ग्वालियर में सायबर ठगों का नया अंदाज: अधिकारियों को फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट से ठगने की कोशिश

ग्वालियर में सायबर ठगों ने नगर निगम आयुक्त का फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बना कर अधिकारियों से ठगी करने की कोशिश की। पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और ठग की तलाश शुरू कर दी है।

ग्वालियर में सायबर ठगों का नया अंदाज: अधिकारियों को फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट से ठगने की कोशिश
ग्वालियर साइबर ठगी का मामला

मध्य प्रदेश: सायबर ठगों ने एक नई तरीके से लोगों को शिकार बनाने का तरीका ढूंढ लिया है। हाल ही में ग्वालियर नगर निगम आयुक्त के फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट को बनाकर अधिकारियों से ठगी करने का प्रयास किया गया। इस मामले में नगर निगम आयुक्त अमन वेष्णव ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर सायबर ठगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है।

फर्जी अकाउंट बना कर अधिकारियों को ठगने का प्रयास

दरअसल, ग्वालियर नगर निगम के आयुक्त अमन वेष्णव के नाम से एक फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट और सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाया गया था। इस अकाउंट से उनके अधीनस्थ अधिकारियों डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव (उपायुक्त) और श्रीकांत कांटे (कार्यपालन यंत्री) को मैसेज भेजे गए थे। यह मैसेज इस उद्देश्य से भेजे गए थे कि इन अधिकारियों से किसी प्रकार की ठगी की जाए। यह पूरी स्थिति साइबर ठगों के लिए एक नया तरीका था, जिसमें उन्होंने न सिर्फ सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया, बल्कि प्रतिष्ठित अधिकारियों का नाम भी इस्तेमाल किया।

आयुक्त ने पुलिस को शिकायत दी

आयुक्त अमन वेष्णव ने जब इस मामले को गंभीरता से देखा, तो उन्होंने पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी। पत्र में उन्होंने बताया कि उनके नाम से बनाए गए फर्जी अकाउंट पर एक व्हाट्सएप नंबर भी था, जिसे ट्रूकॉलर पर सर्च करने पर "एम कैलाश विनायक दुर्गम" नाम से पता चला। इस नाम को देखते हुए आयुक्त ने इसे सायबर ठगी के प्रयास के रूप में पहचाना और इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

आयुक्त की शिकायत मिलने के बाद ग्वालियर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सायबर पुलिस को मामले की जांच के लिए आदेश दिए। पुलिस ने इस फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट और नंबर का विश्लेषण करना शुरू किया। पुलिस की सायबर टीम ने यह सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी जांच की कि इस अकाउंट का इस्तेमाल कैसे और किस उद्देश्य से किया जा रहा था। सायबर पुलिस ने जांच के आधार पर ठग के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी और उसकी तलाश में जुट गई।

सायबर ठगी से बचाव के उपाय

यह घटना ग्वालियर में एक नई सायबर ठगी के तरीके का पर्दाफाश करती है। सायबर ठग अब केवल व्यक्तिगत जानकारी चुराने तक ही सीमित नहीं रहते, बल्कि वे अब प्रतिष्ठित अधिकारियों और व्यक्तियों के नाम का दुरुपयोग करके भी ठगी कर रहे हैं। इस प्रकार के अपराधों से बचने के लिए सभी को सतर्क रहना होगा।

व्यक्तिगत सुरक्षा की आवश्यकता

यह घटना यह भी दर्शाती है कि व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी को सोशल मीडिया पर साझा करने से पहले हमें अधिक सतर्क रहना चाहिए। लोगों को अपनी पहचान की सुरक्षा और सोशल मीडिया पर सुरक्षित रहने के तरीकों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। सायबर ठगों से बचने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने अकाउंट्स को सुरक्षित रखें, जैसे कि पासवर्ड को मजबूत बनाना और अपनी पहचान से संबंधित जानकारी को साझा करने से बचना।

पुलिस से संपर्क करें

अगर कोई व्यक्ति इस प्रकार की सायबर ठगी का शिकार होता है या इस तरह की किसी संदिग्ध गतिविधि को देखता है, तो उसे तुरंत पुलिस से संपर्क करना चाहिए। ग्वालियर पुलिस ने सायबर अपराधों से संबंधित मामलों में त्वरित कार्रवाई करने का वादा किया है और ऐसे ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।

सतर्क रहें और अपनी सुरक्षा करें

ग्वालियर में सायबर ठगों द्वारा एक नया तरीका अपनाया गया है, जिसमें उन्होंने नगर निगम आयुक्त के नाम से फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बना कर अधिकारियों को ठगने का प्रयास किया। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और ठग की तलाश जारी है। यह घटना हमें सिखाती है कि हमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी और सोशल मीडिया अकाउंट्स की सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। सायबर ठगों से बचने के लिए यह जरूरी है कि हम अपनी पहचान और डेटा की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।