यूपी: मंत्री आशीष पटेल ने विरोधियों पर साधा निशाना, प्रमोशन विवाद और षड्यंत्र का किया खुलासा
उत्तर प्रदेश के मंत्री आशीष पटेल ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में विरोधियों पर निशाना साधा। प्रमोशन प्रक्रिया, पूर्व ओएसडी के षड्यंत्र और राज्य के सूचना विभाग के बजट के दुरुपयोग को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा कर अपने विरोधियों को इशारों में घेरते हुए कई अहम मुद्दों को उठाया। इस पोस्ट में उन्होंने प्रदेश सरकार के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय सिंह और सूचना निदेशक शिशिर सिंह पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह दोनों नेता अपने पद का दुरुपयोग कर झूठी अफवाहें फैला रहे हैं और उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं।
प्रमोशन प्रक्रिया पर मंत्री आशीष पटेल का बयान
मंत्री आशीष पटेल ने पोस्ट में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के तहत कर्मचारी प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी तरह से अधिकारियों के मार्गदर्शन और निगरानी में की गई थी, जिसमें मंत्री के रूप में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रमोशन प्रक्रिया में मुख्यमंत्री कार्यालय और अन्य संबंधित विभागों को पूरी जानकारी थी। मंत्री ने यह आरोप भी लगाया कि विरोधी तत्व इस प्रमोशन को लेकर नकारात्मक प्रचार कर रहे हैं, जबकि असलियत यह है कि इस प्रमोशन से सर्वाधिक लाभ वंचित वर्ग और ओबीसी समुदाय के 138 कर्मियों को मिला है।
इस प्रमोशन के चलते उन कर्मचारियों के हक को पुनः बहाल किया गया, जिनका अधिकार वर्षों तक दबाया गया था। मंत्री ने यह भी कहा कि "धरना मास्टर" के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद यह स्पष्ट हो गया कि विरोधी तत्व इस प्रमोशन की सफलता से नाखुश हैं और इसी कारण उनका पेट दर्द हो रहा है।
पूर्व ओएसडी पर गंभीर आरोप
मंत्री आशीष पटेल ने अपने पूर्व ओएसडी (ऑफिस स्पेशल डिवलपमेंट) राज बहादुर सिंह पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राज बहादुर सिंह, जो लोकसभा चुनाव से पहले तक उनके साथ थे, एनडीए उम्मीदवार अनुप्रिया पटेल को हराने के लिए षड्यंत्रकारी तत्वों के संपर्क में थे। मंत्री ने यह भी कहा कि राज बहादुर सिंह ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मीडिया का इस्तेमाल करने की कोशिश की, जबकि वह सरकारी कर्मचारी थे।
मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि जब उन्हें इस षड्यंत्र का पता चला, तो उनके पास अपने ओएसडी को हटाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। उनके अनुसार, अगर राज बहादुर सिंह को चुनाव लड़ने की इच्छा थी, तो वह सरकारी कर्मचारी होते हुए मीडिया के जरिए अपनी नेतागिरी को चमकाना चाहते थे, लेकिन उनकी यह मंशा पूरी नहीं हो पाई।
1700 करोड़ रुपए के बजट का दुरुपयोग
मंत्री ने यूपी सरकार के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय सिंह और सूचना निदेशक शिशिर सिंह पर आरोप लगाया कि ये दोनों नेता राज्य के सूचना विभाग के 1700 करोड़ रुपए के बजट का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग उनकी छवि खराब करने के लिए झूठी खबरें फैला सकते हैं और मीडिया में उनकी माफी मांगने की अफवाहें चला सकते हैं।
मंत्री ने यह भी कहा कि ये लोग "खिलौने में चाबी भरने" का काम कर रहे हैं, यानी वे मीडिया को अपने पक्ष में करने के लिए किसी न किसी तरीके से काम कर रहे हैं, लेकिन जब मुकाबला सामने आकर करना होता है, तो वे इनकार कर देते हैं। मंत्री का कहना था कि भले ही कितनी भी अफवाहें फैल जाएं, लेकिन लोगों को सच्चाई पता है।
आशीष पटेल का संदेश
मंत्री आशीष पटेल ने अपनी पोस्ट में यह संदेश भी दिया कि चाहे कितने भी षड्यंत्र रचे जाएं, सच्चाई सामने आएगी। उनका कहना था कि उनके खिलाफ जो भी प्रयास किए जा रहे हैं, वे सफल नहीं होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि "धरना मास्टर" की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जो कुछ भी सामने आया है, वह सभी को स्पष्ट कर चुका है और आने वाले समय में और भी राज खुलने वाले हैं।
राजनीतिक हलचलें और सरकार की रणनीति
इस पोस्ट ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। जहां एक ओर मंत्री आशीष पटेल ने खुलकर विरोधियों पर निशाना साधा, वहीं दूसरी ओर इस पोस्ट ने सत्ता और विपक्ष के बीच के रिश्तों को और भी तल्ख कर दिया है। यह घटनाक्रम इस बात को भी दर्शाता है कि आगामी चुनावों को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक संघर्ष और भी तेज हो सकता है।
आशीष पटेल का यह आरोप भी महत्वपूर्ण है कि कुछ लोगों ने उनके खिलाफ मीडिया के माध्यम से एक झूठा अभियान चलाया, और उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। यह एक संकेत है कि सत्ता में बने रहने के लिए राजनीति में बहुत सारे उतार-चढ़ाव हो सकते हैं और नेता अपनी छवि बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
यूपी राजनीति में नई हलचल और षड्यंत्रों का खुलासा
आशीष पटेल के इस बयान ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई दिशा दी है। उन्होंने जहां प्रमोशन प्रक्रिया और कर्मचारियों के हक की बात की, वहीं विपक्षी तत्वों पर भी आरोप लगाए कि वे उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर और क्या घटनाएँ घटती हैं और यूपी सरकार का अगला कदम क्या होगा।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में आशीष पटेल का यह बयान न केवल उनके विरोधियों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि राज्य सरकार अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के मुद्दों को गंभीरता से ले रही है और किसी भी गलत फहमी या षड्यंत्र को सहन नहीं करेगी।