बुरहानपुर: जलावर्धन योजना में भ्रष्टाचार का खुलासा, संसद में अधिकारियों को लगाई फटकार
बुरहानपुर में जलावर्धन योजना में भ्रष्टाचार और लापरवाही का मामला सामने आया। सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने अधिकारियों को फटकार लगाई और योजना की शिकायत मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से करने की बात कही है।
बुरहानपुर जिले में जलावर्धन योजना का मुद्दा अब एक विवाद का रूप ले चुका है। इस योजना की शुरुआत 2017 में की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य शहरवासियों को RO (रिवर्स ऑस्मोसिस) के जरिए शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराना था। योजना का लक्ष्य था कि 2020 तक शहर में जलावर्धन का काम पूरा हो जाएगा, लेकिन अब यह स्थिति है कि 2025 तक भी यह योजना अधूरी पड़ी हुई है। सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने इस योजना में हो रही देरी और भ्रष्टाचार को लेकर अधिकारियों को फटकार है।
सांसद का खुलासा: झूठे आंकड़े और भ्रष्टाचार
सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने बताया कि अधिकारियों द्वारा उन्हें और अन्य जनप्रतिनिधियों को गुमराह करने के लिए गलत आंकड़े प्रस्तुत किए गए थे। अधिकारियों ने दावा किया था कि जलावर्धन योजना का 96 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, लेकिन जब सांसद, विधायक, कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त ने मिलकर योजना का भौतिक सत्यापन करने के लिए वार्डों का निरीक्षण किया, तो योजना की वास्तविक स्थिति कुछ और ही थी।
निरीक्षण के दौरान यह सामने आया कि जहां 4 फीट गहरा गड्ढा खोदने की आवश्यकता थी, वहां केवल 1 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया था। पाइपलाइन भी नालियों के जरिए डाली गई थी, जिससे नालियों का गंदा पानी घरों तक पहुंच रहा था। पानी की बर्बादी हो रही थी, बल्कि लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हो रहे थे। सांसद ने अधिकारियों की इस लापरवाही पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि इस योजना में भारी भ्रष्टाचार हुआ है।
कार्य की धीमी प्रगति और बढ़ती लागत
सांसद ने आगे कहा कि इस योजना का कार्य 50 प्रतिशत से भी कम पूरा हुआ है, जबकि अधिकारियों ने दावा किया था कि यह योजना 96 प्रतिशत पूरी हो चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि कई वार्डों में अभी तक गड्ढे भी नहीं खोदे गए हैं और काम की धीमी गति के कारण शहर का विकास प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा, इस योजना की लागत में भी लगातार वृद्धि हो रही है। अब तक इस योजना में 30 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार बढ़ चुका है। सांसद ने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्हें जनता को जवाब देना होता है और ऐसी लापरवाही से जनता की समस्याएं बढ़ रही हैं।
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से शिकायत
सांसद पाटिल ने इस गंभीर मामले को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत करने का इरादा जाहिर किया। उन्होंने कहा कि यह योजना भोपाल से मॉनिटर की जाती है और वहां से अधिकारियों द्वारा गलत आंकड़े पेश किए जाते हैं, जिससे योजना की वास्तविक स्थिति को छिपाया जाता है। अब जब योजना में खामियां उजागर हो चुकी हैं, तो सांसद ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। वे चाहते हैं कि यह मामला पूरी तरह से जांचा जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि योजना की वास्तविक स्थिति सामने आ सके और जनता को शुद्ध पेयजल मिल सके।
विधायक अर्चना चिटनीस की प्रतिक्रिया
बुरहानपुर की विधायक और प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अर्चना चिटनीस ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह योजना तीन साल पहले पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन अब तक यह अधूरी पड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि वे लगातार इस योजना की प्रगति पर निगरानी रखती रही हैं और जब से यह योजना शुरू हुई थी, तब से ही वे इसके बारे में पत्राचार करती रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि एक साल पहले इस योजना में गति आई थी, लेकिन इससे पहले कोई नहीं जानता था कि कोई एजेंसी इस योजना पर काम कर रही है और योजना में कोई प्रगति हो रही है। अब जब यह मामला उजागर हुआ है, तो उन्होंने भी अधिकारियों से जवाब तलब किया है और उम्मीद जताई है कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
योजना की अनदेखी और जनता की परेशानियाँ
जलावर्धन योजना का मुख्य उद्देश्य था शहरवासियों को स्वच्छ और शुद्ध पानी उपलब्ध कराना, लेकिन यह योजना अब तक अपनी दिशा से भटक चुकी है। अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण योजना में लगातार देरी हो रही है और इससे जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। न केवल जल संकट बढ़ रहा है, बल्कि लाखों लीटर पानी भी बर्बाद हो रहा है, जिसे बचाया जा सकता था।
इस पूरी स्थिति ने जनता के बीच गहरी निराशा और असंतोष उत्पन्न किया है। लोग यह महसूस कर रहे हैं कि जिन योजनाओं को उनकी भलाई के लिए लागू किया जाता है, वे सही तरीके से लागू नहीं हो पा रही हैं। इससे उनके जीवन स्तर पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
जलावर्धन योजना में भ्रष्टाचार: सख्त कार्रवाई की आवश्यकता
बुरहानपुर की जलावर्धन योजना में भ्रष्टाचार और लापरवाही का मामला अब गंभीर रूप ले चुका है। सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने इस योजना में हो रही अनियमितताओं का खुलासा किया और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। विधायक अर्चना चिटनीस ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता जताई है। यह समय है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाए ताकि जनता को शुद्ध पानी मिल सके और भविष्य में इस तरह की योजनाओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जा सके।