोह का समापन और भविष्य के लिए संदेश

कार्यक्रम के समापन पर कलेक्टर श्री अनूप कुमार सिंह ने कहा कि यह पुरस्कार जिले के पुलिस विभाग के कार्यों की मान्यता है। यह एक उदाहरण है कि किस तरह पुलिस ने अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए समाज के हर वर्ग के लिए सहायता का कार्य किया। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में भी इस तरह के पुरस्कार और सम्मान पुलिस कर्मियों के मनोबल को बढ़ाएंगे और उन्हें अपनी सेवाओं में और भी उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेंगे।

समाज के प्रति पुलिस की अहम भूमिका

खंडवा जिले में कोरोना महामारी के दौरान पुलिस विभाग की अद्वितीय भूमिका को मान्यता देने के लिए आयोजित यह कार्यक्रम न केवल पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के योगदान की सराहना करने का एक तरीका था, बल्कि यह समाज को भी यह संदेश देने का अवसर था कि पुलिस समाज के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। "कर्मवीर योद्धा पदक" वितरण समारोह के माध्यम से पुलिस ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।