हाथी शावक की संदिग्ध मौत: कंकाल और चमड़ा सोन नदी में मिला - क्या है सच्चाई?

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथी शावक की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया। सोन नदी में कंकाल और चमड़ा बरामद, पार्क प्रबंधन की कार्रवाई जारी। जानें पूरी घटना और संदिग्ध परिस्थितियाँ।

हाथी शावक की संदिग्ध मौत: कंकाल और चमड़ा सोन नदी में मिला - क्या है सच्चाई?
अतिशावक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

मध्यप्रदेश: हाल ही में उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में एक और घटना ने वन्यजीव प्रेमियों और स्थानीय समुदाय में चिंता का माहौल बना दिया है। सोन नदी के किनारे एक हाथी शावक का कंकाल और चमड़ा मिला, जिससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। यह घटना 20 फरवरी 2025 को हुई, और अब इस संदिग्ध मौत की परिस्थितियों पर सवाल उठने लगे हैं। पार्क प्रबंधन इस मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए घटना स्थल को सुरक्षित कर मामले की जांच कर रहा है, लेकिन कई महत्वपूर्ण सवाल अब भी अनुत्तरित हैं।

घटना का विवरण

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक डॉक्टर अनुपम सहाय के अनुसार, 20 फरवरी को सोन नदी के कक्ष कमांक 458, बीट सेहरा बी, वनपरिक्षेत्र पनपथा के अंतर्गत एक हाथी शावक के कंकाल की सूचना मिली। यह स्थान हाथियों द्वारा नदी पार करने का प्रमुख मार्ग है, और इसी कारण यह अनुमान लगाया जा रहा है कि हाथी का बच्चा संभवतः नदी पार करते समय दलदल में फंस गया और फिर पानी में डूब गया।

सोन नदी के पानी में डूबने के बाद, लेकिन यह भी संभावना जताई जा रही है कि जलीय जीव, जैसे मगरमच्छ, ने मृत हाथी के बच्चे को खा लिया। इसके बाद अन्य स्थलीय मांसाहारी जीवों ने शव को नदी की सतह से बाहर खींच लिया। इस घटना को लेकर एनटीसीए (राष्ट्रीय हाथी संरक्षण प्राधिकरण) और मध्यप्रदेश के मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक कार्यालय द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए और मामले की त्वरित छानबीन की गई।

विशेषज्ञों की राय और जांच

घटना स्थल पर वन्यजीव चिकित्सकों द्वारा पोस्टमार्टम किया गया, जिसमें डॉ. विपिन चंद्र आदर्श और डॉ. वैभव शुक्ला जैसे विशेषज्ञों ने भाग लिया। जांच के दौरान हाथी के बच्चे का कंकाल और कुछ चमड़ा बरामद हुआ। इस कंकाल को सोन नदी के किनारे से हटाया गया और छानबीन के बाद शवदाह की प्रक्रिया पूरी की गई। यह सब कार्यवाही वन संरक्षक डॉ. अनुपम सहाय और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में की गई।

हालांकि, इस मामले में कुछ अस्पष्ट बातें भी सामने आईं हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सोन नदी में मगरमच्छ के होने की कोई सूचना नहीं है, और उन्हें इस इलाके में ऐसे जीवों की मौजूदगी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसने सवाल उठाए हैं कि क्या यह दावा सच है कि हाथी शावक की मौत मगरमच्छ द्वारा खाए जाने से हुई?

क्यों है घटना संदिग्ध?

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों द्वारा हाथी शावक की मौत को मगरमच्छ द्वारा खाए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, सोन नदी में कभी भी मगरमच्छ के दर्शन नहीं हुए हैं। इसके अलावा, हाथी की माताओं के व्यवहार को ध्यान में रखते हुए भी यह घटना संदेहास्पद लगती है। मादा हाथी आमतौर पर अपने बच्चों को 2 वर्ष की उम्र तक छोड़ती नहीं है और अगर कोई बच्चा किसी संकट में फंसता है, तो बाकी हाथी उसे बाहर निकालने में मदद करते हैं। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि अगर यह हाथी का बच्चा नदी में फंस गया था, तो उसकी मां और अन्य हाथियों ने उसे बाहर क्यों नहीं निकाला?

इसके अलावा, पार्क प्रबंधन ने मृत हाथी के बच्चे की उम्र की जानकारी साझा नहीं की है, जो इस घटना को और भी संदिग्ध बनाता है। कई लोग मानते हैं कि इस तरह की स्थिति को छिपाने के लिए संभवतः मगरमच्छ के नाम पर घटना को खड़ा किया गया हो।

क्या छिपाया जा रहा है?

यह आशंका भी जताई जा रही है कि पार्क प्रबंधन शायद अपनी कमी को छिपाने के लिए इस घटना को मगरमच्छ के खाते में डालने का प्रयास कर रहा हो। ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि इस घटना की गहन जांच की जाए, और इस संदिग्ध मौत के असल कारण का पता लगाया जाए।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए और किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इसलिए, क्षेत्र संचालक और उप संचालक का स्थानांतरण और मामले की व्यापक जांच से ही सच्चाई सामने आ सकती है।

आखिरकार, क्या किया जाए?

हाथियों की मौतों का यह सिलसिला अब और गंभीर रूप लेता जा रहा है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक के बाद एक हाथी शावकों की मौतें वन्यजीव संरक्षण के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती हैं। इस मामले में यदि जांच में कोई दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। इसके साथ ही, हाथी संरक्षण पर ध्यान देने और ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता है।

संदिग्ध मौत की गहन जांच और वन्यजीव सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथी शावक की संदिग्ध मौत ने एक बार फिर से वन्यजीव सुरक्षा और संरक्षण के मुद्दे को हवा दी है। जहां एक ओर पार्क प्रबंधन इसे मगरमच्छ द्वारा खाए जाने का कारण मान रहा है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय समुदाय और विशेषज्ञों के बीच इससे जुड़ी कई संदेहास्पद बातें सामने आ रही हैं। अब जरूरी है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और इसके सही कारण का पता चल सके।

वन्यजीव संरक्षण को लेकर हमें एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे घटनाओं का सामना न करना पड़े।