उज्जैन: ब्याजखोरों की धमकी से युवक ने की आत्महत्या, वायरल हुई चैट

उज्जैन के तराना में 19 साल के अभिषेक मालवीय ने ब्याजखोरों की धमकी से तंग आकर आत्महत्या कर ली। 2000 रुपये के कर्ज पर 300 रुपये रोज की पेनल्टी और धमकियों ने उसकी जान ले ली। पढ़ें पूरी खबर।

उज्जैन: ब्याजखोरों की धमकी से युवक ने की आत्महत्या, वायरल हुई चैट
ब्याजखोरों की धमकी से युवक ने की आत्महत्या

उज्जैन से करीब 50 किलोमीटर दूर तराना थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां 19 साल के एक युवक अभिषेक मालवीय ने ब्याजखोरों की धमकी और प्रताड़ना से परेशान होकर जहरीला पदार्थ खा लिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। इस मामले ने इलाके में सनसनी मचा दी है। अभिषेक के परिजनों ने बताया कि उसने गांव के ही दो लोगों, आफताब और साहिल से 2000 रुपये उधार लिए थे। लेकिन जब वह ब्याज नहीं चुका पाया, तो इन ब्याजखोरों ने उससे हर दिन 300 रुपये की पेनल्टी वसूलना शुरू कर दिया। धमकियों से तंग आकर अभिषेक ने यह खौफनाक कदम उठाया। इस घटना के बाद व्हाट्सएप पर ब्याजखोरों और अभिषेक के बीच हुई चैट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, जिससे लोगों में गुस्सा और आक्रोश फैल रहा है।

क्या है पूरा मामला?

अभिषेक मालवीय मूल रूप से घोसला गांव का रहने वाला था और तराना में गाड़ियां ठीक करने का काम करता था। उसने कुछ समय पहले अपने गांव के ही आफताब और साहिल से 2000 रुपये उधार लिए थे। शुरुआत में उसने समय पर रुपये लौटाने की कोशिश की, लेकिन जब वह ब्याज की रकम नहीं दे पाया, तो दोनों आरोपियों ने उस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। जानकारी के मुताबिक, इन ब्याजखोरों ने 2000 रुपये के कर्ज पर 20% की भारी-भरकम ब्याज दर लगाई थी। जब अभिषेक एक महीने तक ब्याज नहीं दे पाया, तो इन लोगों ने उससे हर दिन 300 रुपये की पेनल्टी वसूलनी शुरू कर दी। 

अभिषेक की कमाई का बड़ा हिस्सा इन लोगों को देने में चला जाता था। जिस दिन वह पेनल्टी नहीं दे पाता, उसे फोन और व्हाट्सएप पर धमकियां मिलती थीं। घटना वाले दिन भी ऐसा ही हुआ। जब अभिषेक ने फोन नहीं उठाया, तो आफताब और साहिल ने उसे व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर धमकाया और कहा कि उसे घर से उठा ले जाएंगे। एक मैसेज में लिखा था, "आज तक की 1700 रुपये पेनल्टी हो गई है, कब देगा? कल तक नहीं आए तो तेरी तू जानना।" इस धमकी से डरकर अभिषेक ने जहरीला पदार्थ खा लिया। परिजन उसे उज्जैन के अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं।

परिजनों का दर्द और वायरल चैट

अस्पताल ले जाते वक्त अभिषेक ने अपनी बहन को बताया कि वह ब्याजखोरों की प्रताड़ना से तंग आ चुका था। उसने कहा, "साहिल और आफताब मुझे हर दिन 300 रुपये की पेनल्टी के लिए धमका रहे थे। मैं इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकता।" परिजनों ने पुलिस को अभिषेक और ब्याजखोरों के बीच हुई व्हाट्सएप चैट सौंप दी है, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस चैट में साफ दिख रहा है कि किस तरह उसे लगातार धमकाया जा रहा था। परिजनों का कहना है कि अगर समय रहते पुलिस ने कार्रवाई की होती, तो शायद अभिषेक आज जिंदा होता।

पुलिस का रुख

इस मामले में एडिशनल एसपी पल्लवी शुक्ला ने बताया कि पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। रिपोर्ट आने के बाद व्हाट्सएप चैट और परिजनों के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, परिजनों और स्थानीय लोगों का आरोप है कि ब्याजखोरी का धंधा इलाके में लंबे समय से चल रहा है, लेकिन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता।

ब्याजखोरी का काला सच

यह घटना ब्याजखोरी के उस काले चेहरे को सामने लाती है, जो छोटे शहरों और गांवों में लोगों की जिंदगी को तबाह कर रहा है। 2000 रुपये जैसे छोटे कर्ज पर 20% ब्याज और फिर 300 रुपये रोज की पेनल्टी वसूलना न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि इंसानियत के खिलाफ भी है। अभिषेक की कहानी उन तमाम लोगों की व्यथा को बयां करती है, जो मजबूरी में ब्याजखोरों के चंगुल में फंस जाते हैं और फिर उनकी जिंदगी नर्क बन जाती है।

समाज और प्रशासन के लिए सवाल

अभिषेक की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर ब्याजखोर इतने बेखौफ क्यों हैं? प्रशासन इस पर लगाम क्यों नहीं लगा पा रहा? क्या एक युवा की जान जाने के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा? लोगों का कहना है कि सरकार को सख्त कानून बनाकर और जागरूकता फैलाकर इस समस्या से निपटना चाहिए।