कुंवर विजय शाह के विवादित बयान और मध्य प्रदेश की स्थिति

मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कुंवर विजय शाह के हालिया विवादित बयान और प्रदेश में चल रही विभिन्न योजनाओं पर उनकी टिप्पणियां। इसमें राहुल गांधी पर की गई टिप्पणी, सहरिया आदिवासियों के कुपोषण, भोपाल गैस त्रासदी के कचरे के निपटान और शराब नीति पर उनका रुख शामिल हैं।

कुंवर विजय शाह के विवादित बयान और मध्य प्रदेश की स्थिति
कैबिनेट मंत्री कुंवर विजय शाह

मध्य प्रदेश: सरकार के कैबिनेट मंत्री कुंवर विजय शाह अक्सर अपने बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं। इस बार उन्होंने एक विवादित बयान दिया है, जो राजनीति और समाज में चर्चा का कारण बना है। ग्वालियर में अपने प्रवास के दौरान उन्होंने राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए उनके पिता स्व. राजीव गांधी को भी निशाना बनाया। यह बयान एक बार फिर से प्रदेश में राजनीतिक हलचल को जन्म दे रहा है।

राहुल गांधी पर मंत्री शाह की टिप्पणी:

मंत्री कुंवर विजय शाह ने ग्वालियर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हमारे ऐतिहासिक धरोहर, धार्मिक संस्कार, रिवाज और कुंभ मेला हमारी पहचान हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं भी कुंभ जैसा मेला नहीं लगता और सनातनियों का इतना बड़ा मेला कहीं और नहीं होता। मंत्री शाह ने राहुल गांधी पर सवाल उठाते हुए पूछा, "क्या राहुल गांधी कभी कुंभ में गए हैं? मुझे नहीं लगता कि उनके पिताजी भी कभी कुंभ गए होंगे।"

शाह ने इस बयान को राहुल गांधी की मऊ यात्रा से जोड़ते हुए कहा कि हम अपने धर्म, संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करते हैं और भाजपा हमेशा अंबेडकर जी का सम्मान करती है। मंत्री ने आरोप लगाया कि अंबेडकर जी के पहले चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें हराया था और उनके कई महत्वपूर्ण कार्यों को भी कांग्रेस ने नकारा। उन्होंने कहा, "हम अंबेडकर जी के बताए रास्ते पर चलते हैं, जबकि राहुल गांधी और कांग्रेस ने उनकी योजनाओं को कमजोर किया है। भाजपा उनके योगदान को सच्चे दिल से मानती है, और राहुल गांधी को जो करना है, वह करें, क्योंकि देश और जनता ने उन्हें नकार दिया है।"

यह बयान एक बार फिर से कांग्रेस और भाजपा के बीच विचारधारा के अंतर को उजागर करता है और राजनीति में बहस को बढ़ावा देता है।

सहरिया आदिवासियों के कुपोषण पर मंत्री का बयान:

मध्य प्रदेश में सहरिया आदिवासी समुदाय के बीच बढ़ती कुपोषण की समस्या पर भी मंत्री कुंवर विजय शाह ने सख्त रुख अपनाया। प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री के रूप में उन्होंने कहा कि सहरिया आदिवासियों को बेहतर पोषण आहार, इलाज, राशन और 1500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं। मंत्री शाह ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि किसी जिलाधिकारी ने इस मामले में कोई लापरवाही की तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा, "यदि 30 तारीख तक कोई सहरिया आदिवासी योजना का लाभ नहीं उठा पाता है, तो हम कलेक्टर को भोपाल बुलाएंगे और जवाब लेंगे।"

यह बयान मंत्री के प्रशासनिक दक्षता और योजनाओं के प्रति उनकी सख्ती को दर्शाता है। यह आदिवासी समुदाय के लिए सरकारी योजनाओं की वास्तविकता और उन्हें सख्ती से लागू करने के प्रति मंत्री की प्रतिबद्धता को दिखाता है। शाह ने यह भी कहा कि सरकार आदिवासियों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी लाभार्थी योजना से वंचित न रहे।

भोपाल गैस त्रासदी कचरे के निपटान पर मंत्री का रुख:

भोपाल गैस त्रासदी की घटना के बाद उस क्षेत्र में फैले कचरे के निपटान पर भी कुंवर विजय शाह ने बयान दिया। मंत्री ने कहा कि इस घटना को हुए कई साल हो चुके हैं और इस मुद्दे पर पहले भी कई मंत्री काम कर चुके हैं। हालांकि, उन्होंने यह दावा किया कि उनकी सरकार ने कचरे को हटाने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, "हमने उस कचरे को सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देशों के तहत हटाया है और अब उसे नष्ट करने की प्रक्रिया भी जारी है।"

शाह ने यह भी कहा कि इस कार्य को केवल वही लोग कर सकते हैं, जिनके पास जिम्मेदारी निभाने की क्षमता हो, और उन्होंने इस काम में अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि कचरे को नष्ट करने के बाद उस भूमि का सही उपयोग करने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर एक बेहतर योजना बनाई जाएगी। उनका यह बयान यह दर्शाता है कि वे इस मामले में पूरी तरह से गंभीर हैं और इस दिशा में स्थायी समाधान की ओर बढ़ रहे हैं।

शराब नीति पर मंत्री का रुख:

मध्य प्रदेश की नई शराब नीति पर जब मंत्री कुंवर विजय शाह से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी साध ली। राज्य में सहरिया आदिवासी बहुल इलाकों में शराब की दुकानों के खोलने की योजना पर सवाल उठते हुए मंत्री शाह ने कहा कि यह विषय उनके दायरे में नहीं आता है और मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री इस पर उचित निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा, "यह विषय मेरा नहीं है, मुख्यमंत्री जी और आबकारी मंत्री जी इस पर अच्छे से विचार करेंगे। मुझे इस विषय की जानकारी बहुत कम है।"

मंत्री शाह का यह बयान यह दर्शाता है कि वे इस मामले में मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के दृष्टिकोण पर निर्भर हैं और अपनी तरफ से कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।

कुंवर विजय शाह: सख्ती और प्रतिबद्धता की झलक

कुंवर विजय शाह के बयान न केवल राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने प्रदेश के विभिन्न सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दों पर भी अपनी स्पष्ट राय रखी है। राहुल गांधी पर की गई टिप्पणी से लेकर सहरिया आदिवासियों के कुपोषण, भोपाल गैस त्रासदी के कचरे के निपटान और शराब नीति तक, मंत्री शाह ने प्रदेश की मौजूदा स्थिति और उनकी सरकार के दृष्टिकोण को उजागर किया है। उनकी टिप्पणियां यह संकेत देती हैं कि वे समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए सचेत हैं और उनकी सरकार प्रशासनिक मामलों में कोई ढिलाई नहीं बरतने वाली है।