मुर्तुजा अमीन: सरकारी उदासीनता के खिलाफ ट्वीट बना हथियार, बुरहानपुर में स्टार्टअप को मिली बिजली

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में स्टार्टअप संचालक मुर्तुजा अमीन ने 85 युवाओं को रोजगार दिया। ट्वीट से बिजली मीटर की समस्या हल हुई। जानें उनकी प्रेरक कहानी।

मुर्तुजा अमीन: सरकारी उदासीनता के खिलाफ ट्वीट बना हथियार, बुरहानपुर में स्टार्टअप को मिली बिजली
स्टार्टअप संचालक मुर्तुजा अमीन

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से एक ऐसी कहानी सामने आई है जो न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि जुनून और मेहनत से कैसे एक युवा अपने शहर के लिए बदलाव ला सकता है। यह कहानी है मुर्तुजा अमीन की, जो पिछले 8 साल से अपने गृहनगर बुरहानपुर में एक आईटी स्टार्टअप चला रहे हैं और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर रहे हैं। लेकिन हाल ही में उन्हें अपने नए दफ्तर में बिजली मीटर लगवाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। परेशान होकर मुर्तुजा ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को ट्वीट किया, जिसके बाद उनकी समस्या का समाधान हुआ। आइए, जानते हैं इस प्रेरक घटना के बारे में विस्तार से।

बुरहानपुर के लिए मुर्तुजा का योगदान

मुर्तुजा अमीन एक ऐसे युवा हैं, जिनके पास विदेश में किसी मल्टीनेशनल कंपनी में मोटी सैलरी वाली नौकरी करने या मुंबई, इंदौर जैसे महानगरों में स्टार्टअप शुरू करने का विकल्प था। लेकिन उन्होंने अपने जन्मस्थान बुरहानपुर को चुना। उनका मकसद था अपने शहर के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना और युवाओं के पलायन को रोकना। आज उनके स्टार्टअप में 85 युवा काम कर रहे हैं, जो उनके इस सपने को साकार करने का सबूत है।

हाल ही में मुर्तुजा ने बुरहानपुर के दाउदपुरा इलाके में अपना नया ऑफिस शुरू किया। लेकिन यहां उन्हें एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा- बिजली का मीटर लगवाने में देरी। यह छोटी-सी लगने वाली समस्या उनके काम को प्रभावित कर रही थी। कई कोशिशों के बाद भी जब बात नहीं बनी, तो उन्होंने हार नहीं मानी और सोशल मीडिया का सहारा लिया।

ट्वीट ने बदली तस्वीर

मुर्तुजा ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को ट्वीट कर अपनी परेशानी बताई। दरअसल, यह ट्वीट तब किया गया जब उन्होंने मंत्री का एक बयान सुना, जिसमें गोयल ने कहा था कि भारत के स्टार्टअप संचालक चीन में बेहतर काम कर रहे हैं। मुर्तुजा ने इस बयान के जवाब में अपनी समस्या को उजागर किया। उनका यह ट्वीट वायरल हो गया और आईटी व स्टार्टअप कम्युनिटी उनके समर्थन में आ गई। नतीजा यह हुआ कि उनकी बिजली मीटर की समस्या तुरंत हल हो गई। इतना ही नहीं, इस घटना के बाद पीयूष गोयल ने स्टार्टअप्स के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया, जो इस क्षेत्र के लिए एक बड़ी पहल साबित हो सकती है।

स्टार्टअप्स के लिए बेहतर माहौल की मांग

मुर्तुजा अमीन का मानना है कि स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार को ऐसा माहौल बनाना चाहिए, जहां किसी को अपनी समस्या बताने के लिए ट्वीट जैसा कदम न उठाना पड़े। वे चाहते हैं कि स्टार्टअप संचालकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम जैसी सुविधाएं हों, ताकि बिजली, पानी या अन्य बुनियादी जरूरतों के लिए उन्हें परेशानी न हो। उनका कहना है कि अगर सरकार स्थानीय स्तर पर स्टार्टअप्स को सपोर्ट करे, तो यह न केवल रोजगार बढ़ाएगा, बल्कि छोटे शहरों के विकास में भी योगदान देगा।

कर्मचारी की जुबानी: हुजैफा नलवाला की कहानी

मुर्तुजा के स्टार्टअप में काम करने वाले हुजैफा नलवाला भी उनकी इस पहल की तारीफ करते हैं। हुजैफा बताते हैं कि उन्होंने जिस फील्ड में पढ़ाई की थी, उसके लिए उन्हें नौकरी की तलाश में इंदौर या मुंबई जैसे बड़े शहरों में जाना पड़ता। लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते वे ऐसा नहीं कर सके। मुर्तुजा के स्टार्टअप ने उन्हें अपने शहर में ही एक अच्छी नौकरी दी। वे कहते हैं, "मुर्तुजा जी जैसे लोग हमारे लिए प्रेरणा हैं। सरकार को ऐसे स्टार्टअप संचालकों के लिए प्रक्रियाओं को आसान करना चाहिए।"

स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की सरकारी पहल

भारत सरकार स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं के जरिए नए उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रही है। इन योजनाओं का मकसद स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करना और बेरोजगारी को कम करना है। लेकिन मुर्तुजा की कहानी बताती है कि जमीनी स्तर पर अभी भी कई चुनौतियां हैं। बिजली जैसे बुनियादी ढांचे की कमी स्टार्टअप्स के लिए बड़ी बाधा बन सकती है। ऐसे में सरकार को सिंगल विंडो सिस्टम और हेल्पलाइन जैसी सुविधाओं को और प्रभावी बनाने की जरूरत है।

एक प्रेरणा के रूप में मुर्तुजा

मुर्तुजा अमीन की कहानी सिर्फ एक स्टार्टअप चलाने वाले की नहीं, बल्कि एक ऐसे युवा की है जो अपने शहर के लिए कुछ योगदान देना चाहता है। उन्होंने न सिर्फ अपने सपनों को साकार किया, बल्कि 85 परिवारों को रोजगार का आधार भी दिया। उनकी यह पहल छोटे शहरों के युवाओं के लिए एक मिसाल है कि अगर हौसला हो, तो बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ती।

प्रेरणा और बदलाव का संदेश

मुर्तुजा अमीन की कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत और सही दृष्टिकोण से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। सरकार और समाज को मिलकर ऐसे स्टार्टअप संचालकों का साथ देना चाहिए, ताकि भारत के हर कोने में रोजगार और समृद्धि पहुंचे। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि सोशल मीडिया आज के दौर में न सिर्फ अपनी बात रखने का जरिया है, बल्कि बदलाव लाने का हथियार भी बन सकता है।