ग्वालियर: स्वास्थ्य कर्मचारी , के साथ मारपीट और धमकी, संघ ने की कड़ी कार्यवाही की मांग
ग्वालियर के स्वास्थ्य कर्मचारी हरीओम सोदे के साथ मारपीट, जाति सूचक गाली-गलौच और जान से मारने की धमकी मामले में कार्रवाई की मांग की गई है। जानें इस मामले में संघ द्वारा की गई मांग और पुलिस की स्थिति।
मध्य प्रदेश: ग्वालियर में 13 जनवरी 2025 को एक गंभीर घटना घटित हुई, जब शहरी स्वास्थ्य केंद्र गुड़ा एंडी के कर्मचारी हरीओम सोदे के साथ कुछ असामाजिक तत्वों ने मारपीट की और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है, और अब एनएचएम संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने इस घटना के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इस घटना के बाद, कोमल सिंह, जो कि ग्वालियर एनएचएम संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हैं, और उनके नेतृत्व में संघ के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधीश महोदय और पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से इस घटना का विवरण दिया गया और आरोपियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई।
ग्वालियर में स्वास्थ्य कर्मचारी के साथ हुई मारपीट और धमकी की घटना पर कड़ी कार्रवाई की मांग। संघ ने पुलिस और प्रशासन से दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का आग्रह किया। #JusticeForHariomSode #Gwalior #HealthWorker #ActionNeeded #PoliceInvestigation #StopViolence pic.twitter.com/5WaQJUgjoG — monurathore1544@gmail.com (@monurathore1544) January 29, 2025
घटना का विवरण:
13 जनवरी 2025 को लगभग दोपहर 3:30 बजे, हरीओम सोदे शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुड़ा एंडी के कार्यालय में कार्यरत थे। तभी, राहुल खान, अशोक खान, दिलसाद खान और उनके अन्य साथी वहाँ आए और बिना किसी कारण के हरीओम सोदे के साथ गाली-गलौच शुरू कर दी। आरोपियों ने न केवल उन्हें जाति सूचक गालियाँ दीं, बल्कि उनके साथ शारीरिक मारपीट भी की। इस दौरान, उन्होंने हरीओम सोदे को जान से मारने की धमकी भी दी।
पुलिस की लापरवाही:
घटना के तुरंत बाद हरीओम सोदे ने गुड़ा गुढी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इससे हरीओम और उनके साथियों में आक्रोश पैदा हो गया। चूंकि पुलिस द्वारा उचित कदम नहीं उठाए गए, हरीओम सोदे को मजबूर होकर जन सुनवाई और पुलिस अधीक्षक से शिकायत करनी पड़ी।
संघ की मांग:
एनएचएम संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने मांग की है कि इस गंभीर मामले में दोषियों के खिलाफ उचित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जाए। संघ ने विशेष रूप से शासकीय कार्य में बाधा डालने, जातिवादी गाली-गलौच करने और मारपीट करने के आरोपों को गंभीरता से लेने की अपील की है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के मामलों में प्रशासन को शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि कर्मचारियों का मनोबल टूटे नहीं और इस तरह की घटनाओं को रोकने में मदद मिल सके।
संघ ने यह भी बताया कि इस घटना से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आरोपियों ने गुंडागर्दी की है। ऐसे में पुलिस की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि वे जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई करें और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाएँ।
समाज में जागरूकता और न्याय की आवश्यकता:
यह घटना न केवल स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए, बल्कि समाज के सभी वर्गों के लिए एक चेतावनी है। कर्मचारियों को सुरक्षित वातावरण में काम करने का अधिकार है, और जब ऐसे मामले सामने आते हैं, तो यह जरूरी हो जाता है कि समाज और प्रशासन मिलकर इस पर कड़ा कदम उठाए। जातिवाद और हिंसा की घटनाएँ समाज में भय का माहौल पैदा करती हैं, जो किसी भी समाज के लिए स्वस्थ नहीं है।
हमें उम्मीद है कि इस घटना के बाद प्रशासन और पुलिस विभाग शीघ्र कार्रवाई करेंगे और सभी दोषियों को सजा दिलवाएंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ फिर से न घटित हो।
ग्वालियर में स्वास्थ्य कर्मचारी हरीओम सोदे के साथ हुई मारपीट और धमकी की घटना को लेकर अब एनएचएम संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। समाज में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि किसी भी कर्मचारी को अपनी सेवाएं देने के दौरान इस तरह के उत्पीड़न का सामना न करना पड़े।