ममता बनर्जी के महाकुंभ बयान पर कैलाश विजयवर्गीय का पलटवार – जानें पूरी सच्चाई!

मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रयागराज महाकुंभ को 'मृत्युकुंभ' कहे जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी। जानें इस बयान के राजनीतिक असर और भाजपा के जवाब पर पूरी खबर।

ममता बनर्जी के महाकुंभ बयान पर कैलाश विजयवर्गीय का पलटवार – जानें पूरी सच्चाई!
महाकुंभ पर ममता बनर्जी के बयान पर कैलाश विजयवर्गी का पलटवार

( मोहम्मद फारूक ) मध्य प्रदेश के सतना जिले में, भाजपा के कद्दावर नेता और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रयागराज महाकुंभ को 'मृत्युकुंभ' कहे जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। ममता बनर्जी का यह बयान देश की राजनीति में हलचल मचा गया है और इसे लेकर सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने तीखा पलटवार किया है।

ममता बनर्जी का महाकुंभ बयान और राजनीतिक विवाद

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ के बारे में विवादास्पद बयान दिया था, जिसमें उन्होंने इसे 'मृत्युकुंभ' कहा। ममता के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में तूफान मचा दिया। उन्होंने दावा किया कि इस आयोजन में मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है और यह धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि एक 'मृत्युकुंभ' जैसा है।

उनके इस बयान ने भाजपा समेत देशभर में सनातन धर्म के समर्थकों को नाराज कर दिया। ममता के इस बयान पर अब भाजपा ने तीखा पलटवार करना शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी पर व्यक्तिगत हमला बोलते हुए कहा कि ममता जी ने देश में मृत्यु राजनीति की शुरुआत की है और वे हमेशा सनातन धर्म के खिलाफ बोलती रहती हैं।

कैलाश विजयवर्गीय का तीखा बयान

मध्य प्रदेश सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी के बयान को लेकर सतना में मीडिया से बात करते हुए कहा कि ममता जी को यह बयान देने में शर्म आनी चाहिए। उन्होंने कहा, "ममता जी देश में मृत्यु राजनीति लाई हैं, और पिछले 6 वर्षों में उन्होंने हमारे भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याएं करवाई हैं। यह उनकी राजनीति का हिस्सा है।"

कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में डाक्टर अस्पतालों में सुरक्षित नहीं हैं, और महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में तेजी आई है। उन्होंने कहा, "आपके राज्य में सामूहिक बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं, बावजूद इसके ममता जी इस तरह के घिनौने बयान दे रही हैं।"

विजयवर्गीय ने ममता के बयान को सनातन धर्म के खिलाफ करार देते हुए कहा कि उनका यह बयान न सिर्फ धार्मिक आस्थाओं का अपमान है, बल्कि उनकी राजनीति भी संकीर्ण और बेमानी हो चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि ममता को अपने शब्द वापस लेना चाहिए और देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए।

महाकुंभ के महत्व पर विचार

महाकुंभ एक बहुत ही महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें लाखों लोग एक साथ इकट्ठा होते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करके अपने पाप धोने का विश्वास करते हैं। यह आयोजन हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है और इसमें भाग लेने वाले लोग इसे जीवन के एक अहम मोड़ के रूप में देखते हैं। ऐसे में ममता बनर्जी का महाकुंभ को 'मृत्युकुंभ' कहना उनके बयान के विवाद को और बढ़ा देता है।

ममता बनर्जी के बयान का राजनीतिक असर

ममता के इस बयान ने न केवल भाजपा को आक्रोशित किया, बल्कि देशभर में इस पर बहस छिड़ गई है। भाजपा के नेताओं का कहना है कि ममता की राजनीति में हमेशा से ही धार्मिक असहमति और विवाद उभरते रहे हैं। उनका यह बयान किसी राजनीतिक दल या नेता के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे सनातन धर्म और हिंदू समाज के खिलाफ है।

सत्ताधारी पार्टी भाजपा के नेताओं का कहना है कि ममता बनर्जी का यह बयान असंवेदनशील और अपमानजनक है। इस विवाद के बाद, ममता को खुद अपने शब्द वापस लेकर सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए, ताकि इस घृणित बयान के द्वारा छिड़े विवाद को शांत किया जा सके।

राजनीतिक विवाद का संभावित असर

ममता बनर्जी के महाकुंभ पर दिए बयान ने एक नया राजनीतिक विवाद जन्म दिया है। भाजपा और अन्य धार्मिक संगठनों ने ममता के बयान की कड़ी निंदा की है और उन्हें अपने शब्द वापस लेने की सलाह दी है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि भारतीय राजनीति में धार्मिक मुद्दे कितने संवेदनशील होते हैं और कैसे ये मुद्दे राजनीतिक दलों के बीच टकराव का कारण बन सकते हैं। आगे आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि ममता इस विवाद को कैसे संभालती हैं और क्या उनका बयान भारतीय राजनीति में कोई नया मोड़ लाता है।