छत्तीसगढ़: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या में प्रमुख आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर गिरफ्तार

पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या में प्रमुख आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को एसआईटी ने गिरफ्तार किया। जानिए हत्या के बाद की कार्रवाई और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बारे में।

छत्तीसगढ़: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या में प्रमुख आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर गिरफ्तार
आरोपी सुरेश चंद्राकर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की नृशंस हत्या ने राज्य भर में हलचल मचा दी है। यह हत्या उस समय की गई जब मुकेश चंद्राकर ने बीजापुर के सड़क निर्माण में हुए बड़े भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था। उनकी मौत के बाद पुलिस और प्रशासन ने इस मामले की जांच तेज कर दी और अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है, जिनमें मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर भी शामिल है।

इस मामले में एसआईटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) ने प्रमुख आरोपी सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है, जबकि उसकी पत्नी को कांकेर जिले से पकड़ लिया गया। इसके साथ ही पुलिस ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के अवैध कब्जों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है।

मुकेश चंद्राकर की हत्या का घटनाक्रम

मुकेश चंद्राकर की हत्या का घटनाक्रम 1 जनवरी 2024 की रात को शुरू हुआ। उस दिन मुकेश चंद्राकर अपने घर से लापता हो गए थे। उनकी लाश बाद में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के फार्म हाउस स्थित सेप्टिक टैंक में मिली। यह हत्या तब हुई जब मुकेश चंद्राकर ने एक समाचार रिपोर्ट में बीजापुर जिले में हो रहे घटिया सड़क निर्माण का खुलासा किया था।

मुकेश ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि इस सड़क निर्माण में 120 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ था। इस रिपोर्ट के प्रकाशित होते ही ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उनके परिवार के लोगों ने मुकेश को धमकी दी थी। एक जनवरी की रात, ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश चंद्राकर और उसके सहयोगी महेंद्र रामटेके ने मिलकर मुकेश पर लोहे की रॉड से हमला किया। इस दौरान मुकेश को सिर, छाती, पेट और पीठ पर गंभीर चोटें आईं। इसके बाद उन्होंने मुकेश के शव को पास के सेप्टिक टैंक में फेंक दिया और स्लेब से ढक दिया ताकि शव की पहचान न हो सके।

पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी

घटना के बाद पुलिस ने इस मामले की गहन जांच शुरू की। एसआईटी ने सबसे पहले ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के रिश्तेदार रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार किया। साथ ही, पुलिस ने मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें बनाई थीं, जो अलग-अलग दिशाओं में काम कर रही थीं।

एसआईटी की टीम ने आखिरकार सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया। सुरेश की पत्नी को कांकेर जिले से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने सुरेश चंद्राकर के बैंक खातों और एटीएम ट्रांजैक्शन्स को सीज कर दिया और उसकी संपत्ति पर नजर रखने के लिए डिजिटल ट्रांजैक्शन पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके अलावा, प्रशासन ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की।

प्रशासन की कार्रवाई

पुलिस और प्रशासन ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के अवैध कब्जे की जांच की। गंगालूर सड़क पर ठेकेदार का पांच एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा था, जिसे प्रशासन ने खाली करवाने के लिए बुलडोजर चलाया। इसके अलावा, बीजापुर स्थित वन विभाग की जमीन पर भी ठेकेदार ने अवैध अतिक्रमण किया था, जिस पर वन विभाग ने कार्रवाई शुरू की।

एसआईटी ने मामले में गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है और राज्य सरकार ने भी इस मामले को लेकर स्पीडी ट्रायल की घोषणा की है।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और हत्या की क्रूरता

मुकेश चंद्राकर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने इस हत्या की क्रूरता को और भी स्पष्ट किया। रिपोर्ट में बताया गया कि मुकेश के लीवर के चार टुकड़े हो गए थे, उनकी पांच पसलियां टूटी थीं, सिर में 15 फैक्चर थे, हार्ट फटा हुआ था और गर्दन भी टूट चुकी थी। डॉक्टरों ने कहा कि अपने 12 साल के करियर में उन्होंने इतनी नृशंस हत्या नहीं देखी थी।

राजनीतिक पहलू और कांग्रेस नेता की संलिप्तता

मुकेश चंद्राकर की हत्या में कांग्रेस नेता सुरेश चंद्राकर के नाम की भी चर्चा है। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि हत्या के मामले में कांग्रेस नेता सुरेश चंद्राकर का हाथ था और उन्होंने इसे ‘हत्या का सरगना’ बताया। उन्होंने कहा कि सुरेश चंद्राकर के रिश्तेदारों ने इस हत्या को अंजाम दिया और सुरेश खुद इस मामले में शामिल थे।

एसआईटी के प्रमुख ने इस मामले की गहन जांच का आश्वासन दिया है और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की बात कही है। साथ ही, उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मीडिया और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष

मुकेश चंद्राकर की हत्या ने मीडिया की स्वतंत्रता और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को एक नई दिशा दी है। मुकेश ने जो भ्रष्टाचार उजागर किया था, वह केवल बीजापुर तक सीमित नहीं था, बल्कि यह पूरे राज्य में एक बड़ा मुद्दा बन गया था। उनकी हत्या से यह सवाल भी उठने लगा है कि क्या सच बोलने की कीमत हमेशा इतनी महंगी हो सकती है?

इस हत्या के बाद कई पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आवाज उठाई है और राज्य सरकार से मांग की है कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाए और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही, मीडिया संस्थानों ने भी इस हत्या को लेकर गहरी चिंता जताई है और सरकार से मांग की है कि पत्रकारों के खिलाफ हो रहे हमलों की शीघ्र रोकथाम की जाए।

पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल

मुकेश चंद्राकर की हत्या एक ऐसा मामला है जो राज्य भर में मीडिया की स्वतंत्रता और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए सवालों को लेकर गंभीर चर्चा का कारण बन गया है। पुलिस और प्रशासन ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की है और अब मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर की गिरफ्तारी के बाद मामले की दिशा और तेज हो गई है।

हालांकि, यह हत्या राज्य में भ्रष्टाचार और पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है, लेकिन यह भी दर्शाता है कि जब तक इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक ऐसे अपराध बढ़ते रहेंगे। अब यह देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस मामले में किस हद तक न्याय प्रदान कर पाते हैं और पत्रकारों को एक सुरक्षित माहौल देने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।