ग्वालियर: ईडी की छापेमारी, केके अरोड़ा के घर से जुड़े दस्तावेजों की खोज
ग्वालियर में ईडी ने केके अरोड़ा के घर पर छापेमारी की। छानबीन बेनामी संपत्ति और संदिग्ध संपत्तियों से जुड़ी थी। भोपाल में लावारिस गाड़ी से बरामद 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये के मामले में कार्रवाई की जा रही है।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक महत्वपूर्ण छापेमारी की कार्रवाई की। यह कार्रवाई सीपी कॉलोनी में स्थित केके अरोड़ा के निवास पर की गई, जहां बेनामी संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज़ों की तलाश चल रही थी। छापेमारी के दौरान केके अरोड़ा और उनके परिवार के सदस्य घर पर नहीं थे, लेकिन उनके दो बहनोई की उपस्थिति में यह सर्चिंग की गई।
छापेमारी का उद्देश्य और दस्तावेज़ों की तलाश
ईडी के अधिकारियों द्वारा इस छापेमारी के दौरान बेनामी संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज़ों की तलाश की जा रही थी। बेनामी संपत्ति वह संपत्ति होती है, जो किसी व्यक्ति के नाम पर नहीं होती, बल्कि उसके नाम से जुड़ी एक और नाम पर होती है। इन संपत्तियों के जरिये कई बार भ्रष्टाचार और काले धन की गतिविधियां चलती हैं। ग्वालियर में हुई इस छापेमारी की कड़ी एक अन्य मामले से जुड़ी हुई है, जिसमें लावारिस गाड़ी से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे।
केके अरोड़ा पर यह आरोप है कि वे इस मामले में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हो सकते हैं। जांच एजेंसियों को पता चला था कि उनके संबंध कुछ संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। उनका नाम इस मामले में सामने आने के बाद से ही ईडी की टीम ने उनकी संपत्तियों की जांच शुरू की। छापेमारी के दौरान घर के बाहर खड़ी उनके वाहन की भी सख्ती से तलाशी ली गई।
केके अरोड़ा का परिवार और उनका प्रोफाइल
केके अरोड़ा ग्वालियर के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, जो एक रिटायर्ड सीनियर सब रजिस्ट्रार रहे हैं। वर्तमान में वे ग्वालियर हाईकोर्ट में वकालत कर रहे हैं। केके अरोड़ा का एक बेटा और एक बेटी हैं। उनका बेटा रजत बैंगलोर में रहता है, जबकि उनकी बेटी का ससुराल देहरादून में है। इस वक्त केके अरोड़ा और उनकी पत्नी कमलेश बैंगलोर में अपने बेटे के पास हैं। जानकारी के मुताबिक, केके अरोड़ा ट्रेन से ग्वालियर लौट रहे हैं, लेकिन छापेमारी के दौरान वे घर पर नहीं थे।
किरायेदारों की स्थिति
केके अरोड़ा के मकान में दो किरायेदार भी रहते हैं। ईडी के अधिकारियों ने इन किरायेदारों से भी पूछताछ की, लेकिन इस दौरान किरायेदारों को अपने पोर्शन में ही रहने को कहा गया। अधिकारियों ने सख्ती से सभी मामलों की जांच की और घर के भीतर से कुछ महत्वपूर्ण बैग और अन्य सामग्री बरामद की। हालांकि, इस सामग्री की पूरी जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि इन सामानों से जुड़ी कुछ अहम जानकारी सामने आ सकती है, जो इस पूरे मामले को सुलझाने में मदद करेगी।
भोपाल में लावारिस गाड़ी और 52 किलो सोना
ग्वालियर में हुई इस छापेमारी का कनेक्शन भोपाल में मिली एक लावारिस गाड़ी से है। इस गाड़ी के अंदर 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकद मिले थे। इस गाड़ी के बारे में जांच एजेंसियों को सूचना मिली थी कि यह गाड़ी मेंडोरी के जंगल में खड़ी पाई गई थी। ईडी और अन्य जांच एजेंसियों का मानना है कि इस गाड़ी का संबंध केके अरोड़ा से हो सकता है। बताया जा रहा है कि गाड़ी जिस स्थान पर खड़ी मिली थी, उसकी भू स्वामिनी केके अरोड़ा की पत्नी कमलेश हैं।
यह जांच का अहम पहलू है, क्योंकि अगर केके अरोड़ा की पत्नी इस संपत्ति से जुड़ी हुई हैं, तो यह मामले की गंभीरता को बढ़ा सकता है। इसके साथ ही, यह भी संभावना जताई जा रही है कि केके अरोड़ा के व्यवसायिक संबंध भी इस गाड़ी और बरामद संपत्ति से जुड़ी हुई हो सकती है।
सौरभ शर्मा और विनय हासवानी का कनेक्शन
ईडी की छापेमारी के दौरान एक और व्यक्ति का नाम सामने आया है, जो इस मामले में महत्वपूर्ण हो सकता है। यह व्यक्ति सौरभ शर्मा है, जो कि आरटीओ के पूर्व कर्मचारी हैं। सौरभ शर्मा पर अकूत संपत्ति के मामले में आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों के अनुसार, सौरभ शर्मा ने अपनी सेवाओं के दौरान भारी मात्रा में संपत्ति इकट्ठा की, जिसका हिसाब नहीं मिल रहा है। उनके खिलाफ एक विस्तृत जांच चल रही है।
सौरभ शर्मा के एक साथी का नाम विनय हासवानी है, जो एक बिजनेस पार्टनर के रूप में केके अरोड़ा के साथ जुड़ा हुआ है। दोनों के बीच व्यापारिक संबंध होने की संभावना जताई जा रही है। जांच एजेंसियों का मानना है कि सौरभ शर्मा और विनय हासवानी के काले धन के रैकेट में केके अरोड़ा का भी हाथ हो सकता है।
छापेमारी का समय और प्रक्रिया
यह छापेमारी सुबह लगभग 6:30 बजे शुरू हुई और रात के 11:20 बजे तक पूरी हुई। इस दौरान ईडी के चार अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। अधिकारियों ने केके अरोड़ा के घर के विभिन्न हिस्सों की बारीकी से जांच की और दस्तावेजों की तलाश की। अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि सर्चिंग पूरी पारदर्शिता के साथ हो, और इस दौरान केके अरोड़ा के घर के बाहर खड़ी उनकी कार की भी जांच की गई। यह कार्रवाई बहुत ही सख्त तरीके से की गई थी, और जांच के हर पहलू को ध्यान में रखते हुए कोई भी चीज़ छोड़ी नहीं गई।
निष्कर्ष और आगे की जांच की दिशा
ग्वालियर में आज हुई ईडी की छापेमारी कई महत्वपूर्ण सवालों को जन्म देती है। इस मामले में बेनामी संपत्ति, काले धन और भ्रष्टाचार से जुड़ी कई परतें सामने आ सकती हैं। अगर केके अरोड़ा के नाम से जुड़ी संपत्तियां और उनके व्यवसायिक संबंध सही साबित होते हैं, तो यह पूरे मामले की दिशा को और स्पष्ट कर सकता है। इसके साथ ही, सौरभ शर्मा और विनय हासवानी की भूमिका भी मामले में महत्वपूर्ण हो सकती है। अब देखना होगा कि आगे की जांच में क्या नई जानकारी सामने आती है, और ईडी इस मामले में किस दिशा में कार्रवाई करती है।