रीवा में मासूम छात्र से स्कूल में हुई क्रूरता, शिक्षक और आया पर कार्रवाई
मध्य प्रदेश के रीवा में एलकेजी छात्र को गीले कपड़े में घंटों खड़ा रखकर, पोट्टी साफ कराने के मामले में शिक्षक और आया पर हुई कार्रवाई। जिला कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश।

मध्य प्रदेश के रीवा शहर में एक मासूम एलकेजी छात्र के साथ हुए अमानवीय बर्ताव का मामला सामने आया है, जिसके बाद शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई की। मामला उस समय का है जब एक 5 साल के छात्र ने स्कूल में अपने कपड़े गीले कर दिए थे और शिक्षक और आया ने उसकी मदद करने की बजाय उसे प्रताड़ित किया। इस घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है, और अब जिला कलेक्टर ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
घटना का विवरण
शनिवार के दिन, जब एक निजी स्कूल ज्योति किंडर गार्डन में पढ़ाई चल रही थी, तब एलकेजी में पढ़ाई कर रहा एक 5 साल का छात्र अचानक अपनी पैंट में पोट्टी कर बैठा। यह एक सामान्य घटना थी, लेकिन इसके बाद जो हुआ वह चौंकाने वाला था। शिक्षक ने न केवल छात्र को डांटा, बल्कि आया के साथ मिलकर उसे बाथरूम में घसीट लिया, जहां उससे गीले कपड़ों को साफ करने के लिए कहा गया। इसके बाद, गीले कपड़े पहने छात्र को ठंड में घंटों खड़ा रखा गया, जबकि उसे आराम करने या अपने परिजनों से मिलने की कोई अनुमति नहीं दी गई।
मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना
यह घटना न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी छात्र के लिए अत्यंत यातनादायक रही। उस समय ठंड काफी ज्यादा थी, और गीले कपड़ों में खड़ा रहना उस छोटे बच्चे के लिए एक बड़ा शारीरिक कष्ट था। इसे देखकर यह साफ जाहिर होता है कि बच्चे के साथ इस समय अमानवीय बर्ताव किया गया था। स्कूल प्रशासन ने भी इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी।
एबीवीपी का हंगामा और स्कूल प्रबंधन की प्रतिक्रिया
जब छात्र के परिजनों को इस घटना के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत जिला शिक्षा अधिकारी और अन्य उच्च अधिकारियों से इस मुद्दे की शिकायत की। इस घटना के बाद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने स्कूल में हंगामा किया और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। उनका आरोप था कि इस प्रकार की घटना का विद्यालय में होना पूरी शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार करने वाला है। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की।
स्कूल प्रबंधन द्वारा की गई कार्रवाई
मामला सामने आने के बाद, स्कूल प्रबंधन ने भी इसे गंभीरता से लिया। जांच के बाद, स्कूल प्रशासन ने आया को दोषी पाया और उसे सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही, उसे टर्मिनेट करने का प्रस्ताव भी भेजा गया। शिक्षक के खिलाफ भी उचित कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।
जिला कलेक्टर द्वारा जांच के आदेश
इस घटना के बाद, जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल ने इस मामले को गंभीरता से लिया और जिले के शिक्षा अधिकारी को मामले की विस्तृत जांच करने के आदेश दिए। कलेक्टर ने कहा कि बच्चों के साथ इस प्रकार का बर्ताव अस्वीकार्य है, और इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग भी पूरी तरह से सक्रिय हो गया है और दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है।
छात्र के परिवार का बयान
घटना के बाद, छात्र के परिवार ने खुलासा किया कि उनका बच्चा अब स्कूल जाने से डरता है और वह रात में बुरा सपना देखता है। परिवार ने इस घटना के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि बच्चों को स्कूल में सुरक्षा और सम्मान के साथ पढ़ाई करने का अधिकार है।
इस घटना से संबंधित सोशल मीडिया और अन्य प्रतिक्रियाएं
इस घटना के बाद, सोशल मीडिया पर भी जमकर प्रतिक्रियाएं आईं। कई यूजर्स ने इस घटना की कड़ी आलोचना की और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कुछ लोगों ने इस घटना को 'स्कूल में मासूम छात्रों के खिलाफ बर्बरता' करार दिया और यह भी कहा कि इस प्रकार के मामलों को गंभीरता से न लिया जाना समाज के लिए एक बड़ा खतरा है।
शिक्षा विभाग और राज्य सरकार का कदम
राज्य सरकार और शिक्षा विभाग ने इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की है और यह सुनिश्चित किया है कि इस प्रकार के मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा। अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस मामले में कड़ी जांच की जा रही है और दोषियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर उठाए गए सवाल
यह घटना बच्चों के प्रति सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करती है। हर स्कूल में बच्चों की सुरक्षा, शारीरिक और मानसिक देखभाल सुनिश्चित करनी चाहिए। यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि स्कूलों में बच्चों के साथ होने वाली प्रताड़ना की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर नियम और कार्रवाई की जरूरत है।
मध्य प्रदेश के रीवा में इस घटना ने न केवल स्थानीय शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार किया, बल्कि पूरे राज्य में बच्चों के साथ हो रहे बुरे बर्ताव को लेकर जागरूकता भी बढ़ाई है। इस मामले ने यह भी स्पष्ट किया कि स्कूलों में बच्चों को सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण में शिक्षा मिलनी चाहिए। जिला कलेक्टर ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं, और उम्मीद है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।