उज्जैन में शराबबंदी पर जीतू पटवारी का बयान: क्या सरकार की योजना से नेताओं को मिलेगा फायदा?
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने उज्जैन में शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव पर हमला बोला, साथ ही आगामी कांग्रेस कार्यक्रम की जानकारी दी और भाजपा व आरएसएस के बयानों पर भी प्रतिक्रिया दी।
मध्य प्रदेश में उज्जैन जैसे धार्मिक नगरी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा शराबबंदी की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री के इस फैसले पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से सरकार के खजाने में जो पैसा आता था, वह अब नेताओं के पास जाएगा। यह बयान कांग्रेस के नेता जीतू पटवारी ने उज्जैन में कांग्रेस कार्यालय पर आयोजित एक बैठक के दौरान मीडिया से किया।
मध्य प्रदेश कांग्रेस का आगामी कार्यक्रम:
इस बैठक में शहर कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश भाटी ने जानकारी दी कि 27 जनवरी 2025 को विपक्षी नेता राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद प्रियंका गांधी महू में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में भाग लेने वाले हैं। यह कार्यक्रम डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महू में आयोजित होगा। कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए उज्जैन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और कार्यक्रम की तैयारियों पर चर्चा की।
उन्होंने बताया कि इस आयोजन में "जय बापू, जय भीम, जय संविधान" के नारे के साथ भव्य रूप से कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। पटवारी ने जोर देकर कहा कि इस आयोजन में अधिक से अधिक लोग शामिल हों, इसके लिए उन्होंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश करने का वादा किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत करने के लिए पटाखे फोड़े, ढोल बजाए और उन्हें सूत की माला पहनाकर सम्मानित किया।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पर हमला:
जीतू पटवारी ने आगे कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एजेंसियां ठीक से काम करती हैं तो मध्य प्रदेश के पूरे मंत्रिमंडल को जेल में होना चाहिए। उन्होंने इस टिप्पणी का जिक्र करते हुए गोविंद सिंह राजपूत और सौरभ शर्मा के नामों को लिया, जिन पर कई आरोप लगे हैं। पटवारी का कहना था कि इस तरह के आरोपों का सामना करने वाले नेताओं को जेल में होना चाहिए।
पटवारी ने यह भी आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को क्राइम, करप्शन, कर्ज और कमीशन में बहुत रुचि है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के पद पर आने के बाद से जंगलों में सोने के बिस्किट मिलने की खबरें आ रही हैं, जबकि मुख्यमंत्री गांवों का विकास करने के बजाय उनके नाम बदलने में व्यस्त हैं।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया:
जीतू पटवारी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। मोहन भागवत ने 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने को लेकर एक विवादित बयान दिया था, जिसे लेकर पटवारी ने उनकी आलोचना की। पटवारी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस हमेशा संविधान का अपमान करते हैं और आरक्षण पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने मोहन भागवत के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि यह बयान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीदों का अपमान है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बयान पर टिप्पणी करते हुए पूछा था कि क्या इस देश को संविधान से चलना है या तानाशाही तरीके से। पटवारी ने इस बयान के जरिए यह आरोप भी लगाया कि भाजपा की विचारधारा कट्टरता और असहिष्णुता की ओर बढ़ रही है और यह भारत की सर्वधर्म समभाव की भावना के खिलाफ है।
आखिरकार, क्या है पटवारी की योजना?
जीतू पटवारी का बयान कई तरह के सवाल खड़े करता है, और यह साफ है कि वे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और भाजपा के खिलाफ अपने हमलों को तेज करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने जो भी आरोप लगाए हैं, वे भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस के तेवर को और तीव्र करने का संकेत देते हैं। यह देखते हुए कि कांग्रेस पार्टी ने आगामी महू कार्यक्रम की पूरी तैयारी कर ली है, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह कार्यक्रम पार्टी के लिए कितना सफल साबित होता है।
आखिरकार, जीतू पटवारी का यह बयान राजनीति के उस स्तर को दर्शाता है, जहां हर पहलू पर सवाल उठाना और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति जारी रहती है।